भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही एकदिवसीय श्रृंखला के दूसरे मैच में भारत ने 4 विकेट से जीत हासिल की। इंग्लैंड द्वारा दिए गए 305 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 5.3 ओवर शेष रहते लक्ष्य हासिल किया। इस शानदार जीत में भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने 119 रन की शानदार पारी खेली, जो उनका 49वां अंतर्राष्ट्रीय शतक था। इस जीत के साथ भारत ने श्रृंखला में 2-0 की बढ़त बना ली है, और अब केवल अहमदाबाद में होने वाले अंतिम मैच में जीत की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
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इंग्लैंड की हार: चौथी लगातार एकदिवसीय श्रृंखला की हार
इंग्लैंड अब चार एकदिवसीय श्रृंखलाओं में लगातार हार चुका है, और इस हार के साथ उनकी स्थिति और भी कठिन हो गई है। इस महीने के अंत में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इंग्लैंड का मनोबल गिर सकता है, क्योंकि उनका प्रदर्शन इस समय अच्छा नहीं रहा है। इंग्लैंड की बल्लेबाजी में बड़ी साझेदारियों की कमी महसूस हुई और उन्हें भारत के खिलाफ कोई भी प्रभावी प्रदर्शन नहीं मिला।
इंग्लैंड के टॉप 6 बल्लेबाजों में से हर एक ने 26 रन बनाये, लेकिन कोई भी 70 रन के पार नहीं जा सका। बेन डकेट और जो रूट ही ऐसे बल्लेबाज थे, जिन्होंने अर्धशतक जड़े, लेकिन इंग्लैंड का स्कोर 304 तक ही पहुंच सका, जो भारत के लिए चुनौतीपूर्ण साबित नहीं हुआ।
रोहित शर्मा का शानदार प्रदर्शन: भारत को जीत दिलाई
भारत की जीत में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रोहित शर्मा के शानदार प्रदर्शन की रही। 37 वर्षीय कप्तान ने भारत की ओर से जोरदार शुरुआत करते हुए इंग्लैंड के गेंदबाजों की धुलाई की। शर्मा का शतक 76 गेंदों में आया, और उन्होंने यह साबित किया कि वह भारत के सबसे बड़े सफेद गेंद के बल्लेबाजों में से एक हैं। हालांकि, वह अंत में 119 रन पर आउट हो गए, लेकिन उन्होंने पहले ही मैच का रुख भारत की ओर मोड़ दिया था।
शर्मा की बल्लेबाजी की शुरुआत शानदार रही। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों, खासकर गस एटकिंसन और साकिब महमूद को बड़े शॉट्स मारते हुए निशाने पर लिया। इसके बाद एक बिजली गुल होने के कारण खेल में 30 मिनट का ब्रेक हुआ, लेकिन जब खेल फिर से शुरू हुआ, तो शर्मा ने फिर से अपनी बल्लेबाजी जारी रखी।
इंग्लैंड की बल्लेबाजी में कमी: बड़े योगदान की कमी
इंग्लैंड की बल्लेबाजी में कहीं न कहीं बड़े योगदान की कमी रही, जिससे टीम एक बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर पाई। डकेट, जो शुरुआत में आक्रमक थे, ने 65 रन बनाये लेकिन जल्द ही रविंद्र जडेजा के खिलाफ आउट हो गए। इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर में फिल साल्ट और हैरी ब्रुक भी संघर्ष करते दिखे। जडेजा ने शानदार गेंदबाजी की और तीन विकेट लेकर इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान किया।
जो रूट ने 69 रन बनाये, लेकिन वह भी ज्यादा देर क्रीज पर नहीं टिक सके और जडेजा की गेंद पर विराट कोहली के हाथों कैच हो गए। इंग्लैंड की बल्लेबाजी में भी सिर्फ जोस बटलर ने कुछ संघर्ष किया, लेकिन वह 34 रन ही बना सके। इस तरह इंग्लैंड 304 रन तक पहुंच सका, जो भारत के लिए असंभव लक्ष्य नहीं था।
रविंद्र जडेजा की गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन
भारत के लिए इस मैच में रविंद्र जडेजा का प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। जडेजा ने इंग्लैंड के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को परेशान किया और उनकी गेंदबाजी ने इंग्लैंड के स्कोर को सीमित किया। जडेजा ने अपनी किफायती गेंदबाजी और महत्वपूर्ण विकेटों के साथ इंग्लैंड की बल्लेबाजी लाइनअप को तोड़ा। उन्होंने 10 ओवर में 35 रन देकर 3 विकेट लिए, जो भारत की जीत में अहम योगदान था।
इंग्लैंड के लिए चोट की समस्या: जैकब बेटल की अनुपस्थिति
इंग्लैंड के लिए यह श्रृंखला और भी कठिन हो गई जब जैकब बेटल चोटिल हो गए। बेटल की हैमस्ट्रिंग चोट के कारण वह चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेल पाएंगे। उनके जैसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी की अनुपस्थिति ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी को और कमजोर कर दिया। उनकी जगह टॉम बैंटन को कवर के तौर पर अंतिम मैच में शामिल किया गया है।
जोस बटलर का बयान: सुधार की आवश्यकता
इस हार के बाद, इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने टीम के प्रदर्शन पर विचार किया और कहा कि टीम को कुछ क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है। बटलर ने कहा, “हमें किसी एक खिलाड़ी की जरूरत थी जो बड़ी पारी खेले और हमारा स्कोर 330-350 के करीब ले जाए।” उन्होंने कहा कि टीम में कुछ खिलाड़ी अनुभव हासिल कर रहे हैं और ऐसे दिन अच्छे पाठ होते हैं, जिनसे वे सीख सकते हैं।
बटलर ने रोहित शर्मा की बल्लेबाजी की तारीफ करते हुए कहा, “जैसे रोहित ने खेला, वही दिखाता है कि हमें किस तरह से क्रिकेट खेलना चाहिए।” बटलर का यह बयान इंग्लैंड की रणनीति को सही दिशा में ले जाने की कोशिश की ओर इशारा करता है।
एकदिवसीय क्रिकेट में साझेदारियों का महत्व
इंग्लैंड के लिए यह हार इस बात का संकेत है कि एकदिवसीय क्रिकेट में साझेदारियां बनाना बहुत जरूरी है। डकेट और रूट ने शुरुआत में अच्छा खेल दिखाया, लेकिन वे लंबे समय तक क्रीज पर नहीं टिक सके। एकदिवसीय क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के लिए शुरूआत से अंत तक साझेदारियां जरूरी होती हैं, जो इंग्लैंड की बल्लेबाजी में कमी दिखी।
भारत की स्पिन गेंदबाजी: मैच का टर्निंग प्वाइंट
भारत की जीत में एक और अहम कारण उनकी स्पिन गेंदबाजी रही। जडेजा और अक्षर पटेल ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को पूरी तरह से अपने जाल में फंसाया। स्पिन गेंदबाजों की सटीकता और गति पर नियंत्रण ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को कम स्कोर पर रोका। इस मैच में स्पिन का महत्व ज्यादा था, और जडेजा ने इस स्थिति का पूरी तरह से फायदा उठाया।
चैंपियंस ट्रॉफी की ओर इंग्लैंड का रास्ता: सुधार की आवश्यकता
इंग्लैंड को यह हार चैंपियंस ट्रॉफी से पहले एक बड़े झटके के रूप में लेना होगा। चार हार के बाद इंग्लैंड को इस सीरीज में आत्ममंथन करने की जरूरत है। हालांकि, जोस बटलर ने संकेत दिया है कि इंग्लैंड की टीम अपनी गलतियों से सीखने के लिए तैयार है।
भारत के लिए यह जीत सफेद गेंद क्रिकेट में उनकी मजबूत स्थिति को दिखाती है। रोहित शर्मा और टीम का संतुलन अब शानदार दिख रहा है, और वे आने वाली प्रतियोगिताओं के लिए तैयार हैं।
भारत की जीत, इंग्लैंड के लिए सुधार की आवश्यकता
भारत ने दूसरे एकदिवसीय मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को 4 विकेट से हराया। रोहित शर्मा की शतकीय पारी और भारत के स्पिनरों का शानदार प्रदर्शन इंग्लैंड के लिए काफी भारी साबित हुआ। इंग्लैंड के लिए यह हार चैंपियंस ट्रॉफी से पहले एक बड़ा झटका है। हालांकि, इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर की सोच सकारात्मक है और वे टीम को सुधारने के लिए तत्पर हैं। भारत इस सीरीज में आगे बढ़ता हुआ दिख रहा है और उनके पास इस सीरीज को जीतने का बेहतरीन मौका है।
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