भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। सीरीज का चौथा मुकाबला मैनचेस्टर में खेला जा रहा है, जहां इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। इस समय भारत सीरीज में 1-2 से पीछे चल रहा है और यदि उसे सीरीज की उम्मीदें कायम रखनी हैं, तो मैनचेस्टर टेस्ट हर हाल में जीतना अनिवार्य होगा। इस दबावपूर्ण स्थिति को देखते हुए टीम इंडिया ने अपनी Playing XI में कई अहम बदलाव किए हैं।
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सबसे बड़ा बदलाव तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज के रूप में देखने को मिला है, जिन्हें इस मैच में Test debut करने का मौका मिला है। वहीं, करुण नायर को टीम से बाहर कर दिया गया है।
मैनचेस्टर में मिला डेब्यू का सुनहरा मौका
तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज को इस मुकाबले में भारत की ओर से टेस्ट कैप दी गई है। यह मौका उन्हें तब मिला जब अर्शदीप सिंह और आकाश दीप चोट के चलते इस टेस्ट से बाहर हो गए। दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 1990 में भारतीय स्पिन दिग्गज अनिल कुंबले ने भी अपना टेस्ट डेब्यू मैनचेस्टर में ही किया था। इतना ही नहीं, अंशुल और कुंबले दोनों के नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दस विकेट लेने का रिकॉर्ड भी है। यह संयोग क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक विशेष चर्चा का विषय बन गया है।
करुण नायर टीम से बाहर, साई सुदर्शन को मिला मौका
पिछले तीन टेस्ट मैचों में करुण नायर का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। उन्होंने ना तो बल्ले से योगदान दिया और ना ही अपने अनुभव का लाभ टीम को दिला पाए। नतीजतन, उन्हें मैनचेस्टर टेस्ट की Playing XI से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उनकी जगह अब युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन को मौका दिया गया है, जो इस लंबे प्रारूप में अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं।
शार्दुल ठाकुर की वापसी, नीतीश कुमार रेड्डी बाहर
नीतीश कुमार रेड्डी चोट के चलते सीरीज से बाहर हो चुके हैं, और उनकी जगह ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को शामिल किया गया है। ठाकुर के आने से टीम को मध्यक्रम में स्थिरता और गेंदबाजी में अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। खासकर विदेशी पिचों पर उनका अनुभव टीम के लिए अहम साबित हो सकता है।
शुभमन गिल की कप्तानी बरकरार, पंत की भूमिका भी अहम
शुभमन गिल इस टेस्ट में भी कप्तानी की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, क्योंकि रोहित शर्मा अब तक पूरी तरह फिट नहीं हैं। गिल की कप्तानी अब तक मिश्रित रही है, लेकिन अब उनके नेतृत्व में टीम को वापसी करनी होगी। विकेटकीपर की भूमिका में ऋषभ पंत बरकरार हैं और उनसे बैटिंग के साथ-साथ पीछे से मार्गदर्शन की भी उम्मीद रहेगी।
इंग्लैंड ने गेंदबाजी को दी प्राथमिकता
मैनचेस्टर की पिच पर हल्की नमी और बादल छाए रहने की संभावना को देखते हुए इंग्लैंड ने टॉस जीतते ही गेंदबाजी का फैसला लिया। यह फैसला इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों जैसे जोफ्रा आर्चर और क्रिस वोक्स के पक्ष में जाता है, जो नई गेंद के साथ बल्लेबाजों के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं। कप्तान बेन स्टोक्स भी अपने तेज गेंदबाजों के साथ आक्रामक फील्डिंग सेटअप के जरिए भारत पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाएंगे।
भारत की प्लेइंग इलेवन
भारत ने इस टेस्ट के लिए अनुभव और युवा जोश का संतुलन साधने की कोशिश की है।
यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल सलामी बल्लेबाज होंगे।
साई सुदर्शन तीसरे नंबर पर खेलेंगे।
कप्तान शुभमन गिल और ऋषभ पंत मध्यक्रम को मजबूती देंगे।
निचले क्रम में रविंद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर मौजूद रहेंगे।
गेंदबाजी आक्रमण की कमान जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और डेब्यू कर रहे अंशुल कंबोज के हाथों में होगी।
इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन
इंग्लैंड ने अपनी स्थिर टीम संरचना को बरकरार रखा है।
जैक क्रॉली और बेन डकेट ओपनिंग जोड़ी के रूप में उतरेंगे।
मध्यक्रम में ओली पोप, जो रूट और हैरी ब्रूक शामिल हैं।
कप्तान बेन स्टोक्स ऑलराउंड भूमिका में रहेंगे।
विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी जैमी स्मिथ के पास है।
गेंदबाजी में क्रिस वोक्स, ब्राइडन कार्स, जोफ्रा आर्चर और स्पिनर लियाम डॉसन का नाम शामिल है।
मौसम की भूमिका अहम
मैनचेस्टर का मौसम इस टेस्ट मैच के पहले दिन का रुख तय कर सकता है। मौसम विभाग के अनुसार बारिश की संभावना है, जो खेल में रुकावट डाल सकती है। अगर पहले दिन का खेल प्रभावित हुआ, तो यह गेंदबाजों को अतिरिक्त मदद दे सकता है। भारत को सतर्क रहकर शुरुआत करनी होगी, क्योंकि शुरुआती झटकों से बचना जरूरी है।
रणनीति और संयम की परीक्षा
यह मुकाबला सिर्फ स्कोर बोर्ड पर रन बनाने की नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती और रणनीति की भी परीक्षा है। भारत को अपनी top order से ठोस शुरुआत की उम्मीद होगी, ताकि मिडिल ऑर्डर के लिए राह आसान हो सके। दूसरी ओर, इंग्लैंड अपने गेंदबाजों से शुरुआत में ही बढ़त बनाने की कोशिश करेगा।
मैनचेस्टर का ऐतिहासिक महत्व
भारतीय क्रिकेट के लिए मैनचेस्टर हमेशा एक विशेष स्थान रहा है। चाहे वह 1990 में अनिल कुंबले का डेब्यू हो या वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक जीतें, यह मैदान कई यादगार पलों का साक्षी रहा है। अब यदि अंशुल कंबोज इस मैच में प्रभाव छोड़ते हैं और भारत जीत की राह पकड़ता है, तो यह मैदान एक बार फिर इतिहास रचने का गवाह बन सकता है।
चौथा टेस्ट भारत के लिए सिर्फ एक मुकाबला नहीं बल्कि एक अवसर है—सीरीज में वापसी का। नई Playing XI, नए चेहरे और नए जोश के साथ भारत इस मुकाबले में उतरा है। शुभमन गिल की कप्तानी में यह टीम इंग्लैंड को उसी की धरती पर चुनौती देने के लिए तैयार है। अब देखना है कि मैदान पर कौन सी टीम रणनीति को बेहतर ढंग से अमल में लाती है।
मैनचेस्टर के इस टेस्ट में हर सत्र, हर रन और हर विकेट की कीमत तय करेगी कि सीरीज की तस्वीर आगे कैसी दिखेगी।
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