आगरा। विश्व धरोहर और प्रेम की प्रतीक कही जाने वाली आगरा का ताजमहल क्षतिग्रस्त हो गया है। दरअसल, दो दिन पहले आए बवंडर ने विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल को भारी नुकसान पहुंचाया। तूफान ने दो घंटे में ही स्मारक के कई हिस्सों को तहस-नहस कर दिया। इसमें आठ मीनारें गिरकर टूट गईं। इसके अतिरिक्त ताज परिसर के दर्जनों पेड़ धराशायी हो गए है।
ताजमहल के इतिहास में इतना नुकसान पहले कभी नहीं हुआ था। तूफान आने पर जब कभी पत्थर टूटे कलश गिरा या फिर गुलदस्ते गिर गए, लेकिन इस बार जो तबाही हुई वह इतिहास में दर्ज हो गई। वर्ष 1632 से 1648 के बीच बने ताजमहल के बाद पहली बार स्मारक की मीनारों को नुकसान पहुंचा है। इनमें एक-एक रॉयल और दक्षिणी गेट की तथा सहेली बुर्ज की छह मीनारें पूरी तरह से नष्ट हो गईं है। स्मारक के फोरकोर्ट से लेकर गार्डन तक में खड़े कई पेड़ पूरी तरह से टूट गए।
शाही मस्जिद की बुर्जी भी तूफान की भेंट चढ़ गई। दिव्यांगों के लिए बनाए गए रैंप को भी काफी नुकसान पहुंचा है। पश्चिमी गेट पर लगा एक पत्तर और स्मारक के कुछ अन्य हिस्सों के भी पत्तर भरभरा कर गिर गए।
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पुरातत्व विभाग तूफान से ताजमहल में हुए भारी नुकसान का आंकलन कर रहा है। अभी तक जो आंकलन किया गया है उसके अनुसार सिर्फ ताजमहल में ही एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। ताजमहल में संरक्षण का कार्य देख रहे वरिष्ठ संरक्षण सहायक अमरनाथ गुप्ता का कहना है कि प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो नुकसान हुआ है वह ऊंचे हिस्सों पर है। उन्होंने बताया कि मरम्मति का कार्य पूरा होने में लगभग डेढ़ महीना का समय लग सकता है।