KKN गुरुग्राम डेस्क | मई महीने की शुरुआत के साथ ही बिहार में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। राज्य के कई जिलों में झमाझम बारिश, तेज गर्जना, ओलावृष्टि और बिजली गिरने की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, भागलपुर, पूर्णिया और नालंदा जैसे जिलों में भारी बारिश का असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया है और बताया है कि यह स्थिति 7 मई 2025 तक बनी रह सकती है।
आईएमडी की चेतावनी: तीन दिनों तक विशेष अलर्ट
आईएमडी पटना केंद्र ने 2 मई से लेकर 5 मई तक के लिए विशेष चेतावनी जारी की है। इसके अनुसार:
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अगले तीन दिनों तक भारी वर्षा, गरज-चमक, तेज हवाएं और ओलावृष्टि की आशंका बनी हुई है।
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7 मई तक राज्य के कई हिस्सों में मौसम बिगड़ा रह सकता है।
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वायुमंडल में नमी की मात्रा में भारी वृद्धि के कारण यह स्थिति बनी हुई है।
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि बारिश के दौरान घर के अंदर ही रहें, और बिजली गिरने या तेज हवाओं के समय खुले स्थानों से बचें।
क्या होता है येलो अलर्ट?
येलो अलर्ट एक प्रकार की चेतावनी होती है जो लोगों को सतर्क रहने के लिए जारी की जाती है। इसका मतलब होता है कि:
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सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है
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यातायात और बिजली आपूर्ति में रुकावट
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कमजोर इमारतों या पेड़ों के गिरने का खतरा
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ओलावृष्टि और बिजली गिरने से जान-माल को नुकसान
इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें।
क्यों हो रही है मई में भारी बारिश?
मई में आमतौर पर तापमान बढ़ता है और मानसून से पहले की गर्मी होती है। लेकिन इस बार मई की शुरुआत में ही बारिश हो रही है। इसका कारण है:
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वायुमंडल में अत्यधिक नमी
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बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाएं
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पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय चक्रवातीय परिसंचरण
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ये स्थितियां मौसम में असामान्य अस्थिरता पैदा कर रही हैं, जिससे गरज के साथ तेज बारिश हो रही है।
कृषि पर प्रभाव: किसानों की चिंता बढ़ी
बिहार एक कृषिप्रधान राज्य है और मई महीने में कई फसलों की बुवाई शुरू होती है। ऐसे में भारी बारिश और ओलावृष्टि से:
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मक्का, दाल, सब्जियां और धान की नर्सरी को नुकसान
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पानी भराव और कीट रोगों की संभावना
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खेतों में मिट्टी का कटाव और फसल गलने का खतरा
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे खेतों में जलनिकासी की व्यवस्था करें और नई बुवाई फिलहाल रोक दें।
बिजली गिरने का खतरा: जानलेवा साबित हो सकती है लापरवाही
बिहार में हर साल सैकड़ों लोग आकाशीय बिजली (वज्रपात) की चपेट में आकर जान गंवा देते हैं। इस बार भी आईएमडी ने वज्रपात की आशंका जताई है। इसलिए निम्न सावधानियां अपनाएं:
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बिजली के समय खुले में न जाएं, मोबाइल फोन का उपयोग न करें
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पेड़ों, खंभों या खुले मैदानों से दूर रहें
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घर में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद रखें
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पशुपालक अपने मवेशियों को खुले में न छोड़ें
आपदा प्रबंधन विभाग ने भी नागरिकों को अलर्ट रहने की सलाह दी है।
शहरी जीवन पर असर: जलजमाव और ट्रैफिक जाम
राजधानी पटना सहित कई शहरों में नाली जाम, सड़क पर पानी भराव, ट्रैफिक जाम और बिजली कटौती जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। नगर निगम द्वारा पंपिंग सेट तैनात किए गए हैं, लेकिन कई जगहों पर राहत कार्य धीमी गति से चल रहे हैं।
बीमारियों का खतरा: स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
लगातार बारिश और जलभराव से मच्छरों का प्रकोप, दस्त, डायरिया और स्किन इंफेक्शन जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि:
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साफ और उबला हुआ पानी पिएं
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खाने-पीने की चीजों को ढककर रखें
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बच्चों और बुजुर्गों को विशेष देखभाल दें
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किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
जलवायु परिवर्तन की ओर संकेत?
बिहार में हाल के वर्षों में मौसम की अनियमितता बढ़ती जा रही है – कभी असमय बारिश, कभी बेमौसम ठंड और कभी लू। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है, और इसके लिए नीति स्तर पर आपदा प्रबंधन और टिकाऊ कृषि नीति की जरूरत है।
बिहार में बारिश, गरज, ओलावृष्टि और वज्रपात का यह दौर फिलहाल थमने वाला नहीं है। 7 मई तक के लिए मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
लोगों से अपील है कि वे:
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मौसम विभाग की ताजा जानकारी पर नजर रखें
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बाहर निकलने से पहले सतर्कता बरतें
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बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों का विशेष ध्यान रखें
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