KKN गुरुग्राम डेस्क | मंगलवार सुबह बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में 5.1 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) दर्ज किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र समुद्र के अंदर 91 किलोमीटर की गहराई में था।
ओडिशा (Odisha) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कई शहरों में इसके झटके महसूस किए गए। कोलकाता (Kolkata) में भी कुछ सेकंड तक हल्के झटके दर्ज हुए, जिससे स्थानीय लोग कुछ समय के लिए सतर्क हो गए।
हालांकि, अधिकारियों ने पुष्टि की कि इस भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप के झटके: कहां-कहां महसूस हुए?
भूकंप का केंद्र 19.52° उत्तरी अक्षांश और 88.55° पूर्वी देशांतर पर स्थित था।
✅ ओडिशा के पुरी (Puri), पारादीप (Paradip) और बरहामपुर (Berhampur) में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
✅ पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता (Kolkata) में भी हल्के झटके दर्ज किए गए।
✅ स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर भूकंप महसूस होने की जानकारी साझा की।
ओडिशा के राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भूकंप का असर बहुत कम था, क्योंकि इसका केंद्र समुद्र के अंदर था।
भारत में हाल के भूकंप: क्या बढ़ रही है भूकंप गतिविधि?
बीते कुछ दिनों में भारत के अलग-अलग हिस्सों में कई भूकंप (Earthquake in India) दर्ज किए गए हैं।
1. हिमाचल प्रदेश में 3.7 तीव्रता का भूकंप
- रविवार, 23 फरवरी 2025 को हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी जिले (Mandi) में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया।
- इसका केंद्र सुंदरनगर (Sundernagar) क्षेत्र में 7 किलोमीटर गहराई में था।
- भूकंप जोन-5 में स्थित मंडी उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है।
- कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
2. दिल्ली में 17 फरवरी को आया तेज भूकंप
- दिल्ली (Delhi) और NCR में 17 फरवरी 2025 को भूकंप के झटके महसूस किए गए।
- भूकंप का केंद्र धौला कुआं (Dhaula Kuan) के पास था।
- यह झटका 5 किलोमीटर की गहराई में था, जिससे हल्की आवाजें भी सुनी गईं।
- दिल्ली भूकंप जोन-4 में आता है, जो भारत के सबसे भूकंप-संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है।
भारत में बार-बार भूकंप क्यों आते हैं?
भारत का भौगोलिक स्थान (Geographical Location of India) इसे भूकंप संभावित क्षेत्र बनाता है।
भूकंप आने के मुख्य कारण:
📌 टेक्टोनिक प्लेट्स मूवमेंट (Tectonic Plate Movements): भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स की टक्कर से भूकंप आते हैं।
📌 हिमालयी क्षेत्र (Himalayan Seismic Activity): हिमालयी क्षेत्र सबसे अधिक भूकंप संभावित क्षेत्र माना जाता है।
📌 भूकंपीय जोन (Seismic Zones in India): दिल्ली-एनसीआर, उत्तर भारत और समुद्र तटीय क्षेत्र (Coastal Regions) अधिक भूकंप प्रभावित हैं।
भारत के भूकंपीय क्षेत्र (Seismic Zones of India)
भारत को चार मुख्य भूकंपीय जोन (Seismic Zones) में विभाजित किया गया है।
Seismic Zone |
High-Risk Areas |
Zone 5 (Very High Risk) |
उत्तर-पूर्व भारत, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात |
Zone 4 (High Risk) |
दिल्ली-एनसीआर, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र |
Zone 3 (Moderate Risk) |
ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान |
Zone 2 (Low Risk) |
मध्य भारत, दक्षिण भारत के कुछ राज्य |
भूकंप से कैसे बचें? (Earthquake Safety Tips in Hindi)
भूकंप आने से पहले, उसके दौरान और बाद में सतर्क रहना बहुत जरूरी है।
भूकंप से पहले क्या करें?
✔ घर में सुरक्षित जगह पहचानें – मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपने की जगह रखें।
✔ आपातकालीन किट तैयार करें – पानी, खाना, टॉर्च और फ़र्स्ट एड किट हमेशा साथ रखें।
✔ भूकंप रोधी निर्माण (Earthquake-Resistant Construction) – घर और ऑफिस की मजबूत संरचना सुनिश्चित करें।
भूकंप के दौरान क्या करें?
✔ ड्रॉप, कवर और होल्ड ऑन (Drop, Cover, Hold On) – ज़मीन पर बैठें, सिर को कवर करें और मजबूत जगह पकड़ें।
✔ खिड़कियों और भारी वस्तुओं से दूर रहें – शीशे, अलमारी या पंखे से दूर खड़े रहें।
✔ अगर आप बाहर हैं, तो खुली जगह में जाएं – पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहें।
भूकंप के बाद क्या करें?
✔ संभावित आफ्टरशॉक्स (Aftershocks) के लिए तैयार रहें – बड़े भूकंप के बाद छोटे झटके आ सकते हैं।
✔ अगर कोई इमारत क्षतिग्रस्त है, तो उसमें न जाएं – गिरी हुई इमारतों से दूर रहें।
✔ इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क बचाने के लिए SMS या सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें।
भूकंप को लेकर सरकार की क्या तैयारियां हैं?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने भूकंप अलर्ट सिस्टम को मजबूत किया है।
✅ भूकंप भविष्यवाणी के लिए उन्नत सेंसर और सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल किया जा रहा है।
✅ बड़ी इमारतों और पुलों को भूकंपरोधी बनाने के लिए नए निर्माण नियम लागू किए जा रहे हैं।
✅ स्कूलों और ऑफिस में भूकंप ड्रिल (Earthquake Drills) करवाई जा रही हैं।
इस बार बंगाल की खाड़ी में आए भूकंप से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह याद दिलाता है कि भारत भूकंप संभावित क्षेत्र है।
📌 पिछले कुछ हफ्तों में दिल्ली, हिमाचल और अब ओडिशा-पश्चिम बंगाल में भूकंप के झटके दर्ज हुए हैं।
📌 भारत में बढ़ती भूकंप गतिविधि को लेकर वैज्ञानिक सतर्क हैं।
📌 हमें भूकंप से बचाव के लिए जागरूकता बढ़ानी होगी और सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे।
भूकंप की जानकारी और अलर्ट के लिए सरकारी एजेंसियों और मौसम विभाग की सूचनाओं पर ध्यान देना जरूरी है।
👉 भविष्य में भूकंप से बचाव के लिए तैयार रहना ही सबसे अच्छा तरीका है! 🌍🚨