KKN गुरुग्राम डेस्क | दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए केवल तीन दिन बाकी हैं, और राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुँच चुका है। भाजपा, आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रचार को तेज कर दिया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं।
5 फरवरी को होने वाले चुनावों के लिए प्रचार सोमवार शाम को समाप्त हो जाएगा, जबकि मतगणना 8 फरवरी को होगी। दिल्ली विधानसभा में 70 सीटें हैं और इस बार चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है, जिसमें बीजेपी, AAP और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
बीजेपी ने चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी है। रविवार को दिल्ली में बीजेपी ने 80 रैलियों का आयोजन किया, जिसमें केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और चिराग पासवान के अलावा पांच बीजेपी मुख्यमंत्री भी सड़कों पर उतरकर AAP सरकार की नाकामी को उजागर कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के आरके पुरम में एक रैली को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए।
मोदी ने कहा कि AAP ने पिछले 11 वर्षों में दिल्ली को “खत्म” कर दिया है और यह पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में विकास और वृद्धि के लिए एक डबल इंजन सरकार का चुनाव होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि “दिल्लीवाले केवल बीजेपी पर विश्वास करते हैं, क्योंकि हम जो कहते हैं वही करते हैं। आरके पुरम में भारी भीड़ ने यह साबित कर दिया है कि दिल्ली में ‘कमल’ फिर से खिलने वाला है।”
बीजेपी का चुनावी गीत “दिल वालों की दिल्ली को अब…” प्रचार में खूब सुर्खियां बटोर रहा है। बीजेपी दिल्ली के लोगों से अपील कर रही है कि वे पार्टी के विकास के एजेंडे को समर्थन दें और AAP के असफल कार्यकाल को समाप्त करें।
AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए उसे “गुंडागर्दी” का आरोप लगाया। केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में AAP समर्थकों को धमकियाँ दे रहे हैं और उन्हें पार्टी जॉइन करने की धमकी दी जा रही है।
“हमारे नेताओं और समर्थकों को यह धमकी दी जा रही है कि वे बीजेपी जॉइन करें, वरना उन पर हमले किए जाएंगे और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं,” केजरीवाल ने कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ऐसी निंदनीय धमकियों और दबाव बनाने वाली रणनीतियों का इस्तेमाल कर रही है।
केजरीवाल ने इस संदर्भ में एक सोशल मीडिया अभियान, #AmitShahKiGoondagardi शुरू किया, जिसमें AAP नेताओं और समर्थकों ने वीडियो और संदेशों के माध्यम से बीजेपी द्वारा किए जा रहे कथित हिंसक कृत्यों की निंदा की। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेताओं के इस प्रकार के व्यवहार से दिल्लीवाले परेशान हैं और वे इस चुनाव में बदलाव की ओर अग्रसर हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रधानमंत्री मोदी और अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला किया। खड़गे ने मोदी को “झूठों का सरदार” करार देते हुए कहा कि मोदी अपने वादों में हमेशा धोखा देते हैं। खड़गे ने कहा कि मोदी ने किसानों और बेरोजगारों से कई वादे किए थे, जो आज तक पूरे नहीं हुए।
खड़गे ने केजरीवाल पर भी हमला करते हुए उन्हें “झूठ बोलने का माहिर” बताया और कहा कि केजरीवाल ने अन्ना हजारे को धोखा दिया और उन्हें दिल्ली लाकर उनके नाम पर वोट हासिल किए। खड़गे ने कहा कि केजरीवाल पहले कहते थे कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन अब वे वही काम कर रहे हैं जो उन्होंने पहले दूसरों पर आरोप लगाए थे।
“केजरीवाल का जो साधारण जीवन था, वह अब पूरी तरह बदल चुका है। वह अब 10-20 कारों के काफिले में घूमते हैं। यही है उनकी सादगी?” खड़गे ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल और मोदी दोनों ही “झूठ के सरदार” हैं, और दोनों देश को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी, AAP और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। बीजेपी दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय उपस्थिति और मोदी की लोकप्रियता का लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। वहीं, AAP दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य और जनकल्याण के क्षेत्र में किए गए कार्यों को बढ़ावा देकर वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस, खड़गे के नेतृत्व में, अपने लंबे राजनीतिक इतिहास और ईमानदारी की छवि के सहारे वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने की रणनीति पर चल रही है।
चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में राजनीतिक माहौल और गरम हो सकता है। इस बीच, दिल्लीवासियों के सामने एक बड़ा सवाल है: किस पार्टी को वे सत्ता सौंपेंगे? चुनावी मौसम में हर पार्टी ने अपने-अपने मुद्दे और समाधान पेश किए हैं, और अब यह दिल्लीवाले तय करेंगे कि कौन उनके लिए बेहतर विकल्प है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होने हैं, और मतगणना 8 फरवरी को होगी। जैसे-जैसे चुनावी दिन नजदीक आ रहे हैं, दिल्ली का राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो रहा है। हर पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है, और अब सबकी निगाहें 5 फरवरी के चुनाव परिणाम पर टिकी हैं।
चुनाव प्रचार के इस अंतिम चरण में सभी प्रमुख दल एक-दूसरे पर हमला करने से पीछे नहीं हट रहे हैं, और दिल्ली की जनता इस चुनाव में यह फैसला करेगी कि कौन सरकार बनाएगा। क्या बीजेपी की डबल इंजन सरकार के वादे पूरे होंगे, या फिर AAP अपनी नीतियों के साथ एक बार फिर सत्ता में आएगा? कांग्रेस, जो कि तीसरे स्थान पर रहती दिख रही है, क्या वह दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन वापस पा सकेगी? यह सब 5 फरवरी के चुनावों में ही स्पष्ट होगा।
This post was published on फ़रवरी 3, 2025 14:19
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