प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लखनऊ में जन्मे भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से मुलाकात की। शुक्ला हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करके लौटे हैं।
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शुक्ला 25 जून 2025 को निजी Axiom-4 Mission के तहत फ्लोरिडा से अंतरिक्ष गए थे और 18 दिन ISS पर रहने के बाद 15 जुलाई को वापस लौटे। इस मुलाकात को भारत की अंतरिक्ष यात्रा के नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है।
पीएम मोदी का मज़ाकिया सवाल
बातचीत की शुरुआत पीएम मोदी ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में की। उन्होंने शुक्ला से पूछा, “मैंने जो Homework दिया था, वो पूरा किया या नहीं?”
इस पर मुस्कुराते हुए शुक्ला ने कहा कि उनका Homework अच्छी तरह से प्रगति कर रहा है। उन्होंने बताया कि ISS पर जब उन्होंने पीएम से बातचीत की थी तो वहां मौजूद अन्य लोग मजाक में कहते थे कि “तुम्हारे प्रधानमंत्री ने तुम्हें Homework दे दिया है।”
शुक्ला ने कहा कि यह Homework वास्तव में बेहद ज़रूरी था क्योंकि इसका मकसद अनुभव जुटाना और भविष्य की Space Mission तैयारी को और मज़बूत करना है।
भारत की महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष योजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही शुक्ला से कहा था कि भारत का लक्ष्य केवल इस मिशन तक सीमित नहीं है। Gaganyaan Mission को आगे बढ़ाना है, भारत का खुद का Space Station बनाना है और एक दिन भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर उतारना है।
इन्हीं महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के लिए पीएम मोदी ने शुक्ला से कहा था कि वह अपने अनुभवों को विस्तार से रिकॉर्ड करें ताकि आगे आने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री उन अनुभवों से सीख सकें।
मिशन पैच और तिरंगे का तोहफ़ा
मुलाकात के दौरान शुक्ला ने पीएम मोदी को दो महत्वपूर्ण तोहफ़े भेंट किए। उन्होंने Axiom-4 Mission Patch और वह भारतीय Tricolor Flag सौंपा जो वह अपने साथ ISS लेकर गए थे।
यही तिरंगा 29 जून को तब पृष्ठभूमि में लहरा रहा था जब शुक्ला ने ISS से पीएम मोदी से डिजिटल बातचीत की थी। उस दृश्य ने पूरे भारत को गर्व से भर दिया था।
पीएम मोदी का सोशल मीडिया पोस्ट
मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “शुभांशु शुक्ला के साथ शानदार बातचीत हुई। हमने अंतरिक्ष में उनके अनुभवों, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति और भारत के महत्वाकांक्षी Gaganyaan Mission पर चर्चा की। भारत उनकी उपलब्धि पर गर्व करता है।”
इस पोस्ट ने एक बार फिर शुक्ला की उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया।
शुक्ला की भावनाएं
शुक्ला ने भी सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें वह पीएम मोदी को फ्रेम में जड़ा हुआ तिरंगा भेंट कर रहे थे।
उन्होंने लिखा, “पिछली बार जब मैंने उनसे ISS से डिजिटल माध्यम से बात की थी तब यही तिरंगा मेरे पीछे लहरा रहा था। आज वही झंडा मैंने प्रधानमंत्री को सौंपा। यह क्षण मेरे लिए गर्व से भर देने वाला है।”
भारत की अंतरिक्ष यात्रा का पहला कदम
शुक्ला ने कहा कि ISS पर रहते हुए भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए गर्व की बात थी। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी से मुलाकात ने इस गर्व को और बढ़ा दिया।
उन्होंने कहा, “जैसा कि मैंने हमेशा कहा है, यह अंत नहीं बल्कि भारत की Human Space Journey की शुरुआत है।”
Axiom-4 Mission की उपलब्धियां
Axiom-4 Mission 25 जून को फ्लोरिडा से लॉन्च हुआ और 26 जून को ISS पहुंचा। शुक्ला ने वहां 18 दिन बिताए। उन्होंने कई प्रयोग किए और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अनुभव साझा किए।
15 जुलाई को वह पृथ्वी पर लौटे और रविवार को भारत पहुंचे। उनकी वापसी का पूरे देश ने स्वागत किया।
राष्ट्रीय ध्वज से भावनात्मक जुड़ाव
शुक्ला ने बताया कि तिरंगा उनके मिशन का सबसे भावनात्मक हिस्सा रहा। ISS पर जब उन्होंने पीएम मोदी से बात की तो भारतीय ध्वज उनके पीछे लहरा रहा था।
वही ध्वज पीएम मोदी को सौंपना उनके लिए “हमेशा याद रहने वाला क्षण” रहा। उन्होंने कहा कि यह झंडा पूरे मिशन का प्रतीक था और भारत की ताक़त और एकता को दिखाता है।
भविष्य के मिशनों के लिए अनुभव
शुक्ला का कहना है कि ISS पर बिताए गए हर पल का रिकॉर्ड भारत की आगामी योजनाओं के लिए उपयोगी होगा। उपकरणों के इस्तेमाल से लेकर माइक्रोग्रैविटी में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों तक, सबकुछ भारत के भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को दिशा देगा।
पीएम मोदी का विज़न
पीएम मोदी लगातार कहते आए हैं कि भारत को स्पेस एक्सप्लोरेशन में अग्रणी बनना है। Chandrayaan Mission, Aditya Mission और अब Gaganyaan Mission भारत को नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं।
मोदी का कहना है कि आने वाली पीढ़ियों को भारत का झंडा न सिर्फ स्पेस स्टेशन बल्कि चंद्रमा की सतह पर भी देखना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की मुलाकात केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि यह भारत की महत्वाकांक्षी Space Journey का प्रतीक थी।
शुक्ला का “Homework” भारत की आने वाली अंतरिक्ष यात्राओं के लिए अनुभवों का खज़ाना है। मिशन पैच और तिरंगे का तोहफ़ा इस मुलाकात को ऐतिहासिक बनाता है।
भारत अब मानव अंतरिक्ष उड़ान के नए युग की दहलीज़ पर खड़ा है। और शुभांशु शुक्ला जैसे साहसी अंतरिक्ष यात्री इस सफर को और आगे ले जाने का संकल्प दिखा रहे हैं।
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