जल प्रलय झेल रहे मीनापुर में बाढ़ की विनाशलीला पांचवें रोज मंगलवार को भी जारी रहा। अंचल प्रशासन ने 154 गांवों के 1.75 लाख लोगो के बाढ़ में फंसे होने की पुष्टि कर दी है। इसमें 54 गांव पूरी तरीके से बाढ़ में घिर हुआ बताया गया है। बाढ़ पीड़ित करीब छह हजार परिवार आज भी गांव छोड़ कर उंचे स्थानो की तलाश में भटकते रहे। मीनापुर में अब विस्थापित होने वाले परिवारो की संख्या बढ़ कर 16 हजार हो गई है।
अंचलाधिकारी ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि बाढ़ से मीनापुर में 121 घर ध्वस्त हो चुका है और 590 मवेशी पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है। प्रशासन ने 131 स्थानो पर पका हुआ भोजन देने के लिए काउंटर खोल दिया है। दूसरी ओर बाढ़ में फंसे हुए लोगो को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए दो मोटर वोट व 14 नौका को काम पर लगाया हुआ है। इसके अतिरिक्त विस्थापित हुए 16 हजार परिवार को सिर ढ़कने के लिए तिरपाल बांटा जा रहा है।
बाढ़ पीड़ितो की हुई स्वास्थ्य जांच
इस बीच बाढ़ का पानी पीकर खुले में रह रहे परिवार के लोगो में बीमारी फैलने का खतरा मंडराने लगा है। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने भी कमर कस लिया है। आज मीनापुर अस्पताल के द्वारा करीब 50 स्वास्थ्य जांच शिाविर लगा कर लोगो के स्वास्थ्य की जांच की गई है और जरुरतमंदो को दवा भी दिया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सीएम मिश्रा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग बीमारी फैलने से रोकने के लिए कृत संकल्पित है।
फसल को हुई भारी क्षति
अंचल प्रशासन ने मीनापुर के 16 हजार हेक्टेयर भूमि पर बाढ़ के पानी फैल जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि इसमें से 13 हजार हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर खड़ी फसल को बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ से मक्का व नकदी फसल के तबाह हो जाने से किसानो की चिंता बढ़ गई है। इस बीच जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर किसानो को प्रयाप्त मुआवजा देने की मांग की है।