Xiaomi की गिरती हुई स्थिति: भारतीय बाजार में एक समय की टॉप कंपनी अब मुश्किलों में

Xiaomi's Decline in the Indian Market: What Went Wrong for the Once Leading Smartphone Brand

KKN गुरुग्राम डेस्क | एक समय था जब Xiaomi (Xiaomi) भारतीय स्मार्टफोन बाजार में सबसे ऊपर थी। Redmi Note 4 जैसे बेहतरीन स्मार्टफोन्स के साथ Xiaomi ने भारतीय बाजार में तहलका मचाया था, और वह लंबे समय तक भारतीय बाजार के सबसे बड़े स्मार्टफोन ब्रांड के रूप में बनी रही। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। आज Xiaomi की हालत खस्ता है, और कंपनी के सेल्स ग्राफ लगातार गिरते जा रहे हैं। 2025 में शाओमी की बिक्री में 38% की भारी गिरावट आई है और कंपनी का मार्केट शेयर भी 18% से घटकर सिर्फ 12% रह गया है। यह गिरावट Xiaomi के लिए एक बड़ा झटका है। आइए, जानते हैं कि Xiaomi के साथ क्या गलत हुआ और क्यों यह एक समय की टॉप स्मार्टफोन कंपनी अब मुश्किलों में है।

Xiaomi का भारतीय बाजार में उदय

Xiaomi ने 2014 में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में कदम रखा था, और जल्दी ही उसने भारतीय उपयोगकर्ताओं के बीच अपनी पहचान बना ली। 2017 में Redmi Note 4 का लॉन्च Xiaomi के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ। इस स्मार्टफोन ने बजट सेगमेंट में स्मार्टफोन की नई परिभाषा दी थी। मेटल बॉडी, बढ़िया कैमरा, कर्व स्क्रीन और पॉकेट-फ्रेंडली कीमत ने इसे भारतीय बाजार में बहुत लोकप्रिय बना दिया। इसके बाद Poco जैसे सब-ब्रांड ने भी धूम मचाई, और Xiaomi ने भारतीय बाजार में अपना दबदबा बनाए रखा।

Xiaomi ने अपने स्मार्टफोन की कीमतों को आकर्षक रखा और इसने अपनी बिक्री के लिए ऑनलाइन चैनल्स का इस्तेमाल किया। इसके बाद Xiaomi के फोन छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी बेहद लोकप्रिय हो गए, और कंपनी की बाजार हिस्सेदारी लगातार बढ़ती गई।

Xiaomi की गिरती हुई स्थिति

हालांकि, हाल के वर्षों में Xiaomi की स्थिति में अचानक गिरावट आई है। 2025 की पहली तिमाही में कंपनी ने भारतीय बाजार में 38% की गिरावट दर्ज की है। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार,Xiaomi का मार्केट शेयर अब 12% तक पहुंच गया है, जो जून 2024 में 20.5% था। इसका मतलब है कि Xiaomi ने सिर्फ कुछ महीनों में अपने मार्केट शेयर का एक बड़ा हिस्सा खो दिया है।

प्रीमियम सेगमेंट में असफलता
Xiaomi के लिए प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट हमेशा से एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र रहा है। कंपनी ने कई प्रयास किए हैं, लेकिन Xiaomi अपने उच्च-प्रदर्शन स्मार्टफोन्स को प्रीमियम कीमतों पर बेचने में कभी सफल नहीं हो पाई। Redmi K20 जैसी सीरीज और Mi 11 Ultra जैसे फोन, जो प्रीमियम स्मार्टफोन के रूप में पेश किए गए, भारतीय बाजार में बहुत कम बिके। इसके अलावा, Xiaomi MIX Flip जैसे फ्लैगशिप डिवाइस को भी भारतीय बाजार में लॉन्च नहीं किया गया।

Xiaomi के प्रीमियम स्मार्टफोन में उच्च कीमतों ने भारतीय उपभोक्ताओं को निराश किया, और यही वजह थी कि Xiaomi का ब्रांड लुभावना नहीं रह सका।

ब्रांडिंग और मूल्य निर्धारण में गड़बड़ी

Xiaomi ने अपनी प्रीमियम रेंज के स्मार्टफोन के लिए Mi ब्रांड नाम का इस्तेमाल किया, लेकिन उसका मूल्य निर्धारण भारतीय उपभोक्ताओं के लिए आकर्षक नहीं था। Leica जैसे ब्रांड के साथ साझेदारी के बावजूद, Xiaomi के प्रीमियम स्मार्टफोन ₹1 लाख तक के मूल्य में बेचे गए, जो भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए महंगे साबित हुए। Xiaomi ने यह सोचा था कि उनका ब्रांड वैल्यू भारतीय बाजार में पर्याप्त है, लेकिन उपभोक्ताओं ने उन्हें इस मूल्य पर लेने से मना कर दिया।

इसके अलावा, Xiaomi की फोन सीरीज की कीमतों में भी असमानता देखने को मिली। Redmi Note 14 सीरीज को “सबसे बेकार फोन” का टैग मिला, क्योंकि इसमें उपभोक्ताओं को अपेक्षित फीचर्स नहीं मिले थे। इसकी खराब समीक्षा और नकारात्मक प्रतिक्रिया ने Xiaomi के ब्रांड को और नुकसान पहुंचाया।

मैनेजमेंट में बदलाव और कंपनी की अंदरूनी समस्याएँ

Xiaomi की गिरती स्थिति में एक और महत्वपूर्ण कारण कंपनी के मैनेजमेंट में हुए बदलाव हैं। जब Hugo Barra ने Xiaomi को छोड़ दिया, तो एक बड़ा बदलाव आया था। बाद में Manu Kumar Jain ने कंपनी की कमान संभाली और Xiaomi को भारतीय बाजार में ऊंचाई पर पहुंचाया। लेकिन जैसे ही Jain ने कंपनी छोड़ दी, Xiaomi को फिर से समस्याएँ आनी शुरू हो गईं।

इसके बाद, कंपनी के शीर्ष प्रबंधन के अन्य महत्वपूर्ण सदस्य जैसे Raghu Reddy, Sumit Sonal, और Sudeep Sahu का भी इस्तीफा देना एक बड़ा झटका था। इन कर्मचारियों का कंपनी में महत्वपूर्ण स्थान था, और उनकी कमी Xiaomi की रणनीतिक दिशा को प्रभावित कर रही थी। वर्तमान में, Xiaomi के इंडिया हेड Muralikrishnan B का भी इस्तीफा हो चुका है, जिससे कंपनी की स्थिति और कमजोर हो गई है।

स्ट्रेटेजिक गलतियाँ और बढ़ते प्रतिस्पर्धी ब्रांड्स

Xiaomi ने अपनी मिड-रेंज और बजट स्मार्टफोन सेगमेंट में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन इस सेगमेंट में Vivo और iQOO जैसे ब्रांड्स ने लगातार उनकी बढ़त को चुनौती दी। इन ब्रांड्स ने बेहतर स्मार्टफोन और आकर्षक प्राइसिंग के साथ बाजार में मजबूत स्थिति बनाई। खासकर Vivo और iQOO ने मिड-रेंज सेगमेंट में Xiaomi के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।

कंपनी ने जब यह महसूस किया कि वह अपने मिड-रेंज फोन सेगमेंट में मजबूत स्थिति बनाए हुए है, तो उसने अपनी रणनीति को बदलने की कोशिश की। लेकिन, इसकी उच्च कीमतों और गलत ब्रांडिंग के कारण उसे नुकसान हुआ।

Xiaomi का भविष्य: क्या करना होगा कंपनी को?

Xiaomi का भारतीय बाजार में भविष्य अब सवालों के घेरे में है। हालांकि, कंपनी को इस समय में सुधार करने के कई अवसर मिल सकते हैं, लेकिन इसके लिए उसे अपनी रणनीतियों में बदलाव करना होगा। Xiaomi को अपनी प्रीमियम स्मार्टफोन सीरीज के मूल्य निर्धारण पर फिर से विचार करना होगा और उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं के अनुसार अपने उत्पादों को पेश करना होगा।

Xiaomi को यह समझना होगा कि भारतीय बाजार में सफलता पाने के लिए उन्हें सिर्फ अपने मिड-रेंज और बजट सेगमेंट पर ध्यान नहीं देना है, बल्कि उन्हें प्रीमियम बाजार में भी उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर मजबूत कदम उठाने होंगे।

Xiaomi ने भारतीय बाजार में जो सफलता पाई थी, वह अब धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। कंपनी की बढ़ती प्रतिस्पर्धा, गलत रणनीतियाँ, और प्रबंधन में बदलाव ने Xiaomi को मुश्किलों में डाल दिया है। हालांकि, अगर Xiaomi अपनी रणनीतियों को सही दिशा में मोड़ सकती है और भारतीय उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं को समझ सकती है, तो वह फिर से भारतीय स्मार्टफोन बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है।


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