नई दिल्ली। एक्सपायरी डेट के बाद सिलेंडर किसी बड़े दुर्घटना को अंजाम दे सकता है। इसलिए उसका टेस्टिंग कराना जरूरी है। अक्सर लोग अनजाने में इस समस्या की ओर ध्यान ही नही देते है। कहतें हैं कि रसोई गैस यानी एलपीजी गैस सिलेंडर को इस्तेमाल करने की एक समयसीमा होती है। नए सिलेंडर को 10 से 15 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता हैं। इसके बाद उनकी टेस्टिंग कराना अनिवार्य हो जाता है। इसके अलावा पुराने सिलेंडर हैं तो उनकी टेस्टिंग हर 5 साल में करानी चाहिए। अधिकतर बड़ी कंपनियां टेस्टिंग के बाद ही सिलेंडर सप्लाई करती हैं। फिऱ भी हमें अपनी तरफ से एलपीजी सिलेंडर की समयसीमा चेक करनी चाहिए। इसके अलावा कई बार सालों सिलेंडर घर पर रखा रहता है तो उसे भी चलाने से पहले समयसीमा जरूर चेक कर लें।
अधिकतर सिलेंडर तीन पत्ती वाले होते हैं जिनके अंदर की तरफ उनकी एक्सपायरी लिखी होती है। ये एक्सपायरी ए, बी, सी, डी में होती है। इसे 12 महीनों में बांटा जाता है। ए का मतलब होता है जनवरी से मार्च तक का समय, बी का मतलब होता है अप्रैल से जून तक का समय, सी का मतलब होता है जुलाई से सितंबर तक का समय और डी का मतलब होता है अक्तूबर से दिसंबर तक का समय। इसके बाद जो लिखा होता है वो उसकी वर्ष की सीमा होती है। जैसे D-14 यानी वर्ष 2014 का समय। लिहाजा, अब आप भी अपने सिलेंडर का एक्सपायरी डेट की खुद ही जांच कर सकतें हैं।