बिहार में राजद नेता पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के गया से शुरू हुई साइकिल यात्रा पर सत्ता पक्ष के लोग चाहे जितना तंज कस लें। पर, यह आम आवाम के बीच पैठ बनाने का एक बेहतरीन मौका है और इससे शायद किसी को भी इनकार नहीं होगा। हालांकि, बारिश के बीच राजद नेता ने फिलहाल अपनी यात्रा बीच में ही रोक दी है। किंतु, साइकिल की सवारी करके तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू यादव के राजनीति के नए संस्करण का आगाज करने के जो संकेत दिएं हैं। बेशक, वह रास्ता एक अणे मार्ग यानी मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ने का संकेत देती है। यही कारण है कि सत्ता में बैठे एनडीए के नेता इससे घबरा कर बयानबाजी करने लगें हैं।
तेजस्वी ने लगाए गंभीर आरोप
महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध के मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साइकिल मार्च से बिहार की राजनीति में गरमाहट दिखाई पड़ने लगा था और अब घनघोर बारिश के बीच गया से शुरू हुई यात्रा मखदुमपुर कालेज मैदान में सभा के बाद फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। बतातें चलें कि इस यात्रा को पटना तक आना था। यात्रा स्थगित होने के बाद सत्ता पक्ष के लोगो ने राहत की सांस जरुर ली है। किंतु, इस यात्रा में छिपे लालू स्टाइल पर गौर करें तो, इससे साफ हो जाता है कि आने वाले दिनो में बिहार के एनडीए नेताओं की मुश्किलें कम नहीं होगी।
35 किलोमीटर में ही दिए कई संके
इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने खुद ही साइकिल चलाकर करीब 35 किमी की दूरी तय की और इस दौरान उन्होंने कई राजनीतिक संकेत भी दिएं। सबसे अहम तो ये कि राजनीति में नवसिखुआ होने का आरोप झेल रहें तेजस्वी यादव ने बिहार की राजनीति में अपनी परिपक्वता का मिशाल पेश कर दिया है। दूसरा ये कि तेजस्वी ने जिस प्रकार आवाम से संपर्क करने का माध्यम चुना है। इससे आने वाले दिनो में सत्ता पक्ष की नींद उड़ सकती है। फिलहाल, तेजस्वी ने अपने साइकिल यात्रा के माध्यम से पार्टी में खुद के नेतृत्व और एक जुटता का भी जबरदस्त संकेत देने की को पुरजोर कोशिश की है। लिहाजा, उनके साथ राजद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र पूर्वे, भाई वीरेंद्र, भोला यादव, शिवचंद्र राम, इस्लाम शाहीन, विजय प्रकाश, बुलो मंडल, नंदू यादव, रणविजय साहू, अरुण कुमार यादव समेत बड़ी संख्या में राजद के कद्दावर नेता शामिल थे।
महिला व दलित वोटर पर तेजस्वी ने साधा निशाना
इसके पहले तेजस्वी ने गया से साइकिल मार्च शुरू करते हुए राजग सरकार पर निशाना साधते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था की हालत को बदतर बताया और मुख्यमंत्री पर चुप्पी साधे रहने का आरोप भी लगाया। कहा कि गया में पिता को बंधक बनाकर पत्नी एवं बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। यह गिरती विधि व्यवस्था को दर्शाता है। तेजस्वी ने कहा कि केंद्र की मोदी व राज्य की नीतीश सरकार एससी-एसटी कानून को कमजोर कर दलितो का हक छीनना चाहती है। यह नौबत क्यों आई है? राजद की मांग है कि एससी-एसटी युवाओं पर चल रहे मुकदमे को वापस लिया जाए।
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This post was published on अगस्त 1, 2018 20:42
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