Home Himachal Pradesh हिमाचल प्रदेश: भाजपा सांसद कंगना रनौत के बयान पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह...

हिमाचल प्रदेश: भाजपा सांसद कंगना रनौत के बयान पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु की प्रतिक्रिया

Himachal CM Asks Kangana Ranaut to Speak to Jai Ram Thakur

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने शुक्रवार को भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दी। कंगना रनौत ने कहा था कि वह मंडी जिले के बादल फटने से प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं कर पाई थीं, क्योंकि उन्हें विपक्षी नेता जय राम ठाकुर ने ऐसा करने की सलाह दी थी। इस बयान के बाद, मुख्यमंत्री सुखु ने रनौत को जय राम ठाकुर से बात करने का सुझाव दिया और कहा कि विपक्षी नेता “गुस्से में” हैं।

राजनीतिक विवाद: कंगना रनौत का बयान और सुखु की प्रतिक्रिया

भाजपा सांसद कंगना रनौत ने शुक्रवार को एक पोस्ट में कहा, “हिमाचल प्रदेश में हर साल बाढ़ की तबाही को देखना दिल को तोड़ने वाला है। मैंने मंडी जिले के सेराज और अन्य प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की कोशिश की, लेकिन मुझे विपक्षी नेता जय राम ठाकुर ने सलाह दी कि मैं तब तक रुकूं जब तक इन क्षेत्रों से संपर्क बहाल न हो जाए।” रनौत ने कहा कि उन्हें मंडी के डिप्टी कमिश्नर से रेड अलर्ट जारी होने के बाद ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी और वह जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी।

कंगना रनौत का यह बयान इस समय आया जब हिमाचल प्रदेश में मूसलधार बारिश और बाढ़ के कारण भारी तबाही मची हुई है। अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और 37 लोग लापता हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 17 मौतें हुई हैं, जहां बादल फटने, जलप्रलय और भूस्खलन की घटनाओं के कारण भयंकर नुकसान हुआ है।

जय राम ठाकुर की टिप्पणी और सुखु की आलोचना

कंगना रनौत के बयान का जवाब देते हुए जय राम ठाकुर ने कहा था कि वह क्षेत्रवासियों के बारे में चिंतित हैं और उन्हें उनके दुखों में भागीदार होने का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि वह उन लोगों पर टिप्पणी नहीं करना चाहते जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नहीं पहुंचे। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखु ने बयान दिया कि कंगना रनौत को जय राम ठाकुर से बात करनी चाहिए, क्योंकि उनका गुस्सा बढ़ रहा है।

सुखु ने यह भी कहा कि इस समय हमें राजनीति से ऊपर उठकर मदद और पुनर्निर्माण के काम में एकजुट होना चाहिए, ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत मिल सके। उन्होंने राजनीतिक दलों से अनुरोध किया कि वे इस आपातकालीन स्थिति में राजनीतिक लड़ाई छोड़कर राहत कार्यों में सरकार का साथ दें।

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ का कहर: 43 मौतें, 37 लापता

हिमाचल प्रदेश में इस बार के मानसून ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 14 लोग बादल फटने के कारण मारे गए, आठ लोग जलप्रलय में और सात लोग डूबने के कारण मरे। मंडी जिले में 10 अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने, जलप्रलय और भूस्खलन की घटनाएं घटीं, जिससे भारी नुकसान हुआ। इन घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। राज्य सरकार ने आपातकालीन स्थिति को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तरीय गति से शुरू किया है।

मुख्यमंत्री सुखु ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और अधिकारियों से तात्कालिक राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकार राज्यभर में पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दे रही है और जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों में सभी सुविधाएं बहाल की जाएंगी।

विपक्षी नेता जय राम ठाकुर का बयान

जय राम ठाकुर ने भी इस स्थिति पर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी सेराज विधानसभा क्षेत्र में पिछले दो दशकों में किए गए विकास कार्य अब बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण बर्बाद हो गए हैं। ठाकुर ने यह भी कहा कि बाढ़ से मची तबाही को ठीक करने में कई साल लग सकते हैं और सरकार को इसे युद्धस्तरीय प्रयासों के तहत प्राथमिकता से हल करना चाहिए।

उनका कहना था कि नेचर के इस कहर को लेकर हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

सामाजिक प्रतिक्रिया और जनता की अपील

राज्य में बाढ़ के कारण भारी नुकसान होने के बाद, जनता ने राजनेताओं से अपील की है कि वे इस मुश्किल घड़ी में राजनीति से ऊपर उठकर लोगों की मदद करें। सोशल मीडिया पर कई उपयोगकर्ताओं ने यह मांग की है कि नेता अपनी राजनीतिक लड़ाई को छोड़कर केवल प्रभावितों की मदद करें और राहत कार्यों में सहयोग करें।

मुख्यमंत्री सुखु और विपक्षी नेता जय राम ठाकुर के बीच की इस राजनीतिक लड़ाई ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्यों में बाधा डालने का संकेत दिया है। हालांकि, जनता का मानना है कि इस समय सबसे जरूरी चीज लोगों की जान बचाना और उन्हें आपातकालीन राहत प्रदान करना है, न कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला।

आगे का रास्ता: राज्य में राहत और पुनर्निर्माण

इस समय राज्य सरकार का मुख्य ध्यान राहत और पुनर्निर्माण कार्यों पर होना चाहिए। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द पुनर्निर्माण कार्य शुरू करने की आवश्यकता है, ताकि लोग अपने घरों में वापस लौट सकें और सामान्य जीवन जी सकें। इसके लिए विभिन्न सरकारी और निजी संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा।

स्थानीय प्रशासन को भी इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए पहले से तैयारी करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने में ज्यादा समय न लगे। इसके साथ ही, सरकार को प्रभावित परिवारों के लिए वित्तीय सहायता और पुनर्निर्माण के लिए उचित योजना बनानी चाहिए।

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के कारण हुए इस भीषण नुकसान के बाद, नेताओं को अपनी राजनीतिक लड़ाई को छोड़कर केवल प्रभावितों की मदद करनी चाहिए। मुख्यमंत्री सुखु और विपक्षी नेता जय राम ठाकुर के बीच के विवाद को देखते हुए यह ज़रूरी है कि राजनीतिक बयानों और आरोपों से बचते हुए, राज्य सरकार और विपक्षी दल एकजुट होकर लोगों को राहत प्रदान करें।

इस स्थिति में, एकजुटता और सहयोग से ही बाढ़ पीड़ितों को सही मदद मिल सकती है और राज्य में पुनर्निर्माण कार्यों को समय पर पूरा किया जा सकता है। जनता की सुरक्षा और कल्याण ही इस समय सबसे महत्वपूर्ण है, और इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Show comments

Exit mobile version