Politics

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान के दोहरा रवैया का हुआ खुलाशा

भारत और पाकिस्तान के बीच दूरियों को पाटने के लिए करतारपुर कॉरीडोर बड़ा जरिया बनने पहले ही यह पूरा मामला विवादो में आ गया है। दरअसल, दोनों तरफ आशंकाएं इतनी हावी हैं कि यह आसान मौका अब बेहद की कुटिल राजनीति की शिकार बनने लगी है। कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान की नीयत और दोहरा रुख, रिश्ते सुधारने की राह में बड़ा रोड़ा बन सकता है।

विवादित बयान से उलझा मामला

हुआ ये कि करतारपुर कॉरीडोर की आधारशिला रखे जाने के मौके पर ही पाक सेना अध्यक्ष कमर बाजवा ने कथित खालिस्तानी मोस्टवांटेड गोपाल चावला से खुलेआम हाथ मिल लिया और पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने संबोधन में कश्मीर मुद्दे का जिक्र करके पाक के दोहरे रवैये का खुलाशा कर दिया। हालांकि, इस मौके पर कश्मीर के उल्लेख को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। जानकार कहने लगे है कि करतारपुर से बातचीत शुरू हो सकती है, यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

हाफिज का करीबी भी था मौजूद

बतातें चलें कि खालिस्तान आतंकी गोपाल चावला हाफिज सईद का करीबी माना जाता है। उस पर भारत में खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ावा देने की साजिश में शामिल रहने का आरोप है। आईएसआई की शह पर भारत में खालिस्तानी उग्रवाद को समर्थन देना और अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए गोपाल चावला सहित कई खालिस्तानी समर्थक तत्व वहां मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि गोपाल चावला की मौजूदगी अनायास नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने जताई नाराजगी

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह बहुत खेदजनक है कि पाक पीएम ने इस पवित्र मौके का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया। जम्मू कश्मीर के उल्लेख को अनापेक्षित बताते हुए मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसे भारत से कभी अलग नहीं किया जा सकता है। पाक को सीमापार आतंकवाद को सभी तरह का सहयोग और शरण देना बंद करके प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।

खालिस्तान को मदद कर रहा है पाकिस्तान

स्मरण रहें कि खालिस्तान को समर्थन देना पाकिस्तान की नीति का हिस्सा है। पाकिस्तान हमेशा शांति की बात करके जमीन पर अपने आचरण से धोखा देता रहा है। उसकी मंशा करतारपुर कॉरीडोर के रास्ते का इस्तेमाल करके खालिस्तान को बढ़ावा देना भी हो सकता है। यह शक अनायास नहीं है। बल्कि, भारत सार्क को लेकर पहले ही अपना रुख साफ कर चुका है। भारत ने सार्क के बजाय बिम्सटेक पर ज्यादा फोकस किया है।

This post was published on नवम्बर 29, 2018 18:50

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Show comments
Published by
KKN न्‍यूज ब्यूरो

Recent Posts

  • Videos

मौर्य वंश के पतन की असली वजह और बृहद्रथ के अंत की मार्मिक दास्तान…

मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More

अक्टूबर 23, 2024
  • Videos

सम्राट अशोक के जीवन का टर्निंग पॉइंट: जीत से बदलाव तक की पूरी कहानी

सम्राट अशोक की कलिंग विजय के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। एक… Read More

अक्टूबर 16, 2024
  • Videos

बिन्दुसार ने चाणक्य को क्यों निकाला : मौर्यवंश का दूसरा एपीसोड

KKN लाइव के इस विशेष सेगमेंट में, कौशलेन्द्र झा मौर्यवंश के दूसरे शासक बिन्दुसार की… Read More

अक्टूबर 9, 2024
  • Videos

कैसे शुरू हुआ मौर्यवंश का इतिहास? चाणक्य ने क्यों बदल दी भारत की राजनीति?

322 ईसा पूर्व का काल जब मगध का राजा धनानंद भोग-विलास में लिप्त था और… Read More

अक्टूबर 2, 2024
  • Videos

क्या सांप और नाग एक ही हैं? जानिए नागवंश का असली इतिहास

नाग और सांप में फर्क जानने का समय आ गया है! हममें से अधिकांश लोग… Read More

सितम्बर 25, 2024
  • Videos

क्या आप जानते हैं? नंदवंश के शासक नाई समाज से थे…

नंदवंश के शासकों ने प्राचीन भारत के इतिहास में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया। इस एपिसोड… Read More

सितम्बर 18, 2024