भारत माता की खातिर छोड़ा घर, नही करेंगे शादी

​भाजपा के मीनापुर विस प्रभारी की गजब कहानी

 

एक साल मीनापुर मे डाला डेरा,किंतु नही लिया किराये का घर/रोज नये कार्यकर्ता के घर करते है भोजन/बाहर से स्मार्ट किंतु भीतर से दिखती है सादगी/देश के हर कोने मे गूंजे वंदे मातरम व भारत माता की जय/ बिहार मे भाजपा को अकेले सत्ता मे लाना लक्ष्य

संतोष कुमार गुप्ता

मीनापुर: प्रदेश नेतृत्व की ओर से मीनापुर विधानसभा प्रभारी के रूप मे भेजे गये हाजीपुर जन्दाहा के राणा प्रताप सिंह की कहानी सुनकर आप चौक जायेंगे। कम उम्र मे इन्होने कई बड़े सपनो को हासिल किया है,किंतु मंजील अभी बाकी है। राणा प्रताप सिंह सवा साल से मीनापुर मे कैम्प कर रहे है। वह अभी तक किराये का डेरा नही लिया है। वह रोज किसी गांव मे एक कार्यकर्ता के घर पहुंच कर भोजन करते है। वह अपना आशियाना वही डाल देते है। बाहर से देखने मे स्मार्ट राणा प्रताप सादगी के साथ उंची सोंच रखते है। वह लजिज व्यंजन व अन्य शौक के विरोधी है। यहां तक उन्हे चाय पीना भी पसंद नही है। वर्ष 1993 मे जन्मे राणा प्रताप नौ सालो से सक्रिय राजनितिक मे है। उनका सेवा बिहार ही नही देश के कोने कोने मे लिया गया है। राणा प्रताप के पिता रामू सिंह पंजाब के राइसमिल मे फॉरमैन है। मां चंद्रा देवी कुशल गृहणी है। किंतु राणा प्रताप ने घर के लोगो को कह दिया है भारतमाता ही उसका सब कुछ है। वह भारतमाता की सेवा व देश मे हिंदुत्व की स्थापना के लिए बड़ी कुर्बानी दे रहा है। वह देश मे इन कामो के लिए अपना घर छोड़ दिया है। राणा प्रताप का कहना है कि वह ताउम्र शादी नही करेगा।  राणा प्रताप वर्ष  2009 से ही राजनितिक मे सक्रिय है। अभाविप से उन्होने राजनितिक कैरियर की शुरुआत की। राजनितिक मे सक्रिय रहते हुए उन्होने वर्ष 2013 मे इतिहास प्रतिष्ठा से स्नातक किया
कहां से मिली प्रेरणा

समता कॉलेज जन्दाहा मे अक्सर आरएसएस की बैठक होती थी। वहां उपेंद्र कुशवाहा भी प्रोफेसर थे। राणा प्रताप को पढने के साथ साथ आरएसएस की बैठक मे जाने का मौका मिलता था। वहां अक्सर चर्चा होता था देश मे भारत मां की अस्मिता खतरे मे है। जम्मू काश्मीर से लेकर अन्य जगहो की भी चर्चा होती थी। हिंदुत्व की रक्षा से लेकर वंदेमातरम पर राजनितिक को लेकर राणा प्रताप को झकझोर दिया। इसके बाद राणा प्रताप ने मुड़ कर नही देखा। दिल्ली के विस चुनाव मे उन्हे गांधीनगर विस का प्रभारी बनाया गया। यूपी चुनाव मे इन्हे नोएडा का प्रभारी बनाया गया जहां से केंद्रिय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का पुत्र पंकज सिंह चुनाव जीता। झारखंड चुनाव मे इन्हे रांची नगर का प्रभारी बनाया गया जहां से सीपी सिंह मंत्री है। लोकसभा चुनाव मे नमो लहर मे इन्हे आरा का प्रभारी बनाया गया जहां से आरके सिंह जीते। हाल मे वह केंद्रिय मंत्री बन गये है। इसके अलावा इन्हे कई कठीन परिस्थियो मे पार्टी ने सेवा ली है। राणा प्रताप ने राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत तिरहुत प्रमंडल मे डिजिटल इंडिया मे नम्बर वन स्थान लाया। राणा प्रताप के बड़े भाई राहुल कुमार सिंह नोएडा मे सैमसंग के अधिकारी है। राणा प्रताप का कहना है कि उनका मकसद है कि देश के हर कोने मे वंदे मातरम व भारत माता की जय सुनाई दे। बिहार मे भाजपा अपने बूते सरकार बनाये। सभी 40 लोकसभा सीटो पर अपना कब्जा हो। देश के अन्य राज्यो मे भाजपा की सरकार हो। इसी मकसद के लिए उन्होने इतना बड़ा त्याग किया है। राणा प्रताप के जूझारूपन को देखते हुए राष्ट्रीय संगठन प्रभारी रामलाल ने प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय को इन्हे दो साल और मीनापुर मे ही सेवा विस्तार का निर्देश दिया है।

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