भारत और चीन का रिश्ता करबट बदलने लगा है। सीमा विवाद की करबाहट से बाहर निकलने की बेचैनी और सांझा व्यापारिक संबंधो की जरुरतो ने दोनो को एक दूसरे के करीब आने को विवश कर दिया है।
बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय अनौपचारिक दौरे पर इस वक्त चीन के वुहान शहर में हैं। वुहान की ईस्ट लेक के किनारे सैर करते-करते मोदी और जिनपिंग कई अहम मुद्दों पर चर्चा की है। इसके बाद दोनों साथ-साथ नौका विहार किया। लेक किनारे मोदी और जिनपिंग ने चाय पर चर्चा भी की। आपको बता दें कि जिनपिंग और मोदी के बीच होने वाली ये मुलाकात पूरी तरह अनौपचारिक है। यानी इस मुलाकात में ना ही कोई साझा बयान दिया जाएगा, ना ही किसी समझौते पर दस्तखत होंगे। बावजूद इसके, इस वार्ता पर पूरी दुनिया की पैनी नजर है। काारण ये कि यदि भारत और चीन करीब आ गए तो विश्व की अर्थव्यवस्था यूरोप से एशिया की ओर शिफ्ट हो सकता है।
मोदी ने इसके संकेत भी दिए है। सदियों पुराने चीन-भारत संबंधों की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से कहा कि दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक बड़ा अवसर है। राष्ट्रपति शी के साथ मध्य चीनी शहर में अनौपचारिक शिखर बैठक में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान मोदी ने कहा कि इस तरह की अनौपचारिक बैठकें दोनों देशों के बीच परस्पर संबंधो को मजबूत बना सकता है।
This post was published on अप्रैल 28, 2018 10:28
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