दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर आज सुबह उनके आवास पर हुई जनसुनवाई के दौरान हमला हुआ। मुख्यमंत्री को हाथ और सिर में चोटें आई हैं। चालीस साल के आसपास का एक व्यक्ति, जो कुछ कागज़ लेकर मिलने आया था, अचानक उन पर टूट पड़ा। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आरोपी को काबू में कर लिया।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर पहले सामान्य ढंग से बातचीत कर रहा था लेकिन अचानक उसने मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारा, धक्का दिया और बाल खींचे। यह सब कुछ पलों में हुआ और सुरक्षा दल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे पकड़ लिया।
आरोपी की पहचान
पुलिस ने आरोपी की पहचान राजेश साक्रिया के रूप में की है, जो गुजरात के राजकोट का निवासी है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि वह dog lover है और सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से नाराज़ था। आदेश में दिल्ली-एनसीआर के आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया था।
उसकी मां, भानु, ने बताया कि बेटा इस फैसले से काफी व्यथित था और कई दिनों से परेशान चल रहा था। हालांकि, पुलिस का कहना है कि अभी जांच पूरी होने तक किसी नतीजे पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी।
गंभीर धाराओं में केस दर्ज
दिल्ली पुलिस ने आरोपी के ख़िलाफ़ हत्या की कोशिश (Attempt to Murder) समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। उस पर सरकारी कामकाज में बाधा डालने और लोक सेवक पर हमला करने के भी आरोप लगे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अगर आरोप साबित होते हैं तो उसे लंबी सज़ा का सामना करना पड़ सकता है।
CCTV फुटेज ने खोला राज़
मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस हमले को premeditated attack यानी पूर्व नियोजित हमला बताया है। जारी किए गए सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को हमले से 24 घंटे पहले मुख्यमंत्री आवास के बाहर घूमते, वीडियो बनाते और रैकी करते देखा गया है।
यह फुटेज पुलिस को सौंप दिया गया है और जांच की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है।
मुख्यमंत्री की सेहत
घटना के तुरंत बाद डॉक्टरों ने रेखा गुप्ता की जांच की। भाजपा नेता हरीश खुराना ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री को चोटें आई हैं लेकिन वे सुरक्षित हैं। उन्होंने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि कहीं यह हमला राजनीतिक साज़िश का हिस्सा तो नहीं।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी बयान जारी कर कहा कि वह जल्द ही कामकाज सामान्य तरीके से जारी रखेंगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
यह हमला दिल्ली की राजनीति में तूफ़ान लेकर आया है।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा नेताओं ने इसे विपक्ष की साज़िश करार दिया है। दिल्ली के मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा कि विरोधी मुख्यमंत्री के जमीनी कामकाज को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और यह हमला उसी का परिणाम हो सकता है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने भी इस हमले की निंदा की है। आम आदमी पार्टी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति और विरोध की जगह है लेकिन हिंसा की नहीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दिल्ली पुलिस दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेगी।
चश्मदीदों का बयान
जनसुनवाई में मौजूद लोगों का कहना है कि आरोपी कागज़ लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुँचा और शिकायत की तरह बातचीत शुरू की। लेकिन अचानक वह हिंसक हो गया और हमला कर बैठा।
यह सब देखकर वहां मौजूद लोग और सुरक्षा दल कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गए।
सुरक्षा को लेकर सवाल
दिल्ली पुलिस ने इस हमले को big security breach माना है। पुलिस कमिश्नर एसबीके सिंह खुद इस जांच की निगरानी कर रहे हैं। अब यह भी जांच हो रही है कि हमलावर इतनी आसानी से मुख्यमंत्री तक कैसे पहुँच गया।
यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा इंतज़ाम को और मज़बूत करने की ज़रूरत है।
जनसुनवाई पर असर
रेखा गुप्ता अपनी जनता से सीधे जुड़ने के लिए हर हफ़्ते जनसुनवाई करती हैं। इस घटना ने इन कार्यक्रमों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि भविष्य में इन बैठकों के स्वरूप में बदलाव लाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जुड़ा एंगल
हमलावर का पशु प्रेम और सुप्रीम कोर्ट का हालिया आदेश इस घटना में नया एंगल जोड़ रहा है। आदेश में आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने की बात कही गई थी, जिसका कई animal rights activists ने विरोध किया था।
अगर यह वजह साबित होती है तो यह दिखाता है कि सामाजिक संवेदनशील मुद्दे कभी-कभी हिंसा तक पहुँच सकते हैं।
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
हमले की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर गुस्सा और चिंता की लहर दौड़ गई। कई लोगों ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर सवाल उठाए और सख्त कार्रवाई की मांग की।
वहीं, उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर #StandWithCMRekha जैसे हैशटैग चलाए और शुभकामनाएँ दीं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला सिर्फ़ एक व्यक्तिगत घटना नहीं, बल्कि यह लोकतंत्र, सुरक्षा और राजनीति पर गहरे सवाल खड़े करता है।
जांच में सामने आया कि यह हमला योजनाबद्ध था, और आरोपी की मंशा महज़ ग़ुस्सा नहीं बल्कि सोची-समझी योजना थी।
अब सबकी नज़र पुलिस जांच और आने वाली रिपोर्ट पर टिकी है। यह घटना न सिर्फ़ दिल्ली बल्कि पूरे देश की राजनीति में लंबे समय तक चर्चा का विषय बनी रहेगी।
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