सोशल मीडिया पर अनुसूचित जाति व जनजाति पर लिखने से बचे
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर अनुसूचित जाति व जनजाति के खिलाफ किया गया कोई भी पोस्ट या जातिगत टिप्पणी लिखने पर सजा हो सकती है। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ किया कि सोशल मीडिया पर एससी/एसटी समुदाय के खिलाफ किया गया कोई भी पोस्ट या जातिगत टिप्पणी ऑनलाइन अब्यूज में शामिल की जाएगी और इसके लिए सजा का प्रावधान होगा। कोर्ट ने कहा कि इस बात से सजा कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि पोस्ट लिखने वाले ने अपनी प्राइवेसी सेटिंग को पब्लिक या प्राइवेट कर रखा है। अगर किसी कि गैर मौजूदगी में भी किसी जाति विशेष का अपमान किया गया है तो इसपर SC/ST एक्ट लागू होगा। व्हाट्सऐप जैसे मंच पर भी यह कानून लागू होता है।