KKN गुरुग्राम डेस्क | रविवार शाम महाकुंभ मेले के दौरान एक बड़ी आग लगने से 40 झोपड़ियां और 6 टेंट जलकर खाक हो गए। हालांकि, इस घटना में किसी प्रकार की बड़ी जनहानि नहीं हुई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो उस समय प्रयागराज में थे, ने घटना स्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने इस घटना की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दी।
घटना का विवरण
आग रविवार को शाम 4:10 बजे के आसपास गीता प्रेस कैंप के रसोईघर में लगी, जो सेक्टर 19 में कर्पात्रीजी के कैंप के पास स्थित है। यह इलाका पुराने और नए रेलवे पुलों के बीच है। आग ने जल्द ही आसपास की झोपड़ियों और टेंटों को अपनी चपेट में ले लिया। ये झोपड़ियां और टेंट श्री संजीव प्रयाग के स्वामित्व में थे।
आग की सूचना मिलते ही दमकल कर्मियों, पुलिस और प्रशासनिक टीमों ने मौके पर पहुंचकर प्रभावित क्षेत्र को खाली कराया।
त्वरित प्रतिक्रिया और राहत कार्य
जिलाधिकारी रवींद्र कुमार मंडल ने पुष्टि की कि आग पर लगभग शाम 5:00 बजे काबू पा लिया गया। 15 दमकल गाड़ियां आग बुझाने में लगाई गईं। कुंभ मेला के मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने कहा कि सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
प्रयागराज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर ने बताया कि आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके आग पर तेजी से काबू पाया गया।
आग लगने का कारण
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग गीता प्रेस कैंप की रसोई में गैस सिलेंडर के रिसाव के कारण लगी। चाय बनाने के दौरान सिलेंडर फटने से आग ने तेजी से आसपास के इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मेला प्रशासन ने तुरंत प्रभावित क्षेत्र से सभी गैस सिलेंडरों को हटा दिया।
घायल की जानकारी
आग की अफरातफरी में एक व्यक्ति भागते समय घायल हो गया। उसकी टांग में चोट लगी और वह बेहोश हो गया। उसे तुरंत स्वरूप मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को स्थिर और खतरे से बाहर बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निरीक्षण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना स्थल का दौरा किया और राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीड़ितों को हरसंभव सहायता दी जाए। मुख्यमंत्री ने घटना की पूरी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त उपाय करने की बात कही।
महाकुंभ 2025 का आयोजन
2025 का महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू हुआ है और यह 45 दिन तक चलेगा। 26 फरवरी को इसका समापन होगा। महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु आते हैं।
- 1.6 लाख टेंट श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए हैं।
- 50,000 दुकानें मेले में लोगों की जरूरतें पूरी करने के लिए स्थापित की गई हैं।
- संगम पर पवित्र डुबकी, पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले का मुख्य आकर्षण हैं।
आयोजकों ने इस घटना के बावजूद श्रद्धालुओं को आश्वस्त किया है कि मेले की व्यवस्था पूरी तरह सुरक्षित है और सभी कार्यक्रम सुचारू रूप से चल रहे हैं।
सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
इस घटना के बाद मेला प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया है। निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
- आग सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत किया गया है: मेले के विभिन्न हिस्सों में अधिक अग्निशमन उपकरण और टीमों की तैनाती की गई है।
- सिलेंडरों को हटाया गया: प्रभावित क्षेत्रों से सभी गैस सिलेंडरों और अन्य ज्वलनशील सामग्रियों को तुरंत हटा दिया गया।
- आपातकालीन प्रशिक्षण: नियमित आपातकालीन ड्रिल आयोजित की जा रही है ताकि ऐसे मामलों में तेजी से प्रतिक्रिया दी जा सके।
महाकुंभ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
महाकुंभ हिंदू धर्म में अद्वितीय महत्व रखता है। यह आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक है। श्रद्धालु दूर-दूर से आकर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करते हैं, जिसे पवित्र माना जाता है।
मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, और बसंत पंचमी जैसे शुभ अवसरों पर यहां लाखों की भीड़ उमड़ती है। 2025 का महाकुंभ 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद कर रहा है।
प्रयागराज महाकुंभ में आग की यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से किसी भी प्रकार की बड़ी हानि टल गई। आग की घटना ने कुंभ मेले के आयोजन के दौरान सुरक्षा के महत्व को फिर से उजागर किया है।
प्रभावित श्रद्धालुओं की मदद के साथ, प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि मेले की शेष अवधि में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। महाकुंभ अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के साथ जारी है, और श्रद्धालु उत्साहपूर्वक इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं।