गुरूवार, अगस्त 21, 2025 2:29 पूर्वाह्न IST
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कौन था रेडक्लीफ: नक्शा पर खींची एक लकीर से कैसे हो गई भीषण तबाही

वर्ष 1947… भारत की आज़ादी का साल, लेकिन इसी साल इंसानियत का सबसे बड़ा कत्लेआम भी हुआ। लाखों लोग मारे गए, हज़ारों महिलाओं का बलात्कार हुआ और करोड़ों लोग बेघर हो गए। यह सब हुआ सिर्फ एक लकीर की वजह से — रेडक्लीफ लाइन।
आखिर कौन था सर सिरिल रेडक्लीफ? जिसने भारत आए बिना ही, महज़ 40 दिनों में इस धरती को दो हिस्सों में बांट दिया। क्या यह मजबूरी थी या ब्रिटिश साम्राज्य की आखिरी साज़िश?
इस वीडियो में हम आपके सामने लाए हैं बंटवारे की वो सच्चाई, जो आज तक पर्दे के पीछे रही।

Airtel ने Rs 299 प्रीपेड प्लान में किया बड़ा बदलाव, 14GB डेटा हुआ कम

Airtel Revises Rs 299 Prepaid Plan: Users Get 14GB Less Data

भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Bharti Airtel ने अपने लाखों ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। कंपनी ने अपने मशहूर Rs 299 प्रीपेड प्लान में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद अब यूज़र्स को पहले की तरह 1.5GB नहीं, बल्कि केवल 1GB डेटा रोज़ाना मिलेगा।

इसका मतलब है कि अब ग्राहकों को पूरे 28 दिन के लिए कुल 28GB डेटा ही मिलेगा, जबकि पहले उन्हें 42GB मिलता था। यानी Airtel ने यूज़र्स से 14GB डेटा कम कर दिया है।

पहले क्या था इस प्लान में खास

Airtel का Rs 299 प्रीपेड प्लान लंबे समय से यूज़र्स की पहली पसंद रहा है।

  • रोज़ाना 1.5GB हाई-स्पीड डेटा

  • सभी नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग

  • हर दिन 100 SMS फ्री

  • Wynk Music और Airtel Xstream जैसी ऐप्स का एक्सेस

इन सब सुविधाओं के साथ यह प्लान किफायती और बैलेंस्ड माना जाता था। लेकिन अब डेटा कम होने के बाद इसका आकर्षण घट सकता है।

नए प्लान की डिटेल्स

Airtel ने Rs 299 प्लान की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन डेटा बेनिफिट्स को कम कर दिया गया है।

  • अब रोज़ाना केवल 1GB डेटा मिलेगा

  • 28 दिन की वैलिडिटी में कुल 28GB डेटा

  • अनलिमिटेड कॉलिंग और 100 SMS प्रतिदिन की सुविधा बरकरार

  • Airtel Thanks App के जरिए Wynk Music और Xstream ऐप का एक्सेस

यानी जो ग्राहक हाई डेटा यूज़ करते हैं, उन्हें अब मुश्किल हो सकती है।

क्यों किया Airtel ने बदलाव

टेलीकॉम इंडस्ट्री के जानकार मानते हैं कि डेटा खपत बहुत तेजी से बढ़ी है। वीडियो स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन क्लासेज़ और सोशल मीडिया पर बढ़ती एक्टिविटी ने नेटवर्क पर दबाव बढ़ा दिया है।

ऐसे में कंपनियां या तो प्लान्स के दाम बढ़ा रही हैं या फिर डेटा बेनिफिट्स कम कर रही हैं। Airtel और Jio दोनों धीरे-धीरे इस रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं ताकि नेटवर्क क्वालिटी बनाए रखी जा सके और कंपनी की कमाई भी स्थिर रहे।

Rs 249 प्लान भी बंद

Airtel ने ग्राहकों को एक और झटका दिया है। कंपनी ने अपना Rs 249 वाला प्रीपेड प्लान भी चुपचाप बंद कर दिया है।

इस प्लान में यूज़र्स को 1.5GB डेली डेटा, अनलिमिटेड कॉलिंग और 100 SMS रोज़ मिलते थे। इसकी वैलिडिटी भी 28 दिन थी। यानी यूज़र्स को कुल 42GB डेटा मिलता था। अब इस प्लान का बंद होना और Rs 299 प्लान में डेटा कटौती ग्राहकों के लिए निराशाजनक खबर है।

यूज़र्स पर असर

जो ग्राहक रोज़ाना 1GB से ज़्यादा डेटा यूज़ करते हैं, उनके लिए ये बदलाव परेशानी ला सकता है।

  • ऑनलाइन क्लासेज़ लेने वाले स्टूडेंट्स

  • वर्क फ्रॉम होम करने वाले प्रोफेशनल्स

  • OTT पर कंटेंट देखने वाले यूज़र्स

इन सभी को अब या तो अतिरिक्त डेटा पैक लेना पड़ेगा या फिर महंगे प्लान्स चुनने होंगे।

Airtel की रणनीति

इंडस्ट्री एनालिस्ट्स का कहना है कि Airtel लगातार अपना Average Revenue Per User (ARPU) बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। सस्ती दरों पर ज़्यादा डेटा देना अब कंपनियों के लिए टिकाऊ नहीं रहा।

यही कारण है कि Rs 299 जैसे प्लान्स में डेटा घटाकर ग्राहकों को हाई वैल्यू वाले पैक या पोस्टपेड सर्विस की तरफ धकेला जा रहा है।

डिजिटल बेनिफिट्स अब भी मिलेंगे

हालांकि डेटा कम कर दिया गया है, लेकिन Airtel ने डिजिटल ऐप्स की सुविधाएँ जारी रखी हैं। Wynk Music, Airtel Xstream और Airtel Thanks App पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव बेनिफिट्स अब भी इस पैक में शामिल हैं।

कंपनी का दावा है कि ये ऐप्स कस्टमर्स को एंटरटेनमेंट और वैल्यू देते हैं, लेकिन ग्राहकों का कहना है कि पर्याप्त डेटा न होने पर इन ऐप्स का सही इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाता है।

Airtel का Rs 299 प्रीपेड प्लान पहले किफायती और डेटा फ्रेंडली माना जाता था। लेकिन अब इसमें 14GB डेटा की कटौती से इसकी लोकप्रियता पर असर पड़ सकता है।

कंपनी की यह रणनीति साफ करती है कि आने वाले समय में ग्राहकों को अधिक डेटा पाने के लिए महंगे पैक चुनने पड़ेंगे। ऐसे में मोबाइल डेटा का बजट बढ़ना तय है।

अचानक लो ब्लड प्रेशर होने पर क्या करें?

What to Do During Sudden Low Blood Pressure

आजकल Low BP यानी लो ब्लड प्रेशर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खराब लाइफस्टाइल, असंतुलित खानपान और तनाव इसके बड़े कारण माने जाते हैं। बहुत से लोग इसे हल्की-फुल्की बीमारी समझते हैं, लेकिन यह कई बार खतरनाक साबित हो सकती है।

जब अचानक ब्लड प्रेशर गिरता है, तो शरीर में कई लक्षण दिखाई देते हैं। व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं, कमजोरी महसूस होती है और संतुलन बिगड़ जाता है। कभी-कभी धुंधला दिखाई देने लगता है, हाथ ठंडे और चिपचिपे हो जाते हैं और शरीर टूट सा जाता है। इस स्थिति में तुरंत सही कदम उठाना ज़रूरी होता है।

हेल्थ एक्सपर्ट डॉ सलीम जैदी ने हाल ही में तीन आसान हैक बताए हैं, जो अचानक लो बीपी होने पर तुरंत राहत दिला सकते हैं।

लो बीपी के आम लक्षण

डॉ जैदी के अनुसार लो ब्लड प्रेशर होने पर कुछ कॉमन लक्षण नज़र आते हैं। इनमें चक्कर आना, कमजोरी, धुंधला दिखना और उल्टी जैसा महसूस होना शामिल है। कई बार स्किन का रंग पीला पड़ने लगता है और सांस लेने में भी परेशानी होती है।

इन संकेतों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। ये इस बात का संकेत हैं कि शरीर को तुरंत मदद की ज़रूरत है।

पहला हैक: चीनी और नमक का घोल

लो बीपी के समय सबसे पहले डॉ जैदी चीनी और नमक का घोल पीने की सलाह देते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में आधा चम्मच नमक और एक चम्मच चीनी डालकर घोल तैयार करें। इस ड्रिंक को तुरंत पी लेने से ब्लड प्रेशर में सुधार महसूस होता है।

नमक शरीर में सोडियम की कमी को पूरा करता है, जबकि चीनी ऊर्जा बढ़ाने का काम करती है। दोनों मिलकर ब्लड प्रेशर को स्थिर करने में मदद करते हैं।

दूसरा हैक: पैरों को ऊपर उठाना

डॉ जैदी का दूसरा सुझाव है कि लो बीपी होने पर तुरंत लेट जाएं और पैरों को दीवार के सहारे ऊपर उठाएं। पैरों को दिल से ऊंचाई पर रखने से ब्रेन और हार्ट तक ब्लड फ्लो बढ़ता है। इससे चक्कर और कमजोरी में तुरंत राहत मिलती है।

यह तरीका बेहद आसान है और बिना किसी उपकरण के कहीं भी अपनाया जा सकता है।

तीसरा हैक: ब्लैक टी या ब्लैक कॉफी

लो बीपी की स्थिति में डॉ जैदी का तीसरा सुझाव है ब्लैक टी या ब्लैक कॉफी पीना। इनमें मौजूद कैफीन हार्ट को स्टिम्युलेट करता है और ब्लड फ्लो बढ़ाता है। इससे तुरंत ब्लड प्रेशर में बूस्ट मिलता है और शरीर में ऊर्जा लौटती है।

हालांकि कैफीन-संवेदनशील लोगों को इस उपाय को अपनाने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।

क्यों ज़रूरी है तुरंत कदम उठाना

लो ब्लड प्रेशर केवल असुविधा ही नहीं, बल्कि यह ब्रेन और हार्ट जैसे महत्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। समय पर ध्यान न देने पर गंभीर नतीजे हो सकते हैं।

डॉ जैदी ने चेतावनी दी कि ये हैक केवल प्राथमिक राहत के लिए हैं। समस्या का मूल कारण जानने और स्थायी इलाज के लिए डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।

लाइफस्टाइल और डाइट का रोल

लो बीपी से बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद ज़रूरी है। संतुलित खानपान, पर्याप्त पानी पीना, तनाव से बचना और रेगुलर एक्सरसाइज करने से ब्लड प्रेशर स्थिर रहता है।

डाइट में ताजे फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन और मिनरल्स शामिल करने चाहिए। दिनभर में छोटे-छोटे भोजन लेना बड़े भोजन की तुलना में ज्यादा फायदेमंद होता है।

कब लेना चाहिए इमरजेंसी हेल्प

अगर लो ब्लड प्रेशर के साथ छाती में दर्द, बेहोशी या कन्फ्यूजन हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लगातार लो बीपी हार्ट डिज़ीज़ या अन्य गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है।

लो ब्लड प्रेशर अब एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है। हालांकि, इसे समय रहते पहचानकर और सही कदम उठाकर कंट्रोल किया जा सकता है।

डॉ सलीम जैदी के तीन हैक—चीनी और नमक का घोल, पैरों को ऊपर उठाना और ब्लैक टी या कॉफी पीना—तुरंत राहत देते हैं। लेकिन लंबे समय तक स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना अनिवार्य है।

Bihar DElEd Admit Card 2025 : बिहार बोर्ड ने जारी की परीक्षा तिथि, एडमिट कार्ड अपडेट जल्द

Bihar DElEd Admit Card 2025: Exam Date Announced,

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने Diploma in Elementary Education (DElEd) Joint Entrance Examination 2025 की परीक्षा तिथि जारी कर दी है। यह परीक्षा सत्र 2025-2027 में एडमिशन के लिए आयोजित की जाएगी।

बोर्ड की ओर से जारी नोटिस के अनुसार परीक्षा 26 अगस्त 2025 से आयोजित होगी। यह परीक्षा पूरे राज्य के तय परीक्षा केंद्रों पर Computer Based Test (CBT) मोड में ली जाएगी।

एडमिट कार्ड का अपडेट

बोर्ड ने जानकारी दी है कि Bihar DElEd Admit Card 2025 जल्द ही बीएसईबी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उम्मीदवार इसे अपने पंजीकरण विवरण से डाउनलोड कर सकेंगे।

एडमिट कार्ड पर परीक्षा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी अंकित होगी, जैसे —

  • परीक्षा केंद्र का नाम

  • परीक्षा की तिथि और समय

  • परीक्षा केंद्र पर रिपोर्टिंग टाइम

  • गेट बंद होने का समय

  • परीक्षा की अवधि

  • परीक्षार्थियों के लिए आवश्यक निर्देश

बोर्ड ने यह भी कहा है कि एडमिट कार्ड डाउनलोड से संबंधित लिंक और नोटिस वेबसाइट पर अलग से जारी किया जाएगा।

आवेदन और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

सत्र 2025 के लिए Bihar DElEd Application Form जनवरी माह में भरे गए थे। बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन किया था।

यह परीक्षा उन अभ्यर्थियों के लिए बेहद अहम है जो बिहार में प्राथमिक स्तर पर शिक्षक बनने का सपना रखते हैं।

प्रवेश प्रक्रिया और काउंसलिंग

जो उम्मीदवार परीक्षा पास करेंगे, उनके लिए बिहार बोर्ड Merit List जारी करेगा। इसके बाद अभ्यर्थियों को उनकी रैंक और पसंदीदा संस्थानों के आधार पर कॉलेज आवंटित किया जाएगा।

काउंसलिंग और सीट अलॉटमेंट से संबंधित नोटिस अलग से जारी किया जाएगा।

डीएलएड पूरा करने के बाद योग्यता

दो वर्षीय DElEd डिप्लोमा पूरा करने वाले छात्र कक्षा 1 से 8 तक के लिए शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं।

हालांकि इसके लिए उन्हें Teacher Eligibility Test (TET) भी पास करना अनिवार्य होगा। तभी वे सरकारी शिक्षक भर्ती में भाग ले सकेंगे।

न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स

बोर्ड ने न्यूनतम पासिंग प्रतिशत भी तय किया है —

  • सामान्य श्रेणी : 35 प्रतिशत

  • आरक्षित श्रेणी (SC, ST, OBC, EWS) : 30 प्रतिशत

परीक्षा पैटर्न और प्रश्न संरचना

Bihar DElEd Entrance Exam 2025 में कुल 120 प्रश्न होंगे। हर प्रश्न एक अंक का होगा। कुल अंक 120 होंगे।

प्रश्नों का वितरण इस प्रकार होगा —

  • सामान्य हिंदी / उर्दू – 25 प्रश्न

  • गणित – 25 प्रश्न

  • विज्ञान – 20 प्रश्न

  • सामाजिक अध्ययन – 20 प्रश्न

  • सामान्य अंग्रेज़ी – 20 प्रश्न

  • तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता – 10 प्रश्न

परीक्षा की अहमियत

बिहार में यह प्रवेश परीक्षा हर साल लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ी होती है। जो छात्र primary teacher बनने का सपना देखते हैं, उनके लिए यह परीक्षा पहला बड़ा कदम है।

डीएलएड कोर्स न केवल नौकरी के लिए जरूरी है बल्कि यह शिक्षक बनने की पेशेवर योग्यता भी प्रदान करता है।

तैयारी और रणनीति

विशेषज्ञों का मानना है कि उम्मीदवारों को balanced preparation strategy अपनानी चाहिए। गणित और रीजनिंग में नियमित अभ्यास जरूरी है। हिंदी, उर्दू और अंग्रेज़ी में भाषा कौशल को मजबूत करना चाहिए।

विज्ञान और सामाजिक अध्ययन की तैयारी के लिए NCERT किताबों पर ध्यान देना लाभकारी होगा।

CBT मोड और तकनीकी बदलाव

इस बार परीक्षा CBT मोड में होगी। यानी सभी प्रश्न ऑनलाइन कंप्यूटर पर पूछे जाएंगे। इससे पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी।

बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों पर स्टाफ को प्रशिक्षित किया है ताकि उम्मीदवारों को किसी तरह की तकनीकी दिक्कत न हो।

सुरक्षा और गाइडलाइंस

एडमिट कार्ड पर उम्मीदवारों के लिए जरूरी निर्देश भी दिए जाएंगे। इनमें परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचना, वैध फोटो आईडी साथ लाना और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स न ले जाना शामिल होगा।

Bihar DElEd Admit Card 2025 और परीक्षा तिथि की घोषणा ने हजारों उम्मीदवारों की इंतज़ार खत्म कर दी है। परीक्षा 26 अगस्त 2025 से शुरू होगी और इसके एडमिट कार्ड जल्द ही जारी होंगे।

अब उम्मीदवारों के पास सीमित समय है और उन्हें अपनी तैयारी पूरी ताकत से करनी होगी। यह परीक्षा बिहार के भविष्य के शिक्षकों के लिए सुनहरा अवसर है।

NEET PG 2025 Topper: डॉ. पूशन मोहापात्रा ने किया टॉप, देखें टॉप 10 की लिस्ट

NEET PG 2025 Topper: Dr. Pushan Mohapatra Secures First Rank,

NEET PG 2025 का रिज़ल्ट जारी हो गया है और इस बार पहला स्थान हासिल किया है डॉ. पूशन मोहापात्रा ने। उनकी इस सफलता से उनके परिवार और कटक स्थित SCB Medical College and Hospital का नाम रोशन हुआ है।

डॉ. मोहापात्रा ने 2019 से 2024 के बीच अपना MBBS पूरा किया और इस साल नीट पीजी में 800 में से 707 अंक हासिल कर पूरे देश में टॉप किया। उनकी मेहनत और लगन का यह नतीजा अब लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बन गया है।

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्ज़ामिनेशन के अनुसार, NEET PG 2025 का स्कोरकार्ड 29 अगस्त को जारी किया जाएगा।

डॉ. पूशन मोहापात्रा की सफलता की कहानी

डॉ. मोहापात्रा की सफलता उनके अनुशासन और फ़ोकस का नतीजा है। मेडिकल क्षेत्र में उनकी शुरुआत से ही गहरी रुचि रही और SCB मेडिकल कॉलेज, कटक से मिली ट्रेनिंग ने उनके करियर की मज़बूत नींव रखी।

साथियों और शिक्षकों का कहना है कि वह हमेशा से hardworking और analytical सोच वाले स्टूडेंट रहे। उनकी तैयारी की रणनीति में लगातार प्रैक्टिस टेस्ट देना, कॉन्सेप्ट्स को गहराई से समझना और नियमित रिविज़न करना शामिल था।

NEET PG 2025 टॉप 10 रैंक और अंक

इस साल परीक्षा में टॉप 10 रैंकों में बहुत कड़ी टक्कर देखने को मिली। केवल कुछ अंकों के फ़ासले ने रैंक तय किए।

  • रैंक 1: डॉ. पूशन मोहापात्रा – 707 अंक

  • रैंक 2: रोल नंबर 25661108635 – 705 अंक

  • रैंक 3: रोल नंबर 25661152924 – 705 अंक

  • रैंक 4: रोल नंबर 25661216476 – 701 अंक

  • रैंक 5: रोल नंबर 25661043846 – 695 अंक

  • रैंक 6: रोल नंबर 25661074678 – 695 अंक

  • रैंक 7: रोल नंबर 25661159637 – 692 अंक

  • रैंक 8: रोल नंबर 25661231423 – 692 अंक

  • रैंक 9: रोल नंबर 25661054056 – 691 अंक

  • रैंक 10: रोल नंबर 25661184037 – 691 अंक

NEET PG 2025 कट-ऑफ मार्क्स

परीक्षा के लिए तय नियमों के अनुसार विभिन्न वर्गों की कट-ऑफ अलग रही:

  • सामान्य और EWS श्रेणी – 50 पर्सेंटाइल (276 अंक)

  • सामान्य दिव्यांग श्रेणी – 45 पर्सेंटाइल (255 अंक)

  • SC, ST, OBC (दिव्यांग सहित) – 40 पर्सेंटाइल (235 अंक)

कट-ऑफ पूरा करने वाले अभ्यर्थी अब काउंसलिंग प्रोसेस में शामिल होंगे।

काउंसलिंग प्रक्रिया

Medical Counseling Committee (MCC) द्वारा ऑल इंडिया कोटा सीटों के लिए काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। इसके अलावा राज्य कोटे और सेंट्रल यूनिवर्सिटी की सीटों के लिए भी ऑनलाइन प्रक्रिया होगी।

स्टूडेंट्स को रजिस्ट्रेशन करके अपनी पसंदीदा कॉलेज और कोर्स का चयन करना होगा। सीटों का आवंटन रैंक, कैटेगरी और उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा।

परीक्षा की अहमियत

NEET PG को भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा माना जाता है। यह परीक्षा MD, MS और PG डिप्लोमा कोर्सेज़ में एडमिशन का रास्ता खोलती है।

हर साल लाखों स्टूडेंट्स सीमित सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। यही कारण है कि इस परीक्षा की तैयारी में अनुशासन, प्लानिंग और निरंतर मेहनत की ज़रूरत होती है।

डॉ. मोहापात्रा बने प्रेरणा

डॉ. पूशन मोहापात्रा की यह उपलब्धि न सिर्फ़ उनकी मेहनत का नतीजा है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी है। उनकी सफलता यह साबित करती है कि सही स्ट्रैटेजी, निरंतर अभ्यास और आत्मविश्वास से कोई भी बड़ी मंज़िल हासिल की जा सकती है।

उनकी उपलब्धि से यह भी साफ़ है कि आज के युवा डॉक्टर सिर्फ़ अपनी पढ़ाई तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे समाज को दिशा देने के लिए तैयार हैं।

NEET PG 2025 का यह नतीजा फिर साबित करता है कि मेडिकल शिक्षा में मेहनत और लगन ही सफलता की कुंजी है। डॉ. पूशन मोहापात्रा का नाम अब देशभर के छात्रों के लिए रोल मॉडल की तरह है।

जैसे-जैसे काउंसलिंग आगे बढ़ेगी, सभी अभ्यर्थी अपने सपनों के कॉलेज और कोर्स हासिल करने की उम्मीद लगाए बैठेंगे। इस बार का रिज़ल्ट एक बार फिर दिखाता है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता वही पाता है जो लगातार मेहनत करता है और चुनौतियों से घबराता नहीं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला, हमलावर गिरफ्तार

Delhi Chief Minister Rekha Gupta Attacked at Public Hearing

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर आज सुबह उनके आवास पर हुई जनसुनवाई  के दौरान हमला हुआ। मुख्यमंत्री को हाथ और सिर में चोटें आई हैं। चालीस साल के आसपास का एक व्यक्ति, जो कुछ कागज़ लेकर मिलने आया था, अचानक उन पर टूट पड़ा। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आरोपी को काबू में कर लिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर पहले सामान्य ढंग से बातचीत कर रहा था लेकिन अचानक उसने मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारा, धक्का दिया और बाल खींचे। यह सब कुछ पलों में हुआ और सुरक्षा दल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे पकड़ लिया।

आरोपी की पहचान

पुलिस ने आरोपी की पहचान राजेश साक्रिया के रूप में की है, जो गुजरात के राजकोट का निवासी है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि वह dog lover है और सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से नाराज़ था। आदेश में दिल्ली-एनसीआर के आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया था।

उसकी मां, भानु, ने बताया कि बेटा इस फैसले से काफी व्यथित था और कई दिनों से परेशान चल रहा था। हालांकि, पुलिस का कहना है कि अभी जांच पूरी होने तक किसी नतीजे पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी।

गंभीर धाराओं में केस दर्ज

दिल्ली पुलिस ने आरोपी के ख़िलाफ़ हत्या की कोशिश (Attempt to Murder) समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। उस पर सरकारी कामकाज में बाधा डालने और लोक सेवक पर हमला करने के भी आरोप लगे हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अगर आरोप साबित होते हैं तो उसे लंबी सज़ा का सामना करना पड़ सकता है।

CCTV फुटेज ने खोला राज़

मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस हमले को premeditated attack यानी पूर्व नियोजित हमला बताया है। जारी किए गए सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को हमले से 24 घंटे पहले मुख्यमंत्री आवास के बाहर घूमते, वीडियो बनाते और रैकी करते देखा गया है।

यह फुटेज पुलिस को सौंप दिया गया है और जांच की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है।

मुख्यमंत्री की सेहत

घटना के तुरंत बाद डॉक्टरों ने रेखा गुप्ता की जांच की। भाजपा नेता हरीश खुराना ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री को चोटें आई हैं लेकिन वे सुरक्षित हैं। उन्होंने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि कहीं यह हमला राजनीतिक साज़िश का हिस्सा तो नहीं।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी बयान जारी कर कहा कि वह जल्द ही कामकाज सामान्य तरीके से जारी रखेंगी।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

यह हमला दिल्ली की राजनीति में तूफ़ान लेकर आया है।

भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा नेताओं ने इसे विपक्ष की साज़िश करार दिया है। दिल्ली के मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा कि विरोधी मुख्यमंत्री के जमीनी कामकाज को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और यह हमला उसी का परिणाम हो सकता है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष ने भी इस हमले की निंदा की है। आम आदमी पार्टी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति और विरोध की जगह है लेकिन हिंसा की नहीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दिल्ली पुलिस दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेगी।

चश्मदीदों का बयान

जनसुनवाई में मौजूद लोगों का कहना है कि आरोपी कागज़ लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुँचा और शिकायत की तरह बातचीत शुरू की। लेकिन अचानक वह हिंसक हो गया और हमला कर बैठा।

यह सब देखकर वहां मौजूद लोग और सुरक्षा दल कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गए।

सुरक्षा को लेकर सवाल

दिल्ली पुलिस ने इस हमले को big security breach माना है। पुलिस कमिश्नर एसबीके सिंह खुद इस जांच की निगरानी कर रहे हैं। अब यह भी जांच हो रही है कि हमलावर इतनी आसानी से मुख्यमंत्री तक कैसे पहुँच गया।

यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा इंतज़ाम को और मज़बूत करने की ज़रूरत है।

जनसुनवाई पर असर

रेखा गुप्ता अपनी जनता से सीधे जुड़ने के लिए हर हफ़्ते जनसुनवाई करती हैं। इस घटना ने इन कार्यक्रमों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि भविष्य में इन बैठकों के स्वरूप में बदलाव लाया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जुड़ा एंगल

हमलावर का पशु प्रेम और सुप्रीम कोर्ट का हालिया आदेश इस घटना में नया एंगल जोड़ रहा है। आदेश में आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने की बात कही गई थी, जिसका कई animal rights activists ने विरोध किया था।

अगर यह वजह साबित होती है तो यह दिखाता है कि सामाजिक संवेदनशील मुद्दे कभी-कभी हिंसा तक पहुँच सकते हैं।

जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

हमले की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर गुस्सा और चिंता की लहर दौड़ गई। कई लोगों ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर सवाल उठाए और सख्त कार्रवाई की मांग की।

वहीं, उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर #StandWithCMRekha जैसे हैशटैग चलाए और शुभकामनाएँ दीं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला सिर्फ़ एक व्यक्तिगत घटना नहीं, बल्कि यह लोकतंत्र, सुरक्षा और राजनीति पर गहरे सवाल खड़े करता है।

जांच में सामने आया कि यह हमला योजनाबद्ध था, और आरोपी की मंशा महज़ ग़ुस्सा नहीं बल्कि सोची-समझी योजना थी।

अब सबकी नज़र पुलिस जांच और आने वाली रिपोर्ट पर टिकी है। यह घटना न सिर्फ़ दिल्ली बल्कि पूरे देश की राजनीति में लंबे समय तक चर्चा का विषय बनी रहेगी।

अमिताभ बच्चन का ब्लॉग: उम्र बढ़ने की चुनौतियाँ और ज़िंदगी से मिली सीख

Amitabh Bachchan Reflects on Ageing: Candid Blog on Struggles and Life Lessons

बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन अक्सर अपने personal blog पर ज़िंदगी के अनुभव शेयर करते हैं। हाल ही में उन्होंने ageing पर एक भावुक ब्लॉग लिखा, जिसने उनके फैंस के दिल को छू लिया।

82 साल की उम्र में बच्चन ने माना कि अब उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी उतनी simple नहीं रही। उनकी दिनचर्या का बड़ा हिस्सा अब medication, health routines और medical advice से जुड़ा है।

संडे मीट और बदलती दिनचर्या

मुंबई में हर रविवार fans meet उनका एक स्थायी हिस्सा रहा है। लेकिन इस बार संडे के बाद लिखे ब्लॉग में उन्होंने अपनी health और lifestyle की असलियत साझा की। उन्होंने कहा कि अब हर दिन दवाइयों, yoga और physical care पर भी उतना ही ध्यान देना पड़ता है जितना काम पर।

उन्होंने माना कि एक दिन का भी break दर्द और परेशानी को लंबे समय तक बढ़ा देता है।

साधारण काम भी बड़ी चुनौती

बच्चन ने लिखा कि पहले जो काम बिना सोचे होते थे, अब planning मांगते हैं। उन्होंने उदाहरण दिया— trouser पहनना। डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी है कि खड़े होकर पैंट पहनने की कोशिश न करें। balance बिगड़ सकता है और गिरने का खतरा है।

उन्होंने माना कि ये छोटी-सी बात भी अब उनके लिए risk बन गई है।

योग और एक्सरसाइज़ का महत्व

महानायक ने लिखा कि yoga, breathing exercises और mobility training अब उनकी daily routine का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने घर में handle bars लगवाए हैं ताकि चलते या झुकते समय support मिल सके।

उन्होंने कहा कि एक उड़ता हुआ paper उठाना भी अब major effort बन गया है। पहले bravado तुरंत झुकने को कहता है, लेकिन शरीर की गति अब धीमी हो गई है।

मुस्कान के साथ सच्चाई

अमिताभ ने स्वीकार किया कि कई बार उन्हें इन बदलावों पर disbelief होता है। लेकिन हकीकत यही है कि पहले आसान दिखने वाले काम अब caution के साथ करने पड़ते हैं।

उन्होंने माना कि ageing हर इंसान की ज़िंदगी का हिस्सा है और इसे deny करने के बजाय accept करना चाहिए।

युवाओं के लिए सीख

उन्होंने लिखा कि हो सकता है युवा इसे मज़ाक समझें, लेकिन age सबको पकड़ लेती है। जीवन का downhill सफर जन्म के साथ ही शुरू हो जाता है।

उन्होंने लिखा, “Youth life की चुनौतियों को तेजी से पार करती है। लेकिन age अचानक speed breaker की तरह vehicle को रोक देती है।”

ज़िंदगी की यात्रा पर विचार

बच्चन ने life को vehicle journey से compare किया। जवानी में गाड़ी तेज़ चलती है, लेकिन उम्र brakes लगवा देती है। उनका मानना है कि ये दुखद नहीं बल्कि सच्चाई है, जिसे सभी को मानना होगा।

उन्होंने कहा कि grace और discipline के साथ इस बदलाव को अपनाना ही असली जीत है।

लंबा करियर और जज़्बा

अमिताभ बच्चन की बातें असर करती हैं क्योंकि उनका career resilience का प्रतीक रहा है। “Coolie” फिल्म की शूटिंग के दौरान हुए हादसे से लेकर health issues तक, उन्होंने हमेशा comeback किया।

आज भी 82 की उम्र में काम करना और fans से जुड़ना उनकी जिजीविषा दिखाता है।

फैंस से गहरा रिश्ता

हर रविवार “जलसा” के बाहर उनका fans meet इस रिश्ते की मिसाल है। इस ब्लॉग ने यह भी दिखाया कि इस मुलाकात के पीछे कितनी मेहनत और planning होती है।

फैंस ने सोशल मीडिया पर उन्हें ढेरों शुभकामनाएँ और प्यार भरे संदेश भेजे।

प्रेरणा और पब्लिक रिएक्शन

इस ब्लॉग ने लोगों को अपने parents और grandparents की याद दिलाई। फैंस ने उनकी honesty और openness की तारीफ की।

कई लोगों ने लिखा कि बच्चन अब भी active हैं, जो अपने आप में inspiration है।

अमिताभ बच्चन का यह ब्लॉग सिर्फ health issues नहीं बल्कि ज़िंदगी का सच्चा lesson है। उन्होंने दिखाया कि ageing को bravely और wisely स्वीकार करना चाहिए।

उनके मुताबिक, slowing down कमजोरी नहीं बल्कि adjustment है। उनका यह संदेश सभी generations के लिए एक reminder है कि ज़िंदगी को discipline, patience और positivity से जीना ही सबसे बड़ी जीत है।

शशि थरूर ने विवादित Bill का किया समर्थन, कांग्रेस से अलग राह

Controversial Bill

कांग्रेस सांसद शशि थरूर एक बार फिर अपनी पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग दिखे। अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने और स्वतंत्र राय रखने वाले थरूर ने इस बार PM, CM और मंत्रियों की अयोग्यता से जुड़े विवादित Bill का समर्थन किया है।

NDTV से बातचीत में थरूर ने कहा कि अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री 30 दिन से ज़्यादा न्यायिक हिरासत में रहता है, तो यह स्वाभाविक है कि उसे पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने इसे “सामान्य ज्ञान” का मामला बताया और साफ कहा कि इसमें उन्हें कुछ भी गलत नज़र नहीं आता।

संसद में अमित शाह ने पेश किया Bill

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में 130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 पेश किया। इस Bill में प्रावधान है कि प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और मंत्री तक, अगर कोई भी नेता 30 दिन से ज़्यादा जेल में रहता है, तो 31वें दिन उसे इस्तीफ़ा देना होगा या उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा।

अमित शाह ने स्पष्ट किया कि इस Bill को Joint Parliamentary Committee (JPC) को विचार के लिए भेजा जाएगा ताकि इस पर विस्तृत बहस हो सके।

थरूर ने JPC को भेजे जाने का किया स्वागत

शशि थरूर ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि अगर Bill को JPC में भेजा जाता है तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा होगा। उनके अनुसार, ऐसी संवेदनशील नीतियों पर समिति स्तर पर चर्चा होना ज़रूरी है ताकि विशेषज्ञ और सांसद सभी पहलुओं पर विचार कर सकें।

विपक्ष का जोरदार विरोध

जहाँ थरूर ने Bill का समर्थन किया, वहीं कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और AIMIM समेत कई विपक्षी दलों ने इसका जोरदार विरोध किया। उनका आरोप है कि सरकार इस कानून का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए कर सकती है।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे “काला कानून” करार दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री या मंत्री के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें 30 दिन तक जेल में रखा जा सकता है और इसके बाद उन्हें पद छोड़ना होगा। प्रियंका ने इसे पूरी तरह असंवैधानिक और लोकतंत्र पर हमला बताया।

प्रियंका गांधी की तीखी आलोचना

प्रियंका गांधी का कहना है कि यह Bill भारतीय संविधान की उस मूल भावना को तोड़ता है जिसमें कहा गया है कि “जब तक दोषी साबित न हो, तब तक निर्दोष”। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून कार्यकारी एजेंसियों को असीमित शक्ति देगा और चुने हुए नेताओं को बिना ट्रायल के हटाया जा सकेगा।

AAP ने भी जताया विरोध

AAP ने भी इस Bill का विरोध किया, भले ही वह INDIA गठबंधन का हिस्सा न हो। AAP नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार पहले से ही विपक्षी नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

AAP नेता अनुराग ढांडा ने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को डेढ़ साल तक जेल में रखा गया और बाद में कहा गया कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। ढांडा के अनुसार, इस Bill के तहत उन्हें निर्दोष होने के बावजूद मंत्री पद से हटाया जा सकता था।

Bill के प्रमुख प्रावधान

इस Bill में साफ प्रावधान है कि –

  • अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री 30 दिन से ज़्यादा न्यायिक हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन उसे पद छोड़ना होगा।

  • इस्तीफा न देने पर उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा।

  • यह प्रावधान केंद्र और राज्य, दोनों स्तरों पर लागू होगा।

सरकार का तर्क है कि गंभीर आरोपों में जेल में बंद नेताओं को शासन करने का अधिकार नहीं होना चाहिए।

संवैधानिक बहस

इस Bill ने संवैधानिक बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय कानून की बुनियाद “निर्दोष जब तक दोषी साबित न हो” है। बिना दोष साबित हुए सिर्फ हिरासत में रखने पर ही पद से हटाना इस सिद्धांत के खिलाफ है।

विपक्ष का आरोप है कि यह कानून राज्यों की निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने का हथियार बन सकता है।

कांग्रेस से थरूर की दूरी

शशि थरूर का यह रुख कांग्रेस नेतृत्व से उनके बढ़ते मतभेदों को फिर उजागर करता है। 2021 में G-23 ग्रुप में शामिल होने के बाद से वह कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं। हाल ही में उन्होंने संसद में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पर विशेष चर्चा में कांग्रेस के रुख पर भी सवाल उठाया था।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम हमले और उसके बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच संबंध और खराब हुए हैं।

राजनीतिक असर

थरूर का यह बयान विपक्ष की एकजुटता पर सवाल खड़े कर रहा है। जहाँ कांग्रेस, सपा, AIMIM और AAP जैसे दल Bill का विरोध कर रहे हैं, वहीं थरूर का समर्थन सरकार के लिए राहत माना जा रहा है।

विश्लेषकों का मानना है कि ruling party इस तरह के मतभेदों का फायदा उठाकर Bill को आगे बढ़ा सकती है।

दागी नेताओं को पद से हटाने वाला Bill अब भारतीय राजनीति में एक बड़ा विवाद बन गया है। सरकार इसे पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में कदम बता रही है, जबकि विपक्ष इसे लोकतंत्र के लिए खतरा मान रहा है।

शशि थरूर का समर्थन इस बहस को और गहरा कर रहा है। अब सबकी नज़र JPC की चर्चा और संसद में होने वाली आगामी बहस पर होगी।

लोकसभा में पेश हुआ दागी नेताओं को हटाने वाला Bill, विपक्ष का हंगामा तेज

Controversial Bill on Removing Prime Ministers and Chief Ministers Introduced in Lok Sabha

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को Lok Sabha में एक अहम Bill पेश किया। इस Bill में प्रस्ताव किया गया है कि अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों के तहत गिरफ्तार होता है और 30 दिन तक जेल में रहता है, तो 31वें दिन उसे पद छोड़ना होगा या बर्खास्त कर दिया जाएगा।

Bill पेश होते ही Lok Sabha में जमकर हंगामा हुआ। Congress और Samajwadi Party समेत सभी Opposition दलों ने इस पर कड़ा विरोध जताया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित करनी पड़ी। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि यह Bill संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को विचार के लिए भेजा जाएगा।

विपक्ष का तीखा विरोध

Congress सांसद मनीष तिवारी ने इस Bill को “पूरी तरह से विनाशकारी” बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान स्पष्ट करता है कि कानून का शासन होना चाहिए और जब तक दोष साबित न हो जाए, हर व्यक्ति निर्दोष माना जाता है। उनके मुताबिक यह Bill इस मूल सिद्धांत को तोड़ता है और जांच एजेंसियों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे पदों पर हावी होने का अधिकार दे देता है।

ओवैसी का हमला

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी Bill का तीखा विरोध किया। उन्होंने साथ ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) Bill 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) Bill 2025 और संविधान (130वां संशोधन) Bill 2025 का भी विरोध किया।

ओवैसी ने कहा कि यह कदम जनता के “सरकार चुनने के अधिकार” को कमजोर करता है। उनके मुताबिक केंद्र सरकार कार्यकारी एजेंसियों को “जज और जल्लाद” बना रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कानून भारत को एक Police State की तरफ धकेल देंगे।

आम आदमी पार्टी भी विरोध में

India Alliance का हिस्सा न होने के बावजूद Aam Aadmi Party ने भी इस Bill का विरोध किया। ‘आप’ नेता अनुराग ढांडा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग करती रही है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को फर्जी केस में डेढ़ साल से ज्यादा जेल में रखा गया और बाद में कहा गया कि कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस Bill के जरिए निर्दोष नेताओं को भी मजबूरन पद छोड़ना होगा और सरकारें गिराई जा सकती हैं।

सरकार का पक्ष

अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि Bill का मकसद जवाबदेही तय करना है। उन्होंने कहा कि कोई भी जनप्रतिनिधि अगर गंभीर आरोपों में जेल में है, तो वह सत्ता में नहीं रह सकता।

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि Bill को JPC में भेजा जाएगा ताकि उस पर विस्तार से चर्चा हो सके और जरूरत पड़ने पर बदलाव किए जाएं।

लोकसभा में हंगामा

Bill पेश होने के साथ ही Lok Sabha में शोरगुल शुरू हो गया। Opposition सांसद वेल तक पहुंच गए और नारेबाज़ी करने लगे। Speaker ने शांति बहाल करने की कोशिश की लेकिन लगातार शोरगुल के चलते कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

Bill के अहम प्रावधान

  • प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री अगर 30 दिन तक जेल में रहते हैं तो उन्हें 31वें दिन इस्तीफा देना होगा या बर्खास्त कर दिया जाएगा।

  • यह प्रावधान केंद्र और राज्य दोनों स्तर की सरकारों पर लागू होगा।

  • गंभीर आरोपों वाले नेताओं को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं होगी।

संवैधानिक बहस

विपक्ष का कहना है कि यह Bill संविधान के उस मूल सिद्धांत को तोड़ता है जिसमें कहा गया है कि जब तक अदालत दोषी न ठहराए, तब तक व्यक्ति निर्दोष है।

कांग्रेस और अन्य दलों का मानना है कि इस कानून से राजनीतिक बदले की कार्रवाई आसान हो जाएगी। विपक्षी नेताओं को जेल भेजकर सरकार गिराने का रास्ता खुल जाएगा।

राजनीतिक असर

अगर यह Bill कानून बनता है, तो कई राज्यों की राजनीति बदल सकती है। कई मुख्यमंत्री और मंत्री वर्तमान में जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। ऐसे में इस कानून के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सीधा असर राज्यों की स्थिरता और विपक्षी दलों की ताकत पर पड़ेगा।

अब यह Bill JPC को भेजा जाएगा जहां विशेषज्ञों, विधिवेत्ताओं और राजनीतिक दलों से राय ली जाएगी। विपक्षी दल पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे इस Bill को किसी भी कीमत पर पारित नहीं होने देंगे।

आने वाले महीनों में यह मुद्दा भारतीय राजनीति की सबसे बड़ी बहस बन सकता है। अगर सरकार इसे पारित कराने में सफल रहती है, तो यह भारतीय लोकतंत्र की संरचना में ऐतिहासिक बदलाव साबित होगा।

NCERT सिलेबस में शामिल हुआ Operation Sindoor : वीरता और शांति की कहानी

NCERT Adds Operation Sindoor to Syllabus:

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने Operation Sindoor पर एक विशेष मॉड्यूल जारी किया है। अब इसे कक्षा 3 से लेकर कक्षा 12 तक की किताबों में पढ़ाया जाएगा।

NCERT के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक military action नहीं था, बल्कि यह शांति कायम करने और उन लोगों को सम्मान लौटाने का प्रयास था जिन्होंने अपनी जान गंवाई। यह मॉड्यूल छात्रों को यह समझाने का प्रयास है कि यह ऑपरेशन केवल युद्ध तक सीमित नहीं था बल्कि यह भारत की justice और security के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक था।

इस ऑपरेशन के महज़ तीन महीने बाद इसे पाठ्यक्रम में सप्लीमेंट्री मटीरियल के रूप में जोड़ा गया है, ताकि छात्रों को भारत के इस महत्वपूर्ण सैन्य अध्याय की जानकारी मिल सके।

सैन्य कार्रवाई का विस्तृत विवरण

मॉड्यूल में विस्तार से बताया गया है कि पाकिस्तान ने भले ही पहलगाम हमले में सीधे तौर पर शामिल होने से इनकार किया, लेकिन यह हमला पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के आदेश पर किया गया था।

इसमें लिखा गया है कि भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। भारतीय सशस्त्र बलों ने मिसाइलें दागीं और एयर स्ट्राइक करके इन ठिकानों को ध्वस्त किया। इस कार्रवाई ने दिखा दिया कि भारत क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद पर निर्णायक जवाब देने में सक्षम है।

आतंकी ठिकानों का नाश

मॉड्यूल के अनुसार, इन नौ ठिकानों में से सात को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। भारतीय वायुसेना ने मुरिदके और बहावलपुर में स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कैंपों को निशाना बनाया।

NCERT सिलेबस में इस बात पर जोर दिया गया है कि इस दौरान किसी भी सिविलियन को नुकसान नहीं पहुंचा। हर टारगेट को दो बार जांचा गया और फिर कार्रवाई की गई।

यह छात्रों को यह संदेश देता है कि भारत आतंकवाद पर सटीक और रणनीतिक तरीके से वार करता है और आतंकियों के आकाओं को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

अलग-अलग क्लासेस के लिए मॉड्यूल

NCERT ने इस बार सिलेबस में दो अलग मॉड्यूल शामिल किए हैं।

  • कक्षा 3 से 8 के लिए मॉड्यूल का शीर्षक है “Operation Sindoor – A Saga of Valor”

  • कक्षा 9 से 12 के लिए मॉड्यूल है “Operation Sindoor – A Mission of Honor and Bravery”

इनका उद्देश्य छात्रों को भारतीय सेना की ताकत, अनुशासन और वीरता से परिचित कराना है।

आधुनिक रक्षा प्रणालियों का जिक्र

ऑपरेशन सिंदूर के मॉड्यूल में भारत की आधुनिक रक्षा तकनीक पर भी प्रकाश डाला गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे S-400 Air Defense System ने लंबी दूरी पर दुश्मन के विमानों को मार गिराया और ड्रोन को नष्ट किया।

इस तरह के उल्लेख छात्रों को यह समझाने के लिए किए गए हैं कि भारत की सैन्य ताकत केवल सैनिकों की बहादुरी पर ही नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी, रणनीति और इनोवेशन पर भी आधारित है।

नागरिकों की प्रतिक्रिया भी दर्ज

मॉड्यूल में इस हमले और भारत की कार्रवाई के बाद नागरिकों की प्रतिक्रियाओं को भी दर्ज किया गया है। हैदराबाद, लखनऊ और भोपाल में लोगों ने काली पट्टियां पहनकर हमले की निंदा की। कश्मीर में दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं।

सीमा के नजदीकी गांवों के लोगों ने भी सख्त कार्रवाई की मांग की और सशस्त्र बलों को खुला समर्थन दिया।

पुराने युद्धों से तुलना

मॉड्यूल में कहा गया है कि भारत ने हमेशा अपने नागरिकों और संप्रभुता की रक्षा के लिए सख्त रुख अपनाया है। 1947, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में भारत ने कड़ा जवाब दिया था।

ऑपरेशन सिंदूर को इस परंपरा का ही हिस्सा बताया गया है। यह जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई थी।

छात्रों के लिए संतुलित संदेश

सिलेबस में यह सुनिश्चित किया गया है कि छात्र केवल युद्ध का पहलू ही न देखें बल्कि मानवीय पहलू को भी समझें।

यह सिखाया जा रहा है कि भारत ने न केवल अपनी सैन्य शक्ति दिखाई बल्कि शांति बनाए रखने और नागरिकों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा।

सेना के प्रति सम्मान विकसित करना

इस मॉड्यूल का एक मुख्य उद्देश्य है छात्रों में भारतीय सेना के प्रति सम्मान और गर्व पैदा करना। असली सैन्य ऑपरेशंस के बारे में पढ़कर बच्चे बलिदान, अनुशासन और साहस को बेहतर समझ पाएंगे।

शैक्षणिक और राष्ट्रीय महत्व

NCERT का यह कदम शिक्षा को राष्ट्रीय घटनाओं से जोड़ने का प्रयास है। इससे छात्रों को न केवल समकालीन इतिहास की जानकारी मिलेगी बल्कि यह भी समझ आएगा कि शांति बनाए रखने के लिए कितने त्याग और पराक्रम की आवश्यकता होती है।

NCERT सिलेबस में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किया जाना आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहद अहम कदम है।

यह छात्रों को रणनीति, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के साथ-साथ आधुनिक रक्षा प्रणाली की अहमियत भी सिखाएगा।

भारत के पिछले युद्धों से इसे जोड़कर यह पाठ्यक्रम छात्रों को यह याद दिलाता है कि हमारा देश हमेशा आक्रामकता का डटकर सामना करता रहा है और शांति बनाए रखने के लिए निर्णायक कदम उठाता रहा है।

ISRO बना रहा है 40 मंजिला ऊंचा Rocket, 75,000 किलोग्राम Payload ले जाएगा अंतरिक्ष में

ISRO Developing 40-Storey Tall Rocket Capable of Carrying 75,000 kg Payload

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने शुरुआती दौर से लेकर अब तक लंबी दूरी तय की है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की देखरेख में तैयार पहला प्रक्षेपक 17 टन का था और उसकी क्षमता केवल 35 किलोग्राम Payload को Low Earth Orbit में भेजने की थी। आज ISRO ऐसे Rocket पर काम कर रहा है जो 40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा होगा और 75,000 किलोग्राम भार को कक्षा में स्थापित करने की क्षमता रखेगा।

यह छलांग दिखाती है कि भारत ने अंतरिक्ष तकनीक में कितनी तेज़ी से प्रगति की है।

वी. नारायणन का बड़ा एलान

Osmania University के दीक्षांत समारोह में ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस साल एजेंसी कई अहम मिशन पूरे करने की योजना बना रही है। इनमें Navigation with India Constellation System (SAVIC) सैटेलाइट का प्रक्षेपण N1 Rocket से किया जाएगा। साथ ही भारत अपने Launcher से अमेरिका का 6,500 किलोग्राम वजनी Communication Satellite भी कक्षा में स्थापित करेगा।

Heavy Lift Rocket का विज़न

नारायणन ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि Rocket की क्षमता क्या हो सकती है?” उन्होंने समझाया कि जहाँ पहला Launcher केवल 35 किलो भार उठा सकता था, वहीं अब 75,000 किलो Payload ले जाने वाला Heavy Lift Launcher बनाने की योजना है।

यह Rocket 40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा होगा और भारत का अब तक का सबसे विशाल प्रक्षेपक साबित होगा। इससे न केवल बड़े वैज्ञानिक मिशन संभव होंगे बल्कि अंतरराष्ट्रीय Commercial Launches के लिए भी भारत की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

इस साल होने वाले लॉन्च

ISRO इस वर्ष कई Satellite Launch करने की तैयारी में है। इनमें Technology Demonstration Satellite (TDS) और भारतीय नौसेना के लिए Communication Satellite GSAT-7R शामिल है। GSAT-7R नौसेना की सुरक्षित संचार प्रणाली को और मजबूत करेगा और रक्षा क्षमताओं को नई दिशा देगा।

भारत के मौजूदा उपग्रह और भविष्य की योजना

फिलहाल भारत के 55 Satellites अंतरिक्ष में सक्रिय हैं। नारायणन ने बताया कि अगले तीन से चार सालों में यह संख्या तीन गुना कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि मौसम, संचार, नेविगेशन और रक्षा क्षेत्र के लिए भारत की क्षमताएं कई गुना बढ़ेंगी।

नारायणन को मिला सम्मान

इस मौके पर तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने वी. नारायणन को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी। यह सम्मान ISRO की बढ़ती प्रतिष्ठा और उनके नेतृत्व की सराहना का प्रतीक है।

शुभांशु शुक्ला की PM से मुलाकात

भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री, जिन्होंने International Space Station की यात्रा की, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

शुक्ला 25 जून 2025 को Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष गए थे। उन्होंने 18 दिन International Space Station पर बिताए और 15 जुलाई को लौटे। पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान उन्होंने मिशन के अनुभव साझा किए और अंतरिक्ष में किए गए प्रयोगों के बारे में जानकारी दी।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ISRO की भूमिका

ISRO अब केवल घरेलू ज़रूरतों के लिए ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय Space Market में भी अहम भूमिका निभा रहा है। अमेरिका का Communication Satellite भारतीय Rocket से लॉन्च करना इसी का उदाहरण है।

आने वाला Heavy Lift Rocket ISRO को NASA और SpaceX जैसी एजेंसियों की श्रेणी में खड़ा करेगा। इस क्षमता से भारत बड़े Satellites, Space Station Modules और Deep Space Missions को भी संभाल सकेगा।

क्यों ज़रूरी है Heavy Lift Rocket

भविष्य की अंतरिक्ष खोज के लिए Heavy Lift Launchers बेहद अहम हैं। इनके जरिए बड़े Satellites, Crew Modules और Deep Space Experiments भेजे जा सकते हैं।

ISRO का नया Rocket 75,000 किलोग्राम Payload क्षमता के साथ भारत को बड़े वैश्विक प्रोजेक्ट्स जैसे Lunar Bases और Mars Missions में भागीदार बनाएगा।

भारत की अंतरिक्ष यात्रा अब नए युग में प्रवेश कर रही है। 17 टन से शुरू हुई कहानी अब 75,000 किलोग्राम Payload तक पहुंच चुकी है। आने वाले समय में ISRO का यह Mega Rocket न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए Space Exploration की दिशा बदल सकता है।

Prabhas की अपकमिंग फिल्म Fauji से लीक हुआ लुक, मेकर्स ने दी Legal Action की चेतावनी

Prabhas’ Upcoming Film Fauji: Leaked Look Sparks Buzz

साउथ के सुपरस्टार Prabhas की अपकमिंग फिल्म Fauji अपने अनाउंसमेंट से ही सुर्खियों में है। अब इस फिल्म से उनका नया लुक Social Media पर लीक हो गया है। तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं और बताया जा रहा है कि ये फोटो सीधे शूटिंग सेट से ली गई हैं।

वायरल तस्वीरों में Prabhas काफी lean नज़र आ रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने फिल्म के लिए वजन घटाया है। उनका दाढ़ी ट्रिम लुक और थोड़ा लंबे बालों वाला अंदाज़ सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इन तस्वीरों में वह casual half-sleeve T-shirt पहने दिखाई दे रहे हैं।

फैंस में एक्साइटमेंट, मेकर्स की चिंता

Prabhas के फैंस अपने स्टार को इस नए लुक में देखकर बेहद उत्साहित हैं। Fauji 2025 की सबसे ज्यादा चर्चित फिल्मों में से एक है और फैंस का उत्साह हर नई तस्वीर के साथ बढ़ रहा है।

दूसरी तरफ फिल्म के प्रोडक्शन हाउस Mythri Movie Makers ने इस लीक पर नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं टीम की मेहनत को कमज़ोर करती हैं और फिल्म की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी पर असर डालती हैं।

मेकर्स का सख्त बयान और Legal Warning

Fauji का निर्देशन Hanu Raghavapudi कर रहे हैं। प्रोडक्शन हाउस ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा,
“हमने देखा है कि बहुत से अकाउंट्स Prabhas और Hanu की फिल्म के सेट से तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। हम अपने दर्शकों को बेस्ट एक्सपीरियंस देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ऐसे लीक टीम का हौसला तोड़ते हैं। इस तरह की तस्वीरें शेयर करने वाले अकाउंट्स को रिपोर्ट कर बंद करवाया जाएगा और यह Cyber Crime माना जाएगा। इसके नतीजे भी भुगतने होंगे।”

मेकर्स ने साफ कर दिया है कि Unauthorized Content शेयर करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

फिल्म Fauji की कहानी और कास्ट

Prabhas की यह फिल्म एक War-time Romantic Drama बताई जा रही है। फिल्म की कहानी सच्ची घटनाओं से प्रेरित होगी और इसमें युद्ध के बीच पनपने वाले रिश्तों और बलिदानों को दिखाया जाएगा।

इस फिल्म में Prabhas के अलावा दिग्गज अभिनेता Anupam Kher और Mithun Chakraborty महत्वपूर्ण भूमिकाओं में होंगे। Jayaprasad भी एक अहम किरदार निभाते नज़र आएंगे। स्टार कास्ट की वजह से फिल्म को लेकर उम्मीदें और बढ़ गई हैं।

Prabhas का Transformation

लीक तस्वीरों ने यह भी दिखाया है कि Prabhas ने किरदार के लिए जबरदस्त ट्रांसफॉर्मेशन किया है। उनका lean लुक और फिट बॉडी एक सैनिक के किरदार को दर्शाता है। इससे पहले भी Prabhas Baahubali और Salaar जैसी फिल्मों में अपने Transformation से दर्शकों को चौंका चुके हैं।

फिटनेस और डाइट पर ध्यान देकर उन्होंने Fauji के लिए soldier look अपनाया है। फैंस इस मेहनत को देखकर और ज्यादा एक्साइटेड हैं।

इंडस्ट्री में Leak की बढ़ती समस्या

बड़ी फिल्मों से लुक और वीडियो का लीक होना फिल्म इंडस्ट्री में आम समस्या बन चुकी है। मेकर्स लाख कोशिशों के बावजूद सेट से तस्वीरें बाहर आ जाती हैं। इससे प्रमोशन प्लान पर असर पड़ता है और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी प्रभावित हो सकता है।

Mythri Movie Makers ने जो Legal Warning दी है, उससे उम्मीद है कि लीक करने वालों पर सख्ती होगी और आने वाली फिल्मों के सेट पर भी सिक्योरिटी और मज़बूत की जाएगी।

दर्शकों की उम्मीदें

Prabhas की हर फिल्म का इंतजार पैन इंडिया दर्शक करते हैं। Fauji से दर्शकों को एक इमोशनल और दमदार वॉर-ड्रामा की उम्मीद है।

Social Media पर वायरल तस्वीरों ने जहां एक्साइटमेंट बढ़ाया है, वहीं कुछ फैंस का कहना है कि यह Surprise एलिमेंट को खराब कर रहा है। हालांकि विवाद के बावजूद फिल्म को लेकर उम्मीदें कम नहीं हुई हैं।

हालांकि लीक से मेकर्स की परेशानी बढ़ी है, लेकिन Fauji अभी भी 2025 की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक है। जल्द ही मेकर्स आधिकारिक Poster और Teaser रिलीज़ करेंगे ताकि फिल्म की असली झलक दर्शकों तक पहुंचे।

फिलहाल फैंस Prabhas के इस नए soldier avatar को देखने के लिए बेसब्र हैं। War-time backdrop, Romance और Action से भरपूर यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाका करने की पूरी क्षमता रखती है।

CSIR NET 2025 Result: बहुत जल्द जारी होगा रिजल्ट

CSIR NET 2025 Result: NTA to Release Soon

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) बहुत जल्द CSIR UGC NET June 2025 Result जारी करने वाली है। परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार csirnet.nta.ac.in पर जाकर अपना Scorecard डाउनलोड कर सकेंगे।

एजेंसी ने मंगलवार को फाइनल Answer Key जारी कर दी है। इससे पहले Provisional Answer Key जारी हुई थी और उम्मीदवारों को Objection दर्ज कराने का मौका मिला था। अब सभी Objection की समीक्षा के बाद अंतिम Answer Key जारी की गई है। इसी आधार पर परिणाम तैयार किया जाएगा।

CSIR NET परीक्षा का महत्व

CSIR NET परीक्षा देश में शोध और शैक्षणिक पदों के लिए एक महत्वपूर्ण पात्रता परीक्षा मानी जाती है। यह परीक्षा Junior Research Fellowship (JRF), Assistant Professor की नियुक्ति और PhD प्रवेश के लिए आयोजित होती है।

इस परीक्षा में Physics, Chemistry, Mathematics, Biology और Geology जैसे विषय शामिल होते हैं। इसके अलावा NTA Mathematical Sciences, Life Sciences, Physical Sciences और Earth, Atmospheric, Ocean और Planetary Sciences के लिए भी टेस्ट आयोजित करती है।

सफल उम्मीदवारों को शोध छात्रवृत्ति, विश्वविद्यालयों में अध्यापन पद और PhD में दाखिला पाने का अवसर मिलता है।

न्यूनतम पासिंग मार्क्स

NTA ने कटऑफ क्राइटेरिया पहले ही स्पष्ट कर दिए हैं।

  • General, EWS और OBC उम्मीदवारों को कम से कम 33% अंक लाने होंगे।

  • SC, ST और PwD उम्मीदवारों के लिए यह सीमा 25% रखी गई है।

केवल इन्हीं उम्मीदवारों को JRF या Assistant Professor Eligibility के लिए योग्य माना जाएगा।

रिजल्ट ऐसे करें चेक

रिजल्ट जारी होने के बाद उम्मीदवार इसे आसानी से ऑनलाइन देख सकते हैं।

  1. आधिकारिक वेबसाइट csirnet.nta.ac.in पर जाएं।

  2. होम पेज पर दिए गए लिंक CSIR UGC NET June 2025 Result पर क्लिक करें।

  3. Application Number और Date of Birth से Login करें।

  4. Submit पर क्लिक करने के बाद रिजल्ट स्क्रीन पर आ जाएगा।

  5. इसे डाउनलोड कर Print Out निकाल लें।

Answer Key प्रक्रिया

NTA ने परीक्षा के बाद Provisional Answer Key जारी की थी। इसके लिए उम्मीदवारों को Objection Window उपलब्ध कराई गई थी ताकि वे किसी भी सवाल पर आपत्ति दर्ज करा सकें।

सभी आपत्तियों की जांच के बाद अब Final Answer Key जारी की गई है। यही अंतिम कुंजी रिजल्ट तैयार करने का आधार होगी। उम्मीदवारों को भरोसा दिलाया गया है कि मूल्यांकन पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी है।

उम्मीदवारों में उत्सुकता

देशभर के हजारों उम्मीदवार इस रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगातार Cut-Off और Result को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। कई Coaching Institutes भी Answer Key के आधार पर अनुमानित Cut-Off साझा कर रहे हैं।

जिन उम्मीदवारों का चयन होगा, उनके लिए यह करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। वहीं, असफल उम्मीदवारों को अगली बार के लिए तैयारी करनी होगी।

रिजल्ट के बाद क्या होगा

रिजल्ट घोषित होने के बाद उम्मीदवारों को अपना Scorecard मिलेगा। इसमें विषयवार अंक, कुल अंक और क्वालिफाइंग स्टेटस की जानकारी होगी।

JRF के लिए चयनित उम्मीदवारों को Fellowship Grant की जानकारी बाद में दी जाएगी। Assistant Professor Eligibility पाने वाले उम्मीदवार अपने Scorecard का इस्तेमाल विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में आवेदन के लिए कर सकेंगे।

CSIR NET 2025 Result कई उम्मीदवारों के लिए भविष्य की दिशा तय करेगा। JRF पाने वाले रिसर्च में आगे बढ़ सकेंगे और असिस्टेंट प्रोफेसर के पात्र उम्मीदवार शिक्षण क्षेत्र में अवसर तलाश पाएंगे।

भारत में विज्ञान और शोध के क्षेत्र में बढ़ती ज़रूरतों को देखते हुए CSIR NET का महत्व और बढ़ गया है। यह परीक्षा न केवल व्यक्तिगत करियर का रास्ता खोलती है बल्कि देश के वैज्ञानिक शोध ढांचे को भी मजबूत बनाती है।

Google Pixel 10 Series की कीमतें लॉन्च से पहले लीक, ₹79,999 से होगी शुरुआत

Google Pixel 10 Series prices leaked before launch,

Google आज यानी 20 अगस्त 2025 को “Made by Google” ग्लोबल इवेंट में Pixel 10 Series लॉन्च करने जा रहा है। इस लाइनअप में चार मॉडल शामिल होंगे – Pixel 10, Pixel 10 Pro, Pixel 10 Pro XL और Pixel 10 Pro Fold।

लॉन्च से ठीक पहले इनकी भारतीय कीमतें लीक हो गई हैं। जानकारी के अनुसार, बेस मॉडल Pixel 10 की शुरुआती कीमत ₹79,999 हो सकती है। वहीं सबसे महंगा मॉडल Pixel 10 Pro Fold लगभग ₹1,72,999 में आ सकता है। इन लीक कीमतों ने भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में काफी चर्चा पैदा कर दी है।

Pixel 10: बेस और किफायती फ्लैगशिप

Pixel 10 भारतीय बाजार में लगभग ₹79,999 की कीमत से शुरू हो सकता है। इसमें 12GB RAM और 256GB स्टोरेज दिया जाएगा। खास बात यह है कि इसकी कीमत Pixel 9 के समान ही है।

इस डिवाइस में Google का नया Tensor G5 chipset दिया जाएगा, जो TSMC की 3nm तकनीक पर आधारित है। यह चिप तेज परफॉर्मेंस और बेहतर बैटरी लाइफ देने में सक्षम होगा।

Pixel 10 में उन्नत AI फीचर्स, Machine Learning टूल्स और Camera Coach तकनीक शामिल होंगे। कैमरा को लो-लाइट फोटोग्राफी और इमेज स्टेबिलाइजेशन के लिए अपग्रेड किया गया है। Google Pixel सीरीज़ पहले से ही computational photography के लिए प्रसिद्ध है और Pixel 10 इसे एक और स्तर तक ले जा सकता है।

Pixel 10 Pro: प्रो-लेवल फीचर्स

Pixel 10 Pro का अनुमानित प्राइस ₹1,09,999 बताया गया है। यह कीमत पिछले साल के Pro मॉडल से लगभग समान है।

इस फोन में प्रोफेशनल ग्रेड कैमरा सेटअप मिलने की उम्मीद है। इसमें टेलीफोटो लेंस, अल्ट्रा-वाइड लेंस और बेहतर ज़ूम क्षमताएं शामिल हो सकती हैं। Google का AI आधारित कैमरा सॉफ्टवेयर इसे प्रोफेशनल फोटोग्राफी जैसा अनुभव देगा।

बैटरी को भी बेहतर किया जाएगा और फास्ट चार्जिंग विकल्प दिए जा सकते हैं। Tensor G5 chipset की वजह से Pro मॉडल स्मूद मल्टीटास्किंग और गेमिंग परफॉर्मेंस देगा।

Pixel 10 Pro XL: बड़ा डिस्प्ले और बड़ी बैटरी

Pixel 10 Pro XL को बड़े डिस्प्ले और ज्यादा बैटरी के साथ पेश किया जाएगा। लीक रिपोर्ट्स के अनुसार इसकी भारतीय कीमत ₹1,24,999 हो सकती है।

यह फोन 256GB बेस स्टोरेज वेरिएंट में आएगा और हाई-रेज़ोल्यूशन डिस्प्ले के साथ पेश किया जाएगा। इसमें Google का नया Snap Charging फीचर मिलेगा। यह एक magnetic Qi2 wireless charging solution है, जो Apple MagSafe जैसा अनुभव देता है।

Pro XL का फोकस एंटरटेनमेंट और पावर यूज़र्स पर होगा। बड़ी बैटरी इसे लंबे समय तक चलने की क्षमता देगी और Tensor G5 प्रोसेसर परफॉर्मेंस को और मजबूत करेगा।

Pixel 10 Pro Fold: सबसे प्रीमियम और महंगा मॉडल

Pixel 10 Series का सबसे आकर्षक और प्रीमियम डिवाइस Pixel 10 Pro Fold होगा। भारत में इसकी कीमत ₹1,72,999 बताई जा रही है। यह Google का अब तक का सबसे महंगा स्मार्टफोन हो सकता है।

इसमें 8-इंच का मुख्य डिस्प्ले और 6.4-इंच का कवर डिस्प्ले मिलेगा। यह 16GB RAM और 1TB तक स्टोरेज विकल्प के साथ आएगा।

Google Pixel 10 Pro Fold का मुकाबला सीधे Samsung Galaxy Z Fold और Vivo X Fold सीरीज़ से होगा। इसमें नया hinge design, बेहतर durability और मल्टीटास्किंग के लिए optimized software मिलने की उम्मीद है।

भारत में Google की रणनीति

Pixel 10 Series की लीक कीमतें यह दिखाती हैं कि Google अलग-अलग प्रीमियम सेगमेंट को टार्गेट कर रहा है। Pixel 10 किफायती प्रीमियम कैटेगरी में आता है जबकि Pro और Fold मॉडल हाई-एंड कस्टमर्स को ध्यान में रखकर लाए जा रहे हैं।

भारतीय मार्केट में Samsung, Apple और OnePlus जैसी कंपनियां पहले से मजबूत हैं। Google अपने साफ-सुथरे Android अनुभव, AI फीचर्स और unmatched कैमरा क्वालिटी से प्रतिस्पर्धा करना चाहता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि ₹79,999 वाला Pixel 10 काफी आकर्षक विकल्प हो सकता है। लेकिन Pixel 10 Pro Fold की कीमत इसे एक niche प्रोडक्ट बना देगी।

प्रतिस्पर्धियों से मुकाबला

Pixel 10 Series को Samsung Galaxy Z Flip 7, Vivo X Fold 5 और आने वाले iPhone 17 Pro से टक्कर मिलेगी।

Google का फोकस AI आधारित फीचर्स पर है। Live Translation, Advanced Photography और Smart Transcription जैसी सुविधाएं Pixel 10 सीरीज़ को खास बनाएंगी।

लॉन्च इवेंट से उम्मीदें

“Made by Google” इवेंट में डिवाइस की पूरी स्पेसिफिकेशंस सामने आएंगी। Google कैमरा अपग्रेड्स, डिजाइन बदलाव और AI integration पर विशेष ध्यान दे सकता है।

Pixel 10 Pro Fold इस इवेंट का मुख्य आकर्षण होने वाला है। साथ ही Google Pixel Watch, Pixel Buds और Android 15 पर भी चर्चा की जा सकती है।

उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया

लीक्स सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर Pixel 10 Series को लेकर जबरदस्त चर्चा है। टेक यूजर्स बेस मॉडल की कीमत को आकर्षक बता रहे हैं, लेकिन Foldable मॉडल की कीमत पर सवाल उठा रहे हैं।

Pro और XL मॉडल उन लोगों को टार्गेट करेंगे जो पावर और कैमरा परफॉर्मेंस को प्राथमिकता देते हैं। शुरुआती खरीददार और टेक उत्साही निश्चित तौर पर इस सीरीज़ की ओर आकर्षित होंगे।

Pixel 10 Series Google के लिए भारतीय प्रीमियम स्मार्टफोन मार्केट में एक बड़ा कदम है। ₹79,999 से लेकर ₹1,72,999 तक की रेंज में यह सीरीज़ अलग-अलग यूज़र समूहों को कवर करेगी।

Pixel 10 और Pixel 10 Pro भारतीय बाजार में मजबूत पकड़ बना सकते हैं। लेकिन Pixel 10 Pro Fold की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि भारतीय खरीदार foldable phones के लिए कितना खर्च करने को तैयार हैं।

गुजरात तट पर बड़ा Boat Tragedy: अरब सागर में 8 मछुआरे लापता

Gujarat Coast Boat Tragedy:

गुजरात तट के पास मंगलवार शाम एक बड़ी दुर्घटना हुई। अमरेली जिले के जाफराबाद के तट से करीब 19 समुद्री मील दूर अरब सागर में दो नावें पलट गईं। इस Boat Accident में कई मछुआरे समुद्र में समा गए। दस लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया लेकिन आठ मछुआरे अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

इस घटना ने तटीय इलाकों में मछुआरा समुदाय को दहला दिया है। परिजन लगातार तट पर मौजूद हैं और अपनों की सुरक्षित वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।

हादसे की विस्तृत जानकारी

अधिकारियों के अनुसार हादसा शाम करीब छह बजे हुआ। दोनों नावों में नौ-नौ मछुआरे सवार थे। तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण नावें समुद्र की लहरों से टकराकर पलट गईं।

करीब की ही दूसरी नाव ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और दस मछुआरों को बचा लिया गया। लेकिन आठ लोग समुद्र की तेज लहरों में बह गए और उनका कोई पता नहीं चल सका।

राजुला के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) मेहुल बारासरा ने बताया कि सूचना मिलते ही Coast Guard और स्थानीय मछुआरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

कोस्ट गार्ड की रेस्क्यू कोशिशें

Coast Guard और स्थानीय मछुआरे लगातार लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इस वजह से नावों के जरिए ही Rescue Operation चलाया जा रहा है।

समुद्र में तेज धाराएं और ऊंची लहरें रेस्क्यू को कठिन बना रही हैं। लगातार हो रही बारिश से विज़िबिलिटी भी कम है। इसके बावजूद अधिकारी हर संभव कोशिश में लगे हैं कि लापता मछुआरे सुरक्षित मिल जाएं।

मौसम ने बढ़ाई मुश्किलें

गुजरात में पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है। मंगलवार को भी तटीय जिलों में मूसलाधार वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक Heavy to Very Heavy Rainfall की चेतावनी दी है।

तेज हवाएं और उफनती लहरें खोज अभियान में रुकावट डाल रही हैं। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि खोजबीन हर हाल में जारी रहेगी।

NDRF और SDRF की तैनाती

गुजरात सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए व्यापक कदम उठाए हैं।

  • NDRF की 12 टीमें

  • SDRF की 20 टीमें

विभिन्न जिलों में तैनात की गई हैं। इन टीमों को किसी भी Emergency Situation का सामना करने के लिए अलर्ट पर रखा गया है।

मुख्य ध्यान अभी लापता मछुआरों की खोज पर है। लेकिन प्रशासन इस बात से भी सावधान है कि लगातार हो रही भारी बारिश नए संकट खड़े कर सकती है।

मछुआरा समुदाय की चिंता

इस हादसे ने स्थानीय मछुआरा समुदाय को डरा दिया है। उनके लिए समुद्र ही आजीविका का साधन है, लेकिन मानसून में यही समुद्र जानलेवा साबित हो जाता है।

लापता मछुआरे आसपास के गांवों से थे। उनके परिवार मंगलवार शाम से तट पर डटे हुए हैं। लोग सरकार से अपील कर रहे हैं कि Rescue Boats और आधुनिक उपकरणों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं में जानें न जाएं।

प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया

गुजरात प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि हर संभव मदद दी जाएगी। SDM मेहुल बारासरा ने कहा कि Coast Guard और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बना हुआ है।

राज्य सरकार ने राहत उपायों की तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन यह भी देख रहा है कि भविष्य में ऐसे हादसों को कैसे रोका जाए और किन सुरक्षा प्रोटोकॉल को और मजबूत किया जाए।

मानसून और मछली पकड़ने का जोखिम

हर साल Monsoon Season में मछुआरों को समुद्र में जान का खतरा रहता है। मौसम विभाग चेतावनी जारी करता है लेकिन मछुआरे मजबूरी में समुद्र में जाते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि Communication System को बेहतर करना होगा ताकि मछुआरों को समय पर Alert मिल सके। सरकार लंबे समय से Radio Communication सिस्टम की योजना बना रही है लेकिन इसे पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है।

परिवारों की व्यथा

आंकड़ों के पीछे कई दर्दनाक कहानियां छिपी हैं। जाफराबाद के तट पर महिलाओं ने रो-रोकर अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना की। बच्चे लगातार पूछते रहे कि उनके पिता कब लौटेंगे।

जो मछुआरे बचा लिए गए हैं, वे अब भी सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि समुद्र अचानक उग्र हो गया और नावें तेज धार से टकराकर तुरंत पलट गईं। कुछ लोग तैरकर बचने में सफल रहे लेकिन बाकी लहरों में बह गए।

वर्तमान स्थिति

अभी भी आठ मछुआरे लापता हैं और उनकी तलाश जारी है। Coast Guard ने Search Area को और बढ़ा दिया है। समय बीतने के साथ संभावना कम होती जा रही है लेकिन उम्मीद अब भी बनी हुई है।

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए नई चेतावनियां जारी की हैं। Rescue Teams पूरी कोशिश कर रही हैं कि स्थिति और खराब होने से पहले लापता लोगों तक पहुंचा जा सके।

गुजरात का यह Boat Tragedy एक बार फिर यह दिखाता है कि मानसून के दौरान मछुआरों के लिए समुद्र कितना खतरनाक हो जाता है। यह हादसा यह भी बताता है कि Coastal Safety को और बेहतर बनाने की सख्त जरूरत है।

फिलहाल, नज़रें रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी हैं। परिवार, समुदाय और अधिकारी सभी एक ही उम्मीद में हैं कि लापता मछुआरे सुरक्षित वापस लौटें।

Vice President Election 2025: सीपी राधाकृष्णन ने भरा नामांकन

Vice President Election 2025: CP Radhakrishnan Files Nomination

नई दिल्ली में मंगलवार को Vice President Election 2025 को लेकर बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद मौजूद रहे और वे उनके पहले प्रस्तावक बने। संसद भवन परिसर में आयोजित इस नामांकन कार्यक्रम में भाजपा और एनडीए के कई वरिष्ठ नेता एकजुट होकर पहुंचे और राधाकृष्णन के साथ खड़े दिखाई दिए। यह नजारा एनडीए की राजनीतिक मजबूती और एकजुटता का प्रतीक माना गया।

संसद में हुआ नामांकन दाखिल

सीपी राधाकृष्णन ने निर्वाचन अधिकारी को नामांकन पत्रों के चार सेट सौंपे। यह केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं बल्कि एनडीए की ताकत दिखाने का मौका भी था। कार्यक्रम में भाजपा और सहयोगी दलों के नेता एक साथ आए। इससे यह संदेश गया कि NDA Candidate CP Radhakrishnan के समर्थन में पूरा गठबंधन एकजुट है।

पीएम मोदी बने पहले प्रस्तावक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुद नामांकन कार्यक्रम में मौजूद रहना इस पूरे घटनाक्रम को खास बना गया। मोदी ने पहले प्रस्तावक के रूप में दस्तखत किए और इस तरह उन्होंने भाजपा और एनडीए की ओर से राधाकृष्णन को पूरा समर्थन देने का संकेत दिया। यह कदम इस बात का भी प्रमाण है कि पार्टी और गठबंधन राधाकृष्णन की उम्मीदवारी को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।

नामांकन के दौरान मौजूद रहे बड़े नेता

सीपी राधाकृष्णन के नामांकन दाखिल करने के दौरान भाजपा और एनडीए के कई दिग्गज नेता मौजूद थे।

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

  • गृह मंत्री अमित शाह

  • केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

  • जेडीयू से ललन सिंह और संजय झा

  • लोजपा (रामविलास) से चिराग पासवान

  • केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी

इन नेताओं की मौजूदगी ने यह संदेश दिया कि एनडीए इस चुनाव को लेकर गंभीर और एकजुट है।

सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर

सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से आते हैं और वहां भाजपा को मजबूत करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। वे कोयंबटूर से दो बार सांसद रह चुके हैं और पार्टी के पुराने वफादार नेताओं में गिने जाते हैं। वर्तमान में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। उनका प्रशासनिक अनुभव और संसदीय कार्यशैली उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है।

एनडीए की रणनीति और दक्षिण भारत का संदेश

एनडीए ने इस चुनाव के लिए राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर साफ संकेत दिया है कि गठबंधन दक्षिण भारत को भी बराबरी से महत्व देता है। भाजपा लंबे समय से तमिलनाडु में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है और यह नामांकन उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

उपराष्ट्रपति पद का महत्व

भारत का उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं। यह जिम्मेदारी ऐसे व्यक्ति को चाहिए, जिसके पास संसदीय अनुभव और संतुलित दृष्टिकोण हो। सीपी राधाकृष्णन का अनुभव और उनकी राजनीतिक समझ इस पद के लिए उन्हें उपयुक्त बनाती है।

विपक्ष और संभावित मुकाबला

जहां एनडीए ने पूरी ताकत से राधाकृष्णन के नामांकन को अंजाम दिया है, वहीं अब सबकी निगाहें विपक्ष पर टिकी हैं। विपक्षी दल भी अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकते हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव सीधे तौर पर सरकार को प्रभावित नहीं करता, लेकिन यह राजनीतिक शक्ति संतुलन का अहम प्रतीक होता है।

नामांकन के बाद राधाकृष्णन का वक्तव्य

नामांकन दाखिल करने के बाद सीपी राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है कि उन्हें इतने बड़े संवैधानिक पद के लिए उम्मीदवार चुना गया है। राधाकृष्णन ने भरोसा जताया कि यदि वे चुने जाते हैं तो वे लोकतंत्र की मर्यादा और संसदीय परंपराओं को बनाए रखेंगे।

Vice President Election 2025 के लिए सीपी राधाकृष्णन का नामांकन भाजपा और एनडीए की एकजुटता का परिचायक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी सहयोगी दलों के नेताओं की मौजूदगी ने इस बात को और मजबूत किया कि गठबंधन पूरी तरह साथ है। राधाकृष्णन का अनुभव, उनका सादगीपूर्ण राजनीतिक जीवन और दक्षिण भारत से उनका प्रतिनिधित्व उन्हें इस चुनाव में एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है।

श्रुति हासन ने साउथ स्टार्स को बताया बॉलीवुड एक्टर्स से ज्यादा विनम्र

Shruti Haasan Calls South Stars More Humble Than Bollywood Actors, Shares Her Experience

साउथ और बॉलीवुड की लोकप्रिय एक्ट्रेस और सिंगर श्रुति हासन ने हाल ही में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि South Indian Stars, Bollywood Actors की तुलना में ज्यादा विनम्र होते हैं। उनके मुताबिक़, भले ही साउथ एक्टर्स के पास बहुत पैसा और शोहरत हो, लेकिन वे अपनी सादगी और अनुशासन के लिए पहचाने जाते हैं।

श्रुति हासन, सुपरस्टार कमल हासन की बेटी हैं। उन्होंने तमिल और तेलुगु फिल्मों के साथ-साथ कई हिंदी फिल्मों में भी काम किया है। लक, रामैया वस्तावैया, वेलकम बैक और गब्बर इज़ बैक जैसी फिल्मों से उन्होंने बॉलीवुड में भी पहचान बनाई। एक्टिंग के साथ-साथ वह एक ट्रेंडेड म्यूज़िशियन भी हैं और दुनियाभर में उनके संगीत को सराहा गया है।

साउथ एक्टर्स की विनम्रता

The Hollywood Reporter से बातचीत में श्रुति ने कहा कि South Indian Stars हमेशा विनम्र रहते हैं। उन्होंने कहा कि यहां कलाकारों के मन में यह डर होता है कि कहीं “सरस्वती का हाथ सिर से उठ न जाए”।

उन्होंने समझाया कि उनके घर में धार्मिकता पर चर्चा नहीं होती थी क्योंकि उनके पिता कमल हासन इसमें विश्वास नहीं करते। लेकिन जब उन्होंने काम करना शुरू किया तो साउथ फिल्म सेट्स पर छोटी-छोटी धार्मिक प्रथाओं पर ध्यान दिया। जैसे सुबह नारियल रखना या किसी देवता की तस्वीर कोने में रखना।

अनुशासन और सादगी की मिसाल

श्रुति हासन ने कहा कि South Cinema के सेट्स पर अनुशासन और नियम साफ़ तौर पर देखने को मिलते हैं। वहां हर कोई जानता है कि सेट पर क्या करना है और क्या नहीं करना है।

उन्होंने यह भी बताया कि South Indian Stars और उनका स्टाफ इस बात को लेकर बेहद सजग रहते हैं कि वे खुद को कैसे प्रेज़ेंट करें। उनकी तुलना में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में यह जागरूकता थोड़ी कम दिखाई देती है।

अमीरी के बावजूद सादगी

श्रुति ने कहा कि साउथ के कई बड़े स्टार्स के पास बहुत पैसा है लेकिन वे भड़कीले कपड़े नहीं पहनते। उन्होंने उदाहरण दिया कि कई स्टार्स सालों तक पुरानी Ambassador कार ही इस्तेमाल करते हैं।

उनके अनुसार, यह सादगी South Indian culture की खासियत है। यहां कलाकारों की पहचान उनके काम से होती है, न कि उनकी लाइफस्टाइल से।

काम ही है असली पहचान

श्रुति हासन ने आगे कहा कि उनका मानना है कि किसी कलाकार की विनम्रता उसकी कला में झलकती है। एक अच्छी फिल्म, बढ़िया स्क्रिप्ट या soulful गाना ही कलाकार की असली पहचान है।

उनका कहना है कि एक्टर या सिंगर का काम सिर्फ अपनी कला को दर्शकों तक पहुंचाना है। यही कला उन्हें जमीन से जोड़े रखती है और उन्हें विनम्र बनाती है।

साउथ बनाम बॉलीवुड

South vs Bollywood का यह अंतर अब अक्सर चर्चा का विषय बनता जा रहा है। बॉलीवुड जहां अपनी चमक-दमक और ग्लैमर के लिए जाना जाता है, वहीं साउथ इंडस्ट्री अपनी सादगी, अनुशासन और स्टोरीटेलिंग के लिए सराही जाती है।

श्रुति हासन का बयान इस बहस को और मजबूत करता है कि South Indian Stars अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं और विनम्रता उनकी ताकत है।

Shruti Haasan News में यह बयान साफ करता है कि उन्होंने दोनों इंडस्ट्री में काम करके यह अंतर महसूस किया है। Bollywood Actors जहां ग्लैमर और स्टाइल पर ज्यादा ध्यान देते हैं, वहीं South Indian Stars अपनी सादगी और विनम्रता से दर्शकों के दिल जीतते हैं।

बिहार पुलिस ड्राइवर कांस्टेबल भर्ती की आज अंतिम तारीख

Bihar Police Constable Recruitment 2020:

Bihar Police Constable Recruitment 2020 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि आज 20 अगस्त है। केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती (CSBC Patna) ने 4361 ड्राइवर कांस्टेबल पदों के लिए यह भर्ती निकाली थी। यह प्रक्रिया 21 जुलाई से शुरू हुई थी और अब इसके आवेदन बंद हो जाएंगे।

बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों के उम्मीदवार भी इसमें आवेदन कर सकते हैं। हालांकि आरक्षण और आयु सीमा में छूट का लाभ केवल बिहार के मूलनिवासी अभ्यर्थियों को मिलेगा। अन्य राज्यों के उम्मीदवार अनारक्षित श्रेणी में आवेदन करने के योग्य होंगे।

कितने पद किस श्रेणी में

इस भर्ती में कुल 4361 पद शामिल हैं। इनका विभाजन इस प्रकार है:

  • अनारक्षित वर्ग – 1772 पद

  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) – 436 पद

  • अनुसूचित जाति (SC) – 632 पद

  • अनुसूचित जनजाति (ST) – 24 पद

  • अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) – 757 पद

  • पिछड़ा वर्ग (BC) – 492 पद

  • पिछड़ा वर्ग महिला – 248 पद

शैक्षणिक योग्यता और ड्राइविंग लाइसेंस

उम्मीदवार को मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना आवश्यक है या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए। इसके साथ ही उम्मीदवार के पास हल्के और भारी वाहन चलाने का वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।

इस पद के लिए वेतनमान 21,700 रुपये से 69,100 रुपये प्रतिमाह तक निर्धारित है।

आयु सीमा

Bihar Police Constable Recruitment में आवेदन के लिए न्यूनतम उम्र 20 वर्ष रखी गई है। अधिकतम उम्र श्रेणी के अनुसार बदलती है।

  • अनारक्षित वर्ग – अधिकतम 25 वर्ष

  • पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग (पुरुष) – अधिकतम 27 वर्ष

  • पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग (महिला) – अधिकतम 28 वर्ष

  • SC, ST और ट्रांसजेंडर उम्मीदवार – अधिकतम 30 वर्ष

इसके अलावा पहले से बिहार पुलिस में ड्राइवर कांस्टेबल के पद पर संविदा पर कार्यरत उम्मीदवारों को संविदा अवधि के अनुसार छूट दी जाएगी।

शारीरिक मापदंड

भर्ती में शारीरिक मापदंड भी अहम हैं।

  • पुरुष (सामान्य व पिछड़ा वर्ग) – 165 सेमी लंबाई, 81 सेमी सीना (फुलाने पर 86 सेमी)

  • पुरुष (SC, ST, EBC) – 160 सेमी लंबाई, 79 सेमी सीना (फुलाने पर 84 सेमी)

  • महिलाएं (सभी वर्ग) – 155 सेमी लंबाई

चयन प्रक्रिया

Bihar Police Vacancy के लिए चयन कई चरणों में होगा। इसमें लिखित परीक्षा, शारीरिक मापदंड, शारीरिक दक्षता परीक्षा, ड्राइविंग टेस्ट और मेडिकल टेस्ट शामिल होंगे।

लिखित परीक्षा 100 अंकों की होगी जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके लिए उम्मीदवारों को दो घंटे का समय मिलेगा। यह परीक्षा केवल क्वालिफाइंग होगी और मेरिट में शामिल नहीं होगी।

लिखित परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को शारीरिक मापदंड और शारीरिक दक्षता परीक्षा देनी होगी।

शारीरिक दक्षता परीक्षा

पुरुष उम्मीदवारों को 1.6 किलोमीटर की दौड़ 7 मिनट में पूरी करनी होगी। महिला उम्मीदवारों को 1 किलोमीटर की दौड़ 7 मिनट में पूरी करनी होगी।

इसके अलावा,

  • पुरुषों को ऊंची कूद 3 फीट 6 इंच और लंबी कूद 10 फीट करनी होगी।

  • महिलाओं को ऊंची कूद 2 फीट 6 इंच और लंबी कूद 7 फीट करनी होगी।

  • शॉट पुट में पुरुषों को 16 पौंड का गोला 14 फीट तक फेंकना होगा।

  • महिलाओं को 12 पौंड का गोला 8 फीट तक फेंकना होगा।

ड्राइविंग टेस्ट

शारीरिक परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। इसमें जीप, कार और ट्रक/बस चलाने की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा।

इस परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा। इसके बाद अंतिम चयन सूची तैयार की जाएगी।

मेरिट लिस्ट कैसे बनेगी

अंतिम मेरिट केवल ड्राइविंग टेस्ट और संविदा सेवा की अवधि के आधार पर बनेगी। लिखित परीक्षा और शारीरिक परीक्षा केवल क्वालिफाइंग होंगी।

आवेदन शुल्क

  • SC/ST और सभी श्रेणी की महिलाएं – 180 रुपये

  • अन्य सभी वर्ग – 675 रुपये

शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग द्वारा किया जा सकता है।

Bihar Police Constable Recruitment 2020 उन उम्मीदवारों के लिए बड़ा अवसर है जो पुलिस सेवा में करियर बनाना चाहते हैं। 4361 पदों की यह भर्ती आज 20 अगस्त को समाप्त हो रही है।

जो उम्मीदवार अभी तक आवेदन नहीं कर पाए हैं, वे जल्द से जल्द csbc.bihar.gov.in पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। यह मौका गवाना योग्य उम्मीदवारों के लिए भविष्य की संभावनाओं को सीमित कर सकता है।

Delhi CM Rekha Gupta Attack: जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री पर हमला

Delhi CM Rekha Gupta Attacked During Public Hearing

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह उनके दफ्तर में जनसुनवाई के दौरान हमला हुआ। जनसुनवाई में आए एक व्यक्ति ने अचानक शोर मचाया और मुख्यमंत्री पर हमला कर दिया। इस घटना में रेखा गुप्ता को सिर में हल्की चोट आई है। सुरक्षा बलों ने तुरंत हमलावर को काबू में लिया, लेकिन इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।

मुख्यमंत्री पर अचानक हमला

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता हर सप्ताह की तरह जनता की समस्याएं सुन रही थीं। इसी दौरान एक शख्स ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया और सीधे उनकी ओर लपका। हमले में मुख्यमंत्री को सिर पर हल्की चोट आई, हालांकि उनकी स्थिति पूरी तरह सुरक्षित बताई जा रही है।

मौके पर मौजूद लोगों ने इस घटना को देखकर हैरानी जताई और सवाल उठाए कि आखिर सुरक्षा व्यवस्था में इतनी चूक कैसे हो गई कि मुख्यमंत्री तक कोई हमलावर पहुंच गया।

AAP की कड़ी निंदा

Delhi Politics News में यह घटना सबसे बड़ी सुर्खी बन गई। आम आदमी पार्टी (AAP) ने हमले की कड़ी निंदा की। पार्टी नेताओं का कहना है कि लोकतंत्र में असहमति की जगह है लेकिन हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं।

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि यह हमला बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र विरोध और असहमति को स्वीकार करता है लेकिन हिंसा इसकी आत्मा को चोट पहुंचाती है। आतिशी ने उम्मीद जताई कि दिल्ली पुलिस दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पूरी तरह स्वस्थ रहेंगी।

आतिशी का बयान

आतिशी का संदेश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। उन्होंने लिखा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री पर हमला लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। अगर नेता ही सुरक्षित नहीं हैं तो जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा। उन्होंने इस घटना को राजनीति से ऊपर उठकर लोकतंत्र की सुरक्षा का मामला बताया।

कांग्रेस का सवाल: अगर CM सुरक्षित नहीं तो आम आदमी कैसे रहेगा?

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भी इस घटना की निंदा की और दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह हमला बेहद दुखद है।

उनका कहना था कि मुख्यमंत्री पूरे राज्य की नेता होती हैं और अगर वह ही सुरक्षित नहीं तो आम आदमी या खासकर महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी। देवेंद्र यादव ने कहा कि यह घटना दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

विपक्ष का दबाव और सुरक्षा पर सवाल

Delhi CM Rekha Gupta Attack के बाद राजनीतिक पार्टियों ने एक सुर में हमले की निंदा की। AAP जहां लोकतांत्रिक मूल्यों पर चोट बता रही है वहीं कांग्रेस पुलिस और सरकार से जवाब मांग रही है।

यह घटना पुलिस के लिए भी सवाल खड़े करती है कि इतने सख्त सुरक्षा घेरे के बावजूद हमलावर कैसे भीतर घुस गया। अब पुलिस पर दबाव है कि वह इस मामले में सख्त कदम उठाए और जनता को भरोसा दिलाए कि सुरक्षा में और चूक नहीं होगी।

जनता की प्रतिक्रिया

जैसे ही यह खबर फैली, लोगों में चिंता बढ़ गई। कई नागरिकों ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री तक कोई हमलावर पहुंच सकता है तो आम आदमी की सुरक्षा पर सवाल उठना स्वाभाविक है। महिला सुरक्षा को लेकर भी बहस छिड़ गई है।

मुख्यमंत्री की स्थिति

डॉक्टरों के मुताबिक रेखा गुप्ता को हल्की चोट आई है और उनका स्वास्थ्य स्थिर है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि जनसुनवाई का कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया किसी हमले से रुकने वाली नहीं है।

Delhi CM Rekha Gupta Attack ने राजधानी की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। एक ओर AAP इस हमले को लोकतांत्रिक मूल्यों पर चोट बता रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी का मुद्दा उठा रही है।

यह घटना साफ करती है कि जनता और नेताओं दोनों की सुरक्षा को लेकर और सख्त कदम उठाने होंगे। रेखा गुप्ता फिलहाल सुरक्षित हैं, लेकिन इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है।

Gold and Silver Price 20 August 2025 : सोना-चांदी फिर सस्ते हुए, जानें आपके शहर का रेट

Gold and Silver Price Today in India, 20 August 2025

Gold and Silver Price Today in India (Sone Ka Bhav Aaj Ka) 20 August 2025 के अनुसार, सोने और चांदी के दाम में फिर गिरावट दर्ज की गई है। बीते कई दिनों से इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। घरेलू बाजार पर न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों का भी सीधा असर पड़ रहा है। आज दिल्ली, मुंबई समेत अन्य शहरों में 24 कैरेट, 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट सोने के ताजा भाव सामने आए हैं, वहीं चांदी की कीमतों में भी गिरावट देखी गई।

24 कैरेट सोना 1 लाख से नीचे

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार बुधवार सुबह 24 कैरेट सोना 99,168 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। यह कीमत पिछले कारोबारी सत्रों से कम है जब सोना 1 लाख रुपये के स्तर से ऊपर बना हुआ था।

चांदी की कीमतों में भी गिरावट

Silver Price Today में भी गिरावट देखने को मिली। सुबह के सत्र में चांदी 1,13,165 रुपये प्रति किलो पर आ गई। बीते दिनों में चांदी ने तेजी दिखाई थी लेकिन अब फिर से इसमें नरमी आई है।

अलग-अलग कैरेट के सोने के दाम

IBJA ने सोने के विभिन्न कैरेट के भाव भी जारी किए हैं।

  • 24 कैरेट सोना: 99,168 रुपये प्रति 10 ग्राम

  • 23 कैरेट सोना: 98,771 रुपये प्रति 10 ग्राम

  • 22 कैरेट सोना: 90,838 रुपये प्रति 10 ग्राम

  • 18 कैरेट सोना: 74,376 रुपये प्रति 10 ग्राम

  • 14 कैरेट सोना: 58,013 रुपये प्रति 10 ग्राम

  • चांदी 999: 1,13,625 रुपये प्रति किलो

पिछले दिन की कीमतें

मंगलवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 500 रुपये टूटकर 1,00,420 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 450 रुपये गिरकर 1,00,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा। इससे पहले सोमवार को यह 1,00,500 रुपये पर बंद हुआ था।

चांदी की कीमत मंगलवार को 1,000 रुपये घटकर 1,14,000 रुपये प्रति किलो पर आ गई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 1,15,000 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी।

अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर

अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को न्यूयॉर्क में हाजिर सोना 0.15 प्रतिशत बढ़कर 3,337.92 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। वहीं, चांदी भी 0.19 प्रतिशत की तेजी के साथ 38.09 डॉलर प्रति औंस रही।

हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आने वाले दिनों में कई बड़े आर्थिक और राजनीतिक फैसले सोने-चांदी की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।

विशेषज्ञों की राय

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा गिरावट कई कारणों से जुड़ी है। अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई शांति वार्ता से युद्ध खत्म होने की उम्मीद जगी है। इस उम्मीद ने सोने की कीमतों को नीचे धकेला है क्योंकि निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

मिराए एसेट शेयरखान के प्रवीण सिंह ने बताया कि भारत सरकार के GST नियमों में बदलाव और डॉलर-रुपया विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का असर घरेलू सोने की कीमतों पर पड़ा है।

ऑग्मोंट की शोध प्रमुख रेनिशा चैनानी ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के जैक्सन होल संगोष्ठी में दिए जाने वाले बयान पर निवेशकों की नजर है। इसी अनिश्चितता ने सोने की कीमतों को 3,380 डॉलर प्रति औंस से नीचे ला दिया।

वायदा बाजार में सोना

Multi Commodity Exchange (MCX) में भी सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई। अक्टूबर डिलीवरी वाले अनुबंध मंगलवार को 44 रुपये घटकर 99,357 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गए। इसमें 13,451 लॉट का कारोबार हुआ।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी न्यूयॉर्क में सोने का वायदा भाव 0.08 प्रतिशत घटकर 3,335.37 डॉलर प्रति औंस रहा।

वायदा बाजार में चांदी

MCX पर सितंबर डिलीवरी वाली चांदी के अनुबंध 574 रुपये टूटकर 1,13,018 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए। इसमें 15,161 लॉट का कारोबार हुआ। वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में चांदी की कीमत 0.39 प्रतिशत घटकर 37.87 डॉलर प्रति औंस रही।

रुपया-डॉलर का असर

डॉलर और रुपया विनिमय दर में उतार-चढ़ाव ने सोने की कीमतों को और प्रभावित किया है। डॉलर के मजबूत होने पर सोना अन्य मुद्राओं के लिए महंगा हो जाता है। भारत जैसे देशों में, जहां सोने का आयात बड़ी मात्रा में होता है, इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ता है।

घरेलू मांग और ट्रेंड

भारत में फिलहाल खरीदारों का रुझान कम है क्योंकि दाम ऊंचे बने हुए हैं। सर्राफा बाजार में भीड़ कम दिख रही है। हालांकि त्योहार और शादी के सीजन में मांग बढ़ सकती है जिससे कीमतों में बदलाव संभव है।

चांदी की मांग उद्योगों से भी जुड़ी है। फिलहाल इसमें गिरावट से कारोबारी सतर्क दिखाई दे रहे हैं।

Gold and Silver Price Today (Sone Ka Bhav Aaj Ka) 20 August 2025 में फिर गिरावट दर्ज की गई है। 24 कैरेट सोना 99,168 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 1,13,165 रुपये प्रति किलो पर आ गई।

विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार, डॉलर-रुपया विनिमय दर और घरेलू मांग आने वाले दिनों में सोने-चांदी की दिशा तय करेंगे। फिलहाल निवेशक सतर्क हैं और खरीदार सही मौके का इंतजार कर रहे हैं।