पीएचडी करने के लिये रात को बेचती है पराठे

​दिन भर करती है पढाई,रात मे करती है कमाई

पत्नी का अरमान पुरा करने के लिए पति ने छोड़ा नौकरी

पराठे के दुकान मे करते है सहयोग
संतोष कुमार गुप्ता

नई दिल्ली । कहते हैं कि कोई काम खराब नही होता है। अगर उसको ठान ले तो मंजिल मिलती ही है। जहां चाह, वहां राह अगर कोई व्‍यक्ति कामयाब होने की ठान ले तो उसकी राह में चाहे कितनी भी चुनौतियां क्‍यों न हो वो आगे बढ़ ही जाता है। कुछ ऐसी है कहानी है केरल के रहने वाली स्‍नेहा लिंबगाओमकर की। दरअसल, स्‍नेहा का पति सोशल वर्क में ग्रेजुएट है। लेकिन जब स्‍नेहा को पीएचडी करने का मौका मिला तो उसने उसका पूरा साथ देने की ठानी।
जानकारी के मुताबिक, इस कपल की शादी को 6 साल हो चुके हैं और दोनों ने एक-दूसरे के लिए काफी चीजें छोड़ी हैं। दोनों एक कमरे के किराए के घर में रहते हैं। पीएचडी की फीस अदा करने के लिए इस कपल ने रात में परांठे की दुकान चलानी शुरू कर दी। स्‍नेहा का साथ देने के लिए प्रेमशंकर ने दिल्‍ली के CAG ऑफिस की नौकरी भी छोड़ दी है।  स्‍नेहा अब यूनिवर्सिटी के बाद सीधे पति को सपोर्ट करने पहुचंती है और दोनों मिलकर परांठे, ऑमलेट और डोसा बेचते हैं।

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