Election Commission of India (ECI) ने एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कर्नाटक की एक विधानसभा सीट में मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों पर शपथपत्र देने को कहा है। राहुल गांधी ने हाल ही में दावा किया था कि बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 “फर्जी वोट” बनाए गए ताकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत सुनिश्चित हो सके।
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राहुल गांधी का आरोप
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र, जो बैंगलोर सेंट्रल लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, में बड़ी संख्या में फर्जी वोट जोड़े गए। उनके अनुसार, यह बदलाव जानबूझकर किया गया ताकि BJP को फायदा मिले।
यह आरोप न सिर्फ कर्नाटक की राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
ECI की कार्रवाई और नोटिस
राहुल गांधी के आरोपों के बाद कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें पत्र भेजा। इसमें Registration of Electors Rules, 1960 के Rule 20 (3)(b) का हवाला देते हुए सबूत शपथपूर्वक पेश करने को कहा गया।
इस नियम के तहत रजिस्ट्रेशन ऑफिसर किसी भी दावे या आपत्ति पर संक्षिप्त जांच कर सकता है। वह व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से बुला सकता है, शपथ दिलाकर बयान ले सकता है और उसे रिकॉर्ड कर सकता है।
चुनाव आयोग की सख्त टिप्पणी
ECI से जुड़े सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी को या तो शपथपत्र के साथ अपने आरोपों को सिद्ध करना होगा या फिर देश से माफी मांगनी होगी। आयोग का मानना है कि चुनावी प्रक्रिया पर लगाए गए गंभीर आरोपों को ठोस सबूतों के साथ पेश करना जरूरी है, ताकि जनता के भरोसे को ठेस न पहुंचे।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कुछ चुनावी कानून विशेषज्ञों का कहना है कि जिस नियम का हवाला ECI दे रहा है, वह यहां लागू नहीं होता, क्योंकि यह प्रावधान मतदाता सूची के प्रकाशन के 30 दिनों के भीतर दायर दावों या आपत्तियों पर लागू होता है। राहुल गांधी का आरोप इस समय सीमा के बाहर किया गया है।
हालांकि, इस पर ECI ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
BJP की प्रतिक्रिया
BJP ने राहुल गांधी के आरोपों को “बेबुनियाद” और “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह आरोप चुनावी प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश है। उनका कहना है कि अगर कांग्रेस नेता के पास सबूत हैं, तो उन्हें पेश करना चाहिए, अन्यथा झूठे दावे करने से बचना चाहिए।
महादेवपुरा सीट का महत्व
महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र बेंगलुरु का एक अहम इलाका है, जहां मतदाता आधार विविध और बड़ा है। इस सीट का प्रभाव बैंगलोर सेंट्रल लोकसभा चुनाव पर भी पड़ता है, जिससे यहां किसी भी चुनावी गड़बड़ी का राजनीतिक असर बड़ा हो सकता है।
आगे की प्रक्रिया
अगर राहुल गांधी शपथपत्र के साथ सबूत देते हैं, तो ECI को इस मामले की औपचारिक जांच करनी होगी। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो यह मुद्दा राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रह सकता है।
ECI और राजनीतिक दलों की इस खींचतान के बीच जनता भी अब सबूत या स्पष्ट निष्कर्ष का इंतजार कर रही है।
राहुल गांधी और ECI के बीच यह विवाद केवल एक विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची तक सीमित नहीं है, बल्कि यह चुनावी पारदर्शिता और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास का मामला है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि राहुल गांधी सबूत पेश करते हैं या यह मामला केवल राजनीतिक बहस बनकर रह जाता है।
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