आतंकी सरगना सैय्यद सलाउद्दीन ने की पुष्टि
जम्मू कश्मीर। रिसर्च स्कॉलर मन्नान बशीर वानी दरअसल एक आतंकी है। पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगना सैय्यद सलाउद्दीन ने स्वयं इसकी पुष्टि की है। श्रीनगर की एक समाचार एजेंसी को को दिए गए बयान में सलाहुद्दीन ने कहा, मनान वानी का शामिल होना भारतीय प्रचार की पोल खोलता है कि कश्मीरी युवा बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के कारण आतंकवादी संगठन में शामिल होते हैं।
उर्दू में दिए गए बयान में सलाहुद्दीन ने वानी के हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने की पुष्टि करते हुए कहा कि पिछले कई सालों से, शिक्षित और योग्य कश्मीरी युवा हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो रहे हैं ताकि इस आजादी के आंदोलन को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके।
आपको बता दें कि इससे पहले एके-47 राइफल के साथ मुनान बशीर वानी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई थीं। वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एप्लाइड जियोलॉजी में पीएचडी कर रहा था। हालांकि, पिछले कुछ दिनो से उसने यूनिवर्सिटी छोड़ दी थी। पिछले साल गृह नगर उत्तर कश्मीर में आई बाढ़ के बाद जीआईएस तकनीक और रिमोट सेंसिंग को लेकर अपनी रिपोर्ट समिट की थी जिसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिला था।
मन्नान का एक और साथी फरार
मन्नान बशीर वानी के आतंकी संगठन हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन में शामिल होने की खबरों के बाद उसका रूममेट मुजम्मिल हुसैन भी लापता है। हालांकि अभी तक मन्नान वानी का भी पता नहीं चल पाया है। खुफियां एजेंसियां वानी की तलाश में जुटी हुई हैं। हालांकि पुलिस ने अभी तक उसके आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल होने की बात की पुष्टि नहीं की है।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उसका रूममेट मुजम्मिल हुसैन जुलाई 2017 से लापता है। मुजम्मिल हुसैन जम्मू-कश्मीर के बारामूला का रहने वाला है। जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुनीर खान ने कहा कि सभी चीजों की जांच की जा रही है और यह कहना अभी जल्दीबाजी होगा कि मुनीर हिज्बुल में शामिल हो गया है। हालांकि अलीगढ़ पुलिस की जांच से पता चला है कि वानी ने जनवरी 2017 में हॉस्टल में हिज्बुल का कैलेंडर बांटा था।
हथियार के साथ तस्वीर हुआ वायरल
हॉस्टल के मेस चलाने वाले ने बताया कि मन्नान को दो जनवरी को अंतिम बार देखा गया था। अलीगढ़ के एसएसपी राजेश पांडेय ने कहा कि वानी का रूममेट हुसैन पिछले साल जुलाई के बाद से नहीं आया है। बतादें कि मन्नान वानी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने निष्कासित कर दिया है। दो दिन पहले राइफल के साथ वानी की फोटो फेसबुक पर वायरल हो गई थी। जिसमें कहा गया कि 5 जनवरी को वह हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ जुड़ गया था।