KKN गुरुग्राम डेस्क | थायराइड से जुड़ी समस्याएं सर्दियों में तेजी से बढ़ रही हैं। हाल के अध्ययनों के अनुसार, दुनिया भर में 20 करोड़ से अधिक लोग थायराइड के शिकार हैं। भारत में यह समस्या और भी गंभीर है, जहां हर 10 में से 1 व्यक्ति इस बीमारी से प्रभावित है। थायराइड ग्रंथि, जो गले के पास स्थित एक तितली के आकार की ग्रंथि है, शरीर की ऊर्जा और चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को नियंत्रित करती है। सर्दियों में ठंड के कारण यह ग्रंथि दबाव में आ जाती है, जिससे थायराइड संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि स्वामी रामदेव के योग और आयुर्वेदिक उपायों से थायराइड को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
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सर्दियों में थायराइड का असर क्यों बढ़ता है?
ठंड के मौसम में थायराइड ग्रंथि शरीर को गर्म रखने के लिए अधिक मेहनत करती है। खासकर हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों में ठंड सहने की क्षमता (कोल्ड इंटॉलरेंस) कम हो जाती है। इस स्थिति में थायरॉक्सिन हार्मोन का स्तर गिरने लगता है, जिससे:
- मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।
- वजन बढ़ने लगता है।
- खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है।
- हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।
इसके अलावा, थायराइड के असंतुलन से अस्थमा, डायबिटीज, डिप्रेशन, गठिया और यहां तक कि थायराइड कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
थायराइड के लक्षण पहचानें
थायराइड की समस्या का सही समय पर पता लगाना जरूरी है। इसके कुछ आम लक्षण हैं:
- थकान और सुस्ती
- चिड़चिड़ापन और घबराहट
- हाथों में कंपन
- नींद न आना
- बाल झड़ना
- मांसपेशियों में दर्द
अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
स्वामी रामदेव के योग से थायराइड नियंत्रण
स्वामी रामदेव के अनुसार, योग थायराइड को नियंत्रित करने का एक प्रभावी तरीका है। नियमित योगाभ्यास से रक्त संचार बेहतर होता है और थायराइड ग्रंथि को सक्रिय रखने में मदद मिलती है। थायराइड को ठीक करने के लिए निम्न योगासन प्रभावी माने जाते हैं:
- सूर्य नमस्कार (Sun Salutation):
मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और ऊर्जा देता है। - पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose):
पाचन में सुधार करता है और पेट की समस्याओं को दूर करता है। - सर्वांगासन (Shoulder Stand):
थायराइड ग्रंथि को सीधे रूप से सक्रिय करता है। - हलासन (Plow Pose):
थायराइड को सक्रिय रखने के साथ तनाव को कम करता है। - उष्ट्रासन (Camel Pose):
शरीर को लचीला बनाता है और एंडोक्राइन सिस्टम को संतुलित करता है। - मत्स्यासन (Fish Pose):
थायराइड ग्रंथि पर हल्का दबाव डालता है। - भुजंगासन (Cobra Pose):
गर्दन और पीठ को मजबूत बनाता है।
इन योगासनों को रोजाना करने से थायराइड को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
थायराइड में क्या खाएं और क्या न खाएं
थायराइड के नियंत्रण में आहार का बड़ा महत्व है। स्वामी रामदेव के अनुसार, ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो थायराइड के लिए लाभदायक हों और ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जो इसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
थायराइड में खाने योग्य खाद्य पदार्थ:
- अलसी (Flaxseeds): ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर, हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है।
- नारियल (Coconut): मेटाबॉलिज्म और ऊर्जा को बढ़ाता है।
- मुलेठी (Liquorice): थायराइड हार्मोन को नियंत्रित करता है।
- मशरूम (Mushrooms): सेलेनियम का अच्छा स्रोत।
- हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk): सूजन कम करता है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- दालचीनी (Cinnamon): मेटाबॉलिज्म को तेज करता है।
थायराइड में बचने योग्य खाद्य पदार्थ:
- चीनी और चीनी से बने उत्पाद।
- सफेद चावल, केक और कुकीज।
- तैलीय भोजन।
- सॉफ्ट ड्रिंक्स।
सही आहार और परहेज थायराइड की स्थिति को बेहतर बनाने में मददगार हो सकते हैं।
आयुर्वेदिक उपायों से थायराइड का इलाज
आयुर्वेद, जो प्राकृतिक चिकित्सा का प्राचीन विज्ञान है, थायराइड के इलाज में बेहद प्रभावी है। स्वामी रामदेव ने कई ऐसे आयुर्वेदिक उपाय सुझाए हैं जो हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मदद करते हैं।
थायराइड के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय:
- मुलेठी (Liquorice): सूजन कम करने और हार्मोन संतुलन के लिए फायदेमंद।
- तुलसी-एलोवेरा जूस: एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर, जो थायराइड के लिए लाभदायक है।
- त्रिफला चूर्ण: रोजाना 1 चम्मच लेने से शरीर की विषाक्तता दूर होती है।
- अश्वगंधा और गर्म दूध: तनाव कम करता है और हार्मोन संतुलित करता है।
- धनिया का पानी: धनिया के बीज पीसकर पानी में मिलाकर पीना थायराइड के लिए लाभदायक है।
इन आयुर्वेदिक उपचारों से थायराइड की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।
लाइफस्टाइल टिप्स थायराइड नियंत्रण के लिए
थायराइड की समस्या से बचने के लिए एक सक्रिय जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। स्वामी रामदेव ने कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं:
- नियमित व्यायाम: योग, तेज चलना, या अन्य शारीरिक गतिविधियां करें।
- सुबह की शुरुआत: दिन की शुरुआत सेब के सिरके के सेवन से करें।
- सूरज की रोशनी: विटामिन डी बढ़ाने के लिए धूप में समय बिताएं।
- नारियल तेल: इसे अपने आहार में शामिल करें।
- अच्छी नींद: रोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
थायराइड से होने वाली बीमारियां
थायराइड के असंतुलन से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इनमें शामिल हैं:
- गर्भावस्था में जटिलताएं।
- हृदय रोग।
- डायबिटीज।
- कैंसर।
- मोटापा।
- अस्थमा।
समय पर इलाज न कराने से यह समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं।
सर्दियों में थायराइड नियंत्रण का महत्व
सर्दियों के मौसम में थायराइड की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में सावधानी बरतना और योग व आयुर्वेदिक उपायों को अपनाना जरूरी है। सही दिनचर्या और आहार के साथ, थायराइड से संबंधित समस्याओं को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
थायराइड एक गंभीर समस्या है, लेकिन योग, आयुर्वेद और सही जीवनशैली के माध्यम से इसे आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है। स्वामी रामदेव के सुझाए उपाय सर्दियों के दौरान थायराइड को नियंत्रण में रखने का एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका प्रदान करते हैं।
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