Health

मानवता के लिए परमाणु बम से भी अधिक खतरनाक है प्लास्टिक

भारत। प्लास्टिक की खतरे को लेकर चारो ओर हाय तौबा मचा है। इसे पार्यावरण के लिए बड़ा खतरा बताया जा रहा है। इसको मानवता के लिए बड़ा खतरा बताया जा रहा है।

प्लास्टिक के उपयोग को लेकर देश में डिवेट जारी है। मीडिया में हालात को चिन्ता जनक बताया जा रहा है। हमारे रहनुमा भी इसके खतरे को लेकर चिन्ता जाहिर कर चुकें हैं। कुछ लोग तो 21वीं सदीं में प्लास्टिक को परमाणु बम से भी अधिक खतरनाक बताने लगे हैं।
आखिर क्या बला है प्लास्टिक
दरअसल, यह प्लास्टिक है क्या बला…? आज हम अपने इस रिपोर्ट में इसी बात की पड़ताल करेंगे। एक शोध से पता चला है कि हम जिस प्लास्टिक का एक बार उपयोग करके फेक देते है, उसको नष्ट होने में तकरीबन एक हजार साल तक का वक्त लग जाता है। इतना ही नहीं, दुनिया के कुल तेल का 8 फीसदी हिस्सा केवल प्लास्टिक के उत्पादन में खर्च हो जाता हैं। एक प्लास्टिक की बोतल रिसाइकल करने से इतनी ऊर्जा बचाई जा सकती हैं कि एक 60W का बल्ब 6 घंटे तक जलाया जा सकता है। हर साल पूरे विश्व में इतना प्लास्टिक फेंका जाता है कि इससे पूरी पृथ्वी के चार घेरे बन सकते हैं। इसका नुकसान सिर्फ इंसान को ही नही बल्कि, जानवर को भी इसका खमियाजा भुगतना पड़ता है। एक सर्वे से पता चला है कि प्रति वर्ष लगभग 1 लाख पशु प्लास्टिक की थैलियां खाने से मर जाते हैं।
प्लास्टिक को शरीर पचा नही सकता है
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि हमारा शरीर भी प्लास्टिक को पचा नही पाता है। क्या आपको पता है? प्लास्टिक से जुड़ा यह भयानक सच शोधकर्ताओं ने बताया हैं। आजकल हमारी दुनिया के चारों ओर एक ऩई दुनिया प्लास्टिक की दुनिया बन गई है। हम उसी में सांस ले रहे हैं, जीवनयापन कर रहे हैं। आज प्लास्टिक का उपयोग हर जगह हो रहा हैं। प्लास्टिक पर्यावरण के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। प्लास्टिक का आविष्कार सन 1862 में इंग्लैंड के एलेक्जेन्डर ने किया था। इसके बाद प्लास्टिक का चलन धीरे-धीरे शुरू हुआ, और आज हालात भयानक हो चुके हैं।
प्लास्टिक को नष्ट होने में हजारो साल लग जाता है
दरअसल, प्लास्टिक की थैलियां खत्म करना एक बड़ा समस्या बन चुका है। माना जाता है कि एक प्लास्टिक की थैली को पूरी तरह से नष्ट होने में करीब एक हजार साल तक का समय लग जाता हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि भारत में प्रतिवर्ष हर व्यक्ति द्वारा लगभग 9.7 किलो प्लास्टिक इस्तेमाल करता हैं। यही आंकड़े जब अमेरिका में देखे जाते है तो प्रति व्यक्ति 109 किलो तक पहुंच जाता हैं।
प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचना होगा
सबसे भयानक बात यह है कि हमारा शरीर प्लास्टिक में पाये जाने वाले खतरनाक ज़हरीले तत्वों को अपने अंदर सोख लेता है। हालांकि मोबाइल फोन में इस्तेमाल किया जाने वाला प्लास्टिक का कितना नुकसान शरीर को होता है, इस बात को लेकर अभी शोध जारी है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में एक खास किस्म का सेल्यूलोस प्लास्टिक इस्तेमाल किया जाता है। इस पदार्थ को अगर जमीन में दबा दिया जाये तो इसको नष्ट होने में लम्बा समय लग जाता है। प्लास्टिक से बचने का एक ही तरीका है, इसका कम से कम इस्तेमाल किया जाए।

This post was published on जून 8, 2018 13:46

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Show comments
Published by
KKN न्‍यूज ब्यूरो

Recent Posts

  • Politics

उत्तर प्रदेश की नई डिजिटल मीडिया पॉलिसी पर असदुद्दीन ओवैसी का हमला: नाकामियों पर पर्दा डालने का प्रयास या सूचना प्रसार का साधन?

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई नई डिजिटल मीडिया पॉलिसी ने… Read More

अगस्त 29, 2024
  • Videos

क्या प्रधानमंत्री मोदी का यूक्रेन दौरा भारत के लिए सही कदम है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूक्रेन दौरा क्यों हुआ, और इससे भारत और दुनिया को क्या… Read More

अगस्त 28, 2024
  • Videos

चोल राजवंश की अनसुनी दास्तान: दक्षिण भारत के स्वर्णिम युग का चौंकाने वाला इतिहास

इतिहास के पन्नों से आज हम आपको चोल राजवंश के अद्वितीय स्वर्णिम कालखंड की जानकारी… Read More

अगस्त 21, 2024
  • Society

मीनापुर के क्रांति महोत्सव को राजकीय सम्मान दिलाने की होगी कोशिश: सांसद

16 अगस्त 1942 को मीनापुर थाना को करा लिया था आजाद KKN न्यूज ब्यूरो। वैशाली… Read More

अगस्त 17, 2024
  • Videos

आजादी की वो आखिरी रात: विभाजन का दर्द और नए युग की शुरुआत

14 अगस्त 1947 की रात, जब भारत गुलामी की जंजीरों को तोड़ आजादी की दहलीज… Read More

अगस्त 14, 2024
  • Videos

Bihar के Lasadhi गांव का बलिदान: भारत छोड़ो आंदोलन की दूसरी कड़ी

9 अगस्त 1942 की सुबह, जब भारत छोड़ो आंदोलन की लहर पूरे देश में फैल… Read More

अगस्त 7, 2024