KKN गुरुग्राम डेस्क | हाई ब्लड प्रेशर, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के होती है। इसे “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि यह धीरे-धीरे हृदय, गुर्दे और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर वह स्थिति है जब धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। यह दो प्रकार का होता है:
प्राथमिक हाइपरटेंशन: यह धीरे-धीरे विकसित होता है और इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता।
माध्यमिक हाइपरटेंशन: यह किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या, जैसे कि किडनी रोग या थायरॉयड की समस्याओं के कारण होता है।
सामान्य: 120/80 mm Hg से कम
स्टेज 1 हाइपरटेंशन: 130-139/80-89 mm Hg
स्टेज 2 हाइपरटेंशन: 140/90 mm Hg या अधिक
हाइपरटेंसिव इमरजेंसी: 180/120 mm Hg से अधिक, जो जानलेवा हो सकता है।
अधिकांश मामलों में हाई ब्लड प्रेशर के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन कुछ लोग निम्नलिखित लक्षण अनुभव कर सकते हैं:
सिरदर्द सांस लेने में कठिनाईधुंधली दृष्टिनाक से खून आना
सीने में दर्द
थकान या भ्रम
नींद में कठिनाई
धड़कन का तेज होना
गर्दन में धड़कन महसूस होना
हाई ब्लड प्रेशर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
पारिवारिक इतिहास
अधिक वजन या मोटापा
धूम्रपान और शराब का सेवन
अस्वास्थ्यकर आहार, जैसे कि अधिक नमक और वसा का सेवन
शारीरिक गतिविधि की कमी
तनाव मधुमेह, किडनी रोग और थायरॉयड की समस्याएं
यदि हाई ब्लड प्रेशर को अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो यह निम्नलिखित गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है:
दिल का दौरा
स्ट्रोक
किडनी फेलियर
दृष्टि हानि
स्मृति हानि और डिमेंशिया
हाई ब्लड प्रेशर का निदान रक्तचाप मापने वाले उपकरण से किया जाता है। यदि रक्तचाप लगातार उच्च रहता है, तो डॉक्टर अतिरिक्त परीक्षण, जैसे कि रक्त और मूत्र परीक्षण, ईसीजी, और हृदय या किडनी का अल्ट्रासाउंड, की सिफारिश कर सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर के उपचार में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
दवाएं: बीटा-ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, मूत्रवर्धक आदि।
जीवनशैली में बदलाव: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, वजन कम करना, धूम्रपान और शराब से बचना।
तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान और पर्याप्त नींद।
लहसुन: रोजाना एक-दो लहसुन की कली खाली पेट खाने से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।
मेथी के बीज: मेथी के बीज में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो रक्तचाप को कम करने में सहायक होते हैं।
आंवला: आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है।
धनिया और जीरा का पानी: एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा और धनिया मिलाकर रात भर के लिए रख दें। सुबह इस पानी को छानकर पीएं।
अजवाइन और शहद: एक चम्मच अजवाइन पाउडर में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम इसका सेवन करें।
तुलसी और नीम के पत्ते: तुलसी और नीम के पत्तों को खाली पेट चबाने से भी रक्तचाप को नियंत्रित किया
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