KKN गुरुग्राम डेस्क | बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद को लेकर लुधियाना की न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अभिनेता पर एक धोखाधड़ी मामले में गवाही न देने का आरोप है, जिसके कारण उन्हें 10 फरवरी 2025 तक अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है।
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यह मामला एक कथित ₹10 लाख के धोखाधड़ी घोटाले से जुड़ा है, जिसमें मोहित शुक्ला नामक व्यक्ति ने वकील राजेश खन्ना को ठगने का आरोप लगाया है।
सोनू सूद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों हुई?
लुधियाना के न्यायिक मजिस्ट्रेट रमनप्रीत कौर ने सोनू सूद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, क्योंकि उन्होंने अदालत के कई समन के बावजूद गवाही देने के लिए पेश नहीं हुए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वारंट मुंबई के अंधेरी वेस्ट स्थित ओशिवारा पुलिस स्टेशन को भेजा गया। पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सोनू सूद को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करें।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मजिस्ट्रेट के आदेश में कहा गया है:
“सोनू सूद को विधिवत समन या वारंट जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। उन्होंने जानबूझकर समन या वारंट से बचने की कोशिश की। आपको आदेश दिया जाता है कि आप सोनू सूद को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करें।”
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि वारंट को 10 फरवरी 2025 तक निष्पादित किया जाना चाहिए, और यदि गिरफ्तारी नहीं होती है, तो इसके कारणों की रिपोर्ट अदालत को देनी होगी।
सोनू सूद ने आरोपों पर दी प्रतिक्रिया
सोनू सूद ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा:
“मीडिया में जो खबरें चल रही हैं, वे बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जा रही हैं। सच्चाई यह है कि हमें एक तीसरे पक्ष से जुड़े मामले में गवाह के रूप में बुलाया गया था, जिससे हमारा कोई संबंध नहीं है। हमारे वकीलों ने अदालत में जवाब दिया है, और 10 फरवरी 2025 को हम स्पष्ट बयान देंगे कि हमारा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।”
सोनू सूद ने दावे खारिज करते हुए कहा कि वह इस घोटाले में शामिल नहीं हैं।
“हम न तो इस मामले में ब्रांड एंबेसडर हैं, न ही किसी भी तरह से इससे जुड़े हुए हैं। यह सिर्फ मीडिया का ध्यान आकर्षित करने का एक तरीका है। यह दुखद है कि सेलेब्रिटी हमेशा निशाने पर रहते हैं। हम इस मामले में कानूनी कदम उठाएंगे।”
क्या है सोनू सूद धोखाधड़ी मामला?
यह मामला लुधियाना के वकील राजेश खन्ना द्वारा दायर किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहित शुक्ला नामक व्यक्ति ने उन्हें ₹10 लाख का नुकसान पहुंचाया।
- खन्ना ने कहा कि उन्हें फर्जी “रिजिका कॉइन” में निवेश करने के लिए बहकाया गया।
- सोनू सूद को इस मामले में गवाह के रूप में बयान देना था।
- अभिनेता के अदालत के समन की अनदेखी करने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया।
- अगली सुनवाई 10 फरवरी 2025 को निर्धारित की गई है।
अब आगे क्या होगा?
अब जब गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है, मुंबई पुलिस को 10 फरवरी से पहले सोनू सूद को अदालत में पेश करना होगा।
सोनू सूद की कानूनी टीम इस वारंट को चुनौती दे सकती है, यह तर्क देते हुए कि उन्हें गलत तरीके से मामले में घसीटा गया है।
अगर अभिनेता अदालत में पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ और कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें गैर-जमानती वारंट भी शामिल हो सकता है।
सोनू सूद की छवि और उनकी समाजसेवा
सोनू सूद को कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए विशेष रूप से सराहा गया था। उनकी मानवता और समाज सेवा की वजह से उन्हें लोगों का काफी समर्थन मिला।
लेकिन यह पहली बार नहीं है जब किसी बॉलीवुड अभिनेता को कानूनी विवाद में घसीटा गया हो। कई बार सेलेब्रिटी किसी भी मामले में गलत तरीके से फंस जाते हैं, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचता है।
इस मामले से जुड़े मुख्य बिंदु
- सोनू सूद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, अदालत में पेश न होने का आरोप।
- ₹10 लाख की धोखाधड़ी का मामला, जिसमें मोहित शुक्ला ने वकील राजेश खन्ना को ठगा।
- अदालत ने पुलिस को 10 फरवरी 2025 तक सोनू सूद को पेश करने का निर्देश दिया।
- अभिनेता ने सभी आरोपों को खारिज किया, कहा कि उनका कोई लेना-देना नहीं है।
- कानूनी टीम 10 फरवरी को अदालत में अपना बयान दर्ज कराएगी।
क्या सोनू सूद की गिरफ्तारी होगी?
अब जब गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, मुंबई पुलिस यह तय करेगी कि सोनू सूद को गिरफ्तार किया जाए या नहीं।
- अगर अभिनेता स्वेच्छा से अदालत में पेश होते हैं, तो गिरफ्तारी से बच सकते हैं।
- अगर अदालत को उनका गैरहाजिर रहना संदेहास्पद लगता है, तो गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है।
- इस मामले में आने वाले कुछ दिन महत्वपूर्ण होंगे।
सोनू सूद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट ने विवाद खड़ा कर दिया है, जिससे सेलेब्रिटी कानूनी जिम्मेदारियों और मीडिया ट्रायल पर सवाल उठ रहे हैं।
हालांकि सोनू सूद ने सभी आरोपों को गलत बताया है, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 10 फरवरी को अदालत में क्या होता है।
अगर अभिनेता और उनकी कानूनी टीम ठोस सबूत पेश करती है, तो वे इस मामले से खुद को बाहर निकाल सकते हैं। लेकिन अगर अदालत को उनके समन का अनदेखा करना संदेहजनक लगता है, तो उन्हें और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
अब सभी की नजरें 10 फरवरी की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि सोनू सूद निर्दोष साबित होते हैं या उन्हें कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।
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