भारत की राजनीति में झंडा ढ़ोने वाले कार्यकर्ताओं की हसरत होती है कि अबकी के चुनाव में उसे टिकट मिल जाए। दशको के प्रयास के बाद कई लोगो की यह हसरत पूरी होती है तो अधिकांश लोग इसी अधूरे ख्याब को सजाए इस दुनिया से सफर कर जातें हैं। वहीं, अभिनेत्रियों के लिए यहीं राजनीतिक दल दोनो बाहें फैलाये अक्सर खड़ी रहती है। बस, अभिनेत्रियों के हामी भरने भर की देरी है। इस बात का खुलाशा किया खुद अभिनेत्री रवीना टण्डन ने।
लखनऊ में एक मीडिया हाउस के शिखर समागम के दौरान फिल्म अभिनेत्री रवीना टण्डन ने कहा कि पिछले दो चुनावों से उन्हें सभी पार्टियों से चुनाव लड़ने का ऑफर आ रहा है। रवीना ने स्वयं कहा कि कभी मुझे कोलकाता से चुनाव लड़ने को कहा गया तो कभी पंजाब से। रवीना ने खुलाशा करते हुए कहा कि सपा, टीएमसी सहित सभी पार्टियों ने ऑफर दिया लेकिन मैंने ही सभी को मना कर दिया। रवीना के इस खुलाशे से उन कार्यकर्ताओं के सीने पर सांप लोटना लाजमी है, जो वर्षो से पार्टी के लिए झंडा ढ़ोते रहें है। बावजूद इसके टिकट पाने की हसरत महज हसरत ही रह गई।
समागम के दौरान पत्रकारो के सवाल पर रविना ने बड़े ही बेबाक अंदाज में जवाब दिएं हैं। एक सवाल के जवाब में रवीना टण्डन ने कहा कि महागठबंधन के नेता बहुत ही कंफ्यूज है। ऐसे में उसका क्या होगा यह एक बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि अपराधिक पृष्टभूमि वाले लोगो के चुनाव लड़ने पर रोक लगा देनी चाहिए। इसके लिए संविधान में जरुरी बदलाव करके स्पष्ट प्रावधान करना चाहिए। रवीना ने कहा कि यदि ऐसा हुआ तो इससे देश में एक नई क्रांति आयेगी और राजनीति का शुद्धिकरण हो जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले के नेता देश के खातिर जेल जाते थे और आज मर्डर बलात्कार और तरह तरह के अपराधों में जेल जा रहे हैं।
रवीना ने कहा कि अक्सर रेप की घटना में तो जान पहचान वाले ही लोग शामिल होते हैं। कहा कि दरअसल, निर्भया कांड के बाद देश की सोच में बदलाव आया ही नहीं। उल्टे हालात और भी खराब हो गए हैं। रवीना ने कहा कि मैं निर्भया के माता से मिली थी। उस मां के आंसू आज तक नहीं सूखें हैं। रवीना ने जोर देकर कहा कि मेरी पिछली चार पांच फिल्में सामाजिक संदेश देने में कामयाब हुई हैं। मुझे इस तरीके की फिल्म करने में काफी अच्छा लगता है। कहा कि जब से निर्भया केस हुआ था तब से वुमन सेफ्टी फाउंडेशन के लिए कुछ ना कुछ काम करती रही हूं।
This post was published on सितम्बर 1, 2018 20:50
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