व्यंग्य कविता पर लोटपोट हुए श्रोता
संजय कुमार सिंह
मुजफ्फरपुर। आस्था फौन्डेशन(ए.एफ़) अमरख के तत्वावधान में आयोजित मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन संस्कार ए किड्स गार्डेन में किया गया। गोष्ठी में कवि वैकुण्ठजी की कविता छप्पन भोग एवं छत्तीसो व्यंजन ने लोगों को हंसने पर मज़बूर कर दिया। वहीं कमलेश कुमार कनक की कविता एवं भोजपुरी कवि परमेश्वर पटवारी जी का लोक गीत ने माहौल को संगीतमय बना दिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन हास्य कवि वैकुण्ठ ठाकुर ने दीप प्रज्वलित कर किया। वे अपनी भी कई कविताएं सुनाई। उर्दू के जाने माने साहित्यकार मोहम्मद नाज़ ओजैर ने अपनी उर्दू भाषा में लिखी कविताओं को सुनाकर लोगों के मन को छुआ। वहीं, कवि परमेश्वर पटवारी एवं कमलेश कुमार शर्मा ने अपनी वज्जिका गीतों से लोगों को रोमांचित किया। कवि गरीब नाथ सुमन ने अपनी कविता से सामाजिक कुरूतियों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के आयोजक ट्रस्ट संस्थापक सह राजद प्रदेश सचिव नवेन्दु नवीन ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि समाज से साहित्य एवं संस्कृति का लोप होती जा रही है। इसको जीवित रखने के लिए हम कृत संकल्पित हैं। साहित्य में केवल हिंदी साहित्य ही नहीं है, बल्कि सामाजिक एकता और अखंडता की भावना को बनाए रखने में उर्दू साहित्य की भी महती भूमिका है। बज्जिका और भोजपुरी एवं अन्य क्षेत्रीय बोली की रचनाओं को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। हमारा मिशन ही है कि साहित्य और और संस्कृति की भूमिका से लोगों को परिचय कराते रहना। मंच का संचालन कवि प्रमोद झा ने किया।
कार्यक्रम में डॉ.उमेशकुमार यादव, प्रिंस कुमार, डॉ.पंकज, पूर्णेंदु पुष्कर, सुजीत कुमार, प्रभांशु कुमार, सुजीत कुमार, रामावतार ठाकुर, मोहम्मद हैदर अली आस्था, आर्या, प्रकृति, गोलू,इत्यादि कई श्रोतागण उपस्थित थे।
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