KKN गुरुग्राम डेस्क | राज्यसभा में हाल ही में हुए एक चर्चा के दौरान, बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री और सांसद जया बच्चन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपील की कि वे संकट में घिरी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए सहानुभूति दिखाएं और उसे बचाने के लिए मददगार प्रस्तावों का प्रस्ताव रखें। जया ने सरकार पर फिल्म इंडस्ट्री को नजरअंदाज करने और उसे अनुचित तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया। साथ ही, उन्होंने दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की कठिनाइयों और सिंगल स्क्रीन थिएटरों के बंद होने के बारे में भी चिंता जताई। जया ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री न सिर्फ भारत के भीतर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी देश का सांस्कृतिक चेहरा है, और इसे बचाने के लिए सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए।
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फिल्म इंडस्ट्री की स्थिति और जया बच्चन की चिंताएं
जया बच्चन ने कहा कि सरकार ने फिल्म इंडस्ट्री को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले भी सरकारें फिल्म इंडस्ट्री को महत्व नहीं देती थीं, लेकिन अब जो स्थिति है, उससे यह साफ है कि सरकार ने फिल्म इंडस्ट्री को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। जया ने अपने भाषण में यह कहा कि सरकार केवल फिल्म इंडस्ट्री का इस्तेमाल अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करती है, लेकिन जब उसे मदद की जरूरत होती है, तो सरकार मुंह मोड़ लेती है।
“आजकल, GST की बात छोड़ दीजिए, सभी सिंगल स्क्रीन थिएटर बंद हो रहे हैं। लोग मूवी हॉल्स में नहीं जा रहे हैं क्योंकि सब कुछ बहुत महंगा हो गया है। शायद आप इस इंडस्ट्री को खत्म करना चाहते हैं। यह वही इंडस्ट्री है जो भारत को पूरी दुनिया से जोड़ती है,” जया ने अपनी बात रखते हुए कहा।
ग्रोथ और ग्लोबल कनेक्टिविटी में फिल्म इंडस्ट्री की भूमिका
जया बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री की महत्वता पर जोर देते हुए कहा कि यह सिर्फ एंटरटेनमेंट का जरिया नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बॉलीवुड और अन्य भारतीय भाषाओं की फिल्में दुनिया भर में भारत के सांस्कृतिक प्रभाव को फैलाती हैं। जया ने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते कोई कदम नहीं उठाया, तो यह महत्वपूर्ण कड़ी खत्म हो सकती है।
“मैं फिल्म इंडस्ट्री की तरफ से बोल रही हूं और इस सदन से अनुरोध कर रही हूं कि कृपया उन्हें (फिल्म इंडस्ट्री को) छोड़ दें। कृपया उनके लिए कुछ सहानुभूति दिखाएं। आप इस इंडस्ट्री को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा मत करें,” जया ने कहा। यह बयान केवल फिल्म इंडस्ट्री के लिए नहीं था, बल्कि ऑडियो-विज़ुअल इंडस्ट्री से जुड़ी हर एक श्रेणी के लिए था, जिसमें टेलीविजन, डिजिटल मीडिया और म्यूजिक इंडस्ट्री भी शामिल है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की स्थिति
जया बच्चन ने यह भी उल्लेख किया कि फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की स्थिति बहुत ही खराब हो गई है। कैमरा ऑपरेटर से लेकर मेकअप आर्टिस्ट तक, हर कामकाजी व्यक्ति जो फिल्म इंडस्ट्री में काम करता है, आज बहुत कठिनाई का सामना कर रहा है। जया ने कहा कि जब तक सरकार इस समस्या का समाधान नहीं करती, तब तक इन श्रमिकों का जीवन मुश्किल में रहेगा।
“फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को कोई काम नहीं मिल रहा है। उनके पास कोई सहायक प्रणाली नहीं है। सरकार को इन लोगों के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए,” जया ने कहा।
फिल्म इंडस्ट्री के लिए वित्तीय राहत और नीति परिवर्तन की आवश्यकता
जया बच्चन ने सरकार से फिल्म इंडस्ट्री को वित्तीय राहत देने और कुछ खास पॉलिसी चेंज करने का आग्रह किया। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह फिल्म इंडस्ट्री को टैक्स में छूट दे, ताकि ऑपरेशनल खर्चों में कमी आए और मूवी टिकट्स की कीमतों को किफायती बनाया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को सिंगल स्क्रीन थिएटरों के लिए एक समर्पित योजना तैयार करनी चाहिए, क्योंकि ये थिएटर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में फिल्म प्रेमियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। इन थिएटरों का बंद होना सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी नुकसानदायक है।
इसके अलावा, जया ने कहा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देती है। अगर सरकार समय रहते इस इंडस्ट्री को राहत नहीं देती, तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
फिल्म इंडस्ट्री की आर्थिक योगदान और वैश्विक प्रभाव
जया बच्चन ने यह भी बताया कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ना केवल भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देती है, बल्कि यह देश को वैश्विक स्तर पर भी जोड़ती है। भारतीय फिल्में दुनिया भर में देखी जाती हैं और उनकी सफलता भारत के लिए एक बड़ी जीत है। अगर इस इंडस्ट्री को सरकार का समर्थन नहीं मिलता, तो इससे भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार भी प्रभावित हो सकता है।
बॉलीवुड के अलावा, देश के अन्य फिल्म उद्योग, जैसे कि तमिल, तेलुगु, बंगाली, और मराठी फिल्म इंडस्ट्री भी देश और दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन इंडस्ट्रीज को भी सरकार से समर्थन की आवश्यकता है ताकि वे आगे बढ़ सकें और विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।
सरकार से तत्काल कार्रवाई की अपील
जया बच्चन ने अपनी अंतिम टिप्पणी में वित्त मंत्री से अपील की कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से लें और तुरंत कोई कदम उठाएं। उन्होंने कहा, “मैं वित्त मंत्री से निवेदन करती हूं कि वे इस इंडस्ट्री की मदद के लिए कोई कदम उठाएं, ताकि यह इंडस्ट्री बच सके।”
उनकी यह अपील दर्शाती है कि फिल्म इंडस्ट्री के सदस्य अब खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं। जब बाकी क्षेत्रों को सरकार से राहत मिली है, तो फिल्म इंडस्ट्री को भी सहायता मिलनी चाहिए। अगर सरकार इस मामले में चुप रही, तो यह भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
फिल्म इंडस्ट्री का भविष्य
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री, जो अपनी विविधता, रंग-बिरंगे कंटेंट और वैश्विक पहुंच के लिए प्रसिद्ध है, आज एक कठिन दौर से गुजर रही है। सिंगल स्क्रीन थिएटरों का बंद होना, बढ़ते खर्च और टिकटों की महंगाई ने इस इंडस्ट्री को मुश्किलों में डाल दिया है। अगर जल्द ही सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो यह इंडस्ट्री अपने अस्तित्व के संकट में पड़ सकती है।
जया बच्चन का यह बयान फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक चेतावनी है। सरकार का जवाब इस अपील के बाद इस बात का निर्धारण करेगा कि फिल्म इंडस्ट्री का भविष्य क्या होगा। क्या सरकार फिल्म इंडस्ट्री को बचाएगी, या इसे पूरी तरह खत्म होने के लिए छोड़ देगी? यह समय बताएगा।
अंत में, जया बच्चन की अपील यह दर्शाती है कि फिल्म इंडस्ट्री न सिर्फ एक व्यावसायिक इकाई है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक और वैश्विक चेहरों में एक महत्वपूर्ण कड़ी भी है। इसे बचाने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने होंगे, नहीं तो इसका नुकसान न केवल फिल्म इंडस्ट्री को बल्कि भारत को भी हो सकता है।
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