ये कैसी घड़ी आयी है मिलन है विदाई है….

 विदाई सामारोह मे फूट फूट कर रोयी कस्तूरबा की छात्राये/ आठंवी की पढाई पुरी कर विदा हुई 39 अभिवंचित किशोरिया/ विदाई मे दिया गया गया नवम का किताब,अंगवस्त्रम व अन्य समान/ मुखिया ने कहा-जिला व प्रदेश के लिए मीनापुर कस्तूरबा के किशोरिया बानगी

संतोष कुमार गुप्ता

मीनापुर । दीदी कर दो विदा आज तो प्यार से, जा रही हूं तो मै तेरे कस्तूरबा से…, विदाई गीत के साथ सभी छात्राओ के आंख से आंसू बह रहे थे। झुग्गी झोपड़ी से कस्तूरबा मे पढ़ने आयी 39 अभिवंचित  बेटिया पढ़ाई पुरी कर बुधवार को घर लौट रही थी।

कस्तूरबा गांधी बालिका विधालय मे विदाई सामारोह को सम्बोधित करते हुए मुखिया इंदल सहनी ने कहा कि पढाई के क्षेत्र मे कस्तूरबा की छात्राये बानगी है। जिला एवं प्रदेश स्तर पर कस्तूरबा की बेटियो ने नाम रोशन किया है। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत “आगमन से बह रहा है सुगंधित पवन,स्वागतम स्वागतम…” से हुआ। इसके बाद बच्चो ने ” कस्तूरबा को छोड़ के बहना अपना घर चली,ऐ कैसी घड़ी आयी है,मिलन है विदाई है… “गीत से सबको रूला दिया’।…..तीन साल से साथे रहली बहना हमारी रे,आज मेरी बहना की हो रही विदाई रे गीत से सबको रुला दिया। बेटी हू मै बेटी मै तारा बनूंगी गीत ने सबकी आंखे नम कर दी। जीवन मे कुछ करना है तो मन के मारे मत बैठो… गीत से बच्चो ने सबको प्रोत्साहित किया। 39 किशोरियो को अश्रुपूर्ण नेत्रो से नवम वर्ग का किताब,लेखन समाग्री,बैग,अंगवस्त्र,छाता व पानी की बोतले सहित अन्य समान देकर विदा किया गया। मौके पर डीडीओ राणा प्रताप सिंह,वार्डेन कुमारी अलका,शिक्षिका स्नेहलता,नेहा, शिक्षक अरविंद कुमार,प्रकाशचंद्र प्रभाकर, लेखापाल नीरज कुमार , अशोक सहनी व अंशु कुमारी  आदि उपस्थित थे। वार्डेन कुमारी अलका ने बताया कि इन अभिवंचित बेटियो को नवम का किताब इसलिए दिया गया है कि आगे का पढाई नही रूक सके। इनको यहां से भी लगातार शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया जायेगा।

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