नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने Operation Sindoor पर एक विशेष मॉड्यूल जारी किया है। अब इसे कक्षा 3 से लेकर कक्षा 12 तक की किताबों में पढ़ाया जाएगा।
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NCERT के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक military action नहीं था, बल्कि यह शांति कायम करने और उन लोगों को सम्मान लौटाने का प्रयास था जिन्होंने अपनी जान गंवाई। यह मॉड्यूल छात्रों को यह समझाने का प्रयास है कि यह ऑपरेशन केवल युद्ध तक सीमित नहीं था बल्कि यह भारत की justice और security के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक था।
इस ऑपरेशन के महज़ तीन महीने बाद इसे पाठ्यक्रम में सप्लीमेंट्री मटीरियल के रूप में जोड़ा गया है, ताकि छात्रों को भारत के इस महत्वपूर्ण सैन्य अध्याय की जानकारी मिल सके।
सैन्य कार्रवाई का विस्तृत विवरण
मॉड्यूल में विस्तार से बताया गया है कि पाकिस्तान ने भले ही पहलगाम हमले में सीधे तौर पर शामिल होने से इनकार किया, लेकिन यह हमला पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के आदेश पर किया गया था।
इसमें लिखा गया है कि भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। भारतीय सशस्त्र बलों ने मिसाइलें दागीं और एयर स्ट्राइक करके इन ठिकानों को ध्वस्त किया। इस कार्रवाई ने दिखा दिया कि भारत क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद पर निर्णायक जवाब देने में सक्षम है।
आतंकी ठिकानों का नाश
मॉड्यूल के अनुसार, इन नौ ठिकानों में से सात को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। भारतीय वायुसेना ने मुरिदके और बहावलपुर में स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कैंपों को निशाना बनाया।
NCERT सिलेबस में इस बात पर जोर दिया गया है कि इस दौरान किसी भी सिविलियन को नुकसान नहीं पहुंचा। हर टारगेट को दो बार जांचा गया और फिर कार्रवाई की गई।
यह छात्रों को यह संदेश देता है कि भारत आतंकवाद पर सटीक और रणनीतिक तरीके से वार करता है और आतंकियों के आकाओं को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
अलग-अलग क्लासेस के लिए मॉड्यूल
NCERT ने इस बार सिलेबस में दो अलग मॉड्यूल शामिल किए हैं।
कक्षा 3 से 8 के लिए मॉड्यूल का शीर्षक है “Operation Sindoor – A Saga of Valor”।
कक्षा 9 से 12 के लिए मॉड्यूल है “Operation Sindoor – A Mission of Honor and Bravery”।
इनका उद्देश्य छात्रों को भारतीय सेना की ताकत, अनुशासन और वीरता से परिचित कराना है।
आधुनिक रक्षा प्रणालियों का जिक्र
ऑपरेशन सिंदूर के मॉड्यूल में भारत की आधुनिक रक्षा तकनीक पर भी प्रकाश डाला गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे S-400 Air Defense System ने लंबी दूरी पर दुश्मन के विमानों को मार गिराया और ड्रोन को नष्ट किया।
इस तरह के उल्लेख छात्रों को यह समझाने के लिए किए गए हैं कि भारत की सैन्य ताकत केवल सैनिकों की बहादुरी पर ही नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी, रणनीति और इनोवेशन पर भी आधारित है।
नागरिकों की प्रतिक्रिया भी दर्ज
मॉड्यूल में इस हमले और भारत की कार्रवाई के बाद नागरिकों की प्रतिक्रियाओं को भी दर्ज किया गया है। हैदराबाद, लखनऊ और भोपाल में लोगों ने काली पट्टियां पहनकर हमले की निंदा की। कश्मीर में दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं।
सीमा के नजदीकी गांवों के लोगों ने भी सख्त कार्रवाई की मांग की और सशस्त्र बलों को खुला समर्थन दिया।
पुराने युद्धों से तुलना
मॉड्यूल में कहा गया है कि भारत ने हमेशा अपने नागरिकों और संप्रभुता की रक्षा के लिए सख्त रुख अपनाया है। 1947, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में भारत ने कड़ा जवाब दिया था।
ऑपरेशन सिंदूर को इस परंपरा का ही हिस्सा बताया गया है। यह जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई थी।
छात्रों के लिए संतुलित संदेश
सिलेबस में यह सुनिश्चित किया गया है कि छात्र केवल युद्ध का पहलू ही न देखें बल्कि मानवीय पहलू को भी समझें।
यह सिखाया जा रहा है कि भारत ने न केवल अपनी सैन्य शक्ति दिखाई बल्कि शांति बनाए रखने और नागरिकों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा।
सेना के प्रति सम्मान विकसित करना
इस मॉड्यूल का एक मुख्य उद्देश्य है छात्रों में भारतीय सेना के प्रति सम्मान और गर्व पैदा करना। असली सैन्य ऑपरेशंस के बारे में पढ़कर बच्चे बलिदान, अनुशासन और साहस को बेहतर समझ पाएंगे।
शैक्षणिक और राष्ट्रीय महत्व
NCERT का यह कदम शिक्षा को राष्ट्रीय घटनाओं से जोड़ने का प्रयास है। इससे छात्रों को न केवल समकालीन इतिहास की जानकारी मिलेगी बल्कि यह भी समझ आएगा कि शांति बनाए रखने के लिए कितने त्याग और पराक्रम की आवश्यकता होती है।
NCERT सिलेबस में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किया जाना आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहद अहम कदम है।
यह छात्रों को रणनीति, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के साथ-साथ आधुनिक रक्षा प्रणाली की अहमियत भी सिखाएगा।
भारत के पिछले युद्धों से इसे जोड़कर यह पाठ्यक्रम छात्रों को यह याद दिलाता है कि हमारा देश हमेशा आक्रामकता का डटकर सामना करता रहा है और शांति बनाए रखने के लिए निर्णायक कदम उठाता रहा है।
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