भारत में UPSC Civil Services Examination पास करना लाखों युवाओं का सपना होता है, लेकिन यह सफलता कुछ ही लोग हासिल कर पाते हैं। इन्हीं में से एक हैं आईपीएस अधिकारी आशना चौधरी, जिन्होंने बिना कोचिंग के अपने दम पर तीसरे प्रयास में यह परीक्षा पास की और पुलिस की वर्दी हासिल की।
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आज वह उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में Assistant Superintendent of Police (ASP) के रूप में कार्यरत हैं और अपनी मेहनत, संघर्ष और जुनून से युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
शुरुआती जीवन और शिक्षा
28 अगस्त 1998 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुवा में जन्मीं आशना का बचपन शिक्षा और अनुशासन से भरे माहौल में बीता। उनकी स्कूली पढ़ाई पिलखुवा के सेंट जेवियर्स स्कूल, उदयपुर के सेंट मैरीज स्कूल और गाजियाबाद के दिल्ली पब्लिक स्कूल में हुई।
दिल्ली पब्लिक स्कूल से उन्होंने 12वीं की परीक्षा 96.5% अंकों के साथ पास की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से इंग्लिश लिटरेचर में ऑनर्स की डिग्री ली और फिर नई दिल्ली स्थित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस में मास्टर्स किया। इस शिक्षा ने उनके व्यक्तित्व और दृष्टिकोण को व्यापक बनाया, जो आगे चलकर UPSC तैयारी में सहायक रहा।
UPSC सफर की शुरुआत
सिविल सेवा में आने का फैसला आशना ने समाज में बदलाव और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से किया। 2020 में उन्होंने पहली बार UPSC परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली।
पहले प्रयास से मिली सीख को उन्होंने गंभीरता से लिया और अपनी रणनीति में सुधार किया। 2021 में दूसरा प्रयास दिया, जिसमें वह सिर्फ 2.5 अंकों से पीछे रह गईं। यह नज़दीकी हार उनके लिए निराशा के साथ-साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी बनी।
तीसरा प्रयास और सफलता
2022 में तीसरे प्रयास में आशना ने अपनी मेहनत और योजना का बेहतरीन प्रदर्शन किया और ऑल इंडिया रैंक 116 हासिल की। इस रैंक के साथ उन्हें IAS सेवा का विकल्प मिला, लेकिन उन्होंने IPS को चुना।
यह फैसला उनके कानून-व्यवस्था के प्रति जुनून और जनता के साथ सीधे जुड़कर काम करने की इच्छा को दर्शाता है। IPS उनके लिए केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी और सेवा का अवसर था।
IPS चुनने का कारण
जहाँ अधिकांश अभ्यर्थी IAS को शीर्ष लक्ष्य मानते हैं, वहीं आशना ने IPS को प्राथमिकता दी। उनका मानना है कि पुलिस सेवा में रहकर वह सीधे जनता से जुड़ सकती हैं, अपराध रोक सकती हैं और समाज में सुरक्षा की भावना पैदा कर सकती हैं।
उनके अनुसार, पुलिस वर्दी अनुशासन, साहस और नेतृत्व का प्रतीक है, और यह उन्हें अपने काम में गहरी संतुष्टि देती है।
सोशल मीडिया पर सक्रिय उपस्थिति
आशना सिर्फ एक अधिकारी ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी एक प्रेरक व्यक्तित्व हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 2.81 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। वह यहां अपनी जीवन यात्रा, तैयारी के अनुभव और प्रेरणादायक संदेश साझा करती हैं।
उनकी पोस्ट में अक्सर UPSC तैयारी के टिप्स, मानसिक स्वास्थ्य का महत्व और कठिन समय में सकारात्मक रहने के संदेश शामिल होते हैं। इससे वह युवाओं के बीच एक आदर्श के रूप में पहचानी जाती हैं।
निजी जीवन और सहयोग
आशना की शादी IAS अधिकारी अभिनव सिवाच से हुई है, जिन्होंने 2022 में UPSC में 12वां स्थान हासिल किया था। दोनों की मुलाकात ट्रेनिंग के दौरान हुई, जो आगे चलकर शादी में बदल गई।
एक ऐसे जीवनसाथी का साथ, जो सिविल सेवा की चुनौतियों को समझता हो, आशना के लिए बड़ी ताकत है। दोनों मिलकर प्रशासन और कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में बदलाव लाने का लक्ष्य रखते हैं।
ASP मथुरा के रूप में जिम्मेदारी
26 जुलाई 2025 को आशना ने मथुरा में ASP का पदभार संभाला। इस भूमिका में वह कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराध नियंत्रण और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभा रही हैं।
उनके सहकर्मी उन्हें सक्रिय और जनता से जुड़े रहने वाली अधिकारी के रूप में वर्णित करते हैं। वह कम्युनिटी पुलिसिंग में विश्वास रखती हैं और लोगों के साथ सीधा संवाद स्थापित करती हैं।
आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा
IPS आशना चौधरी की कहानी यह साबित करती है कि बिना कोचिंग भी UPSC में सफलता संभव है। उनका अनुभव दर्शाता है कि असफलता अंत नहीं, बल्कि सुधार का मौका है।
वह युवाओं को सलाह देती हैं कि तैयारी में बेसिक्स को मजबूत करें, एक यथार्थवादी स्टडी शेड्यूल अपनाएं और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
भविष्य की योजनाएँ
IPS अधिकारी के रूप में आशना का लक्ष्य महिलाओं की सुरक्षा, कम्युनिटी पुलिसिंग और अपराध नियंत्रण पर केंद्रित है। वह तकनीक का उपयोग कर पुलिस कार्य को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में काम करना चाहती हैं।
उनका मानना है कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास कायम होना ही कानून-व्यवस्था की असली सफलता है।
IPS आशना चौधरी की सफलता की कहानी मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास का उदाहरण है। पहले दो प्रयासों में असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में सफलता पाई।
आज वह एक प्रेरणा हैं, जो यह साबित करती हैं कि सही योजना, निरंतर मेहनत और दृढ़ संकल्प से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
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