79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए एक बड़ा आर्थिक ऐलान किया। अपने संबोधन में उन्होंने संकेत दिया कि इस वर्ष दिवाली पर देश को एक विशेष GST Reform के रूप में तोहफा मिल सकता है। यह सुधार रोजमर्रा की ज़रूरत की चीजों को सस्ता करने की दिशा में होगा।
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प्रधानमंत्री ने बताया कि इस सुधार के लिए राज्यों से बातचीत पूरी हो चुकी है और एक उच्चस्तरीय समिति ने इसकी समीक्षा भी कर ली है। उन्होंने कहा कि Next-Generation GST की प्रक्रिया लगभग पूरी है और इसका लाभ जल्द ही जनता को मिलेगा।
Petrol-Diesel को GST में लाने की संभावना
प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद चर्चा तेज हो गई है कि केंद्र सरकार राज्यों से सहमति बनाकर Petrol-Diesel को GST के दायरे में ला सकती है। यह कदम लंबे समय से मांगा जा रहा था लेकिन केंद्र और राज्यों के बीच कर संरचना को लेकर मतभेद बने हुए थे।
अगर यह फैसला होता है तो ईंधन पर लगने वाले अलग-अलग केंद्रीय और राज्य कर खत्म हो सकते हैं और एक समान दर लागू होगी। इससे पेट्रोल और डीज़ल के दाम में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। ईंधन सस्ता होने से परिवहन लागत घटेगी और कई अन्य वस्तुओं के दाम भी कम होंगे, जिससे लोगों को सीधी राहत मिलेगी।
आठ साल की GST यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया कि 1 जुलाई 2017 को GST लागू किया गया था। इसे स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार माना जाता है। इसने कई जटिल केंद्रीय और राज्य करों को हटाकर एक統ीकृत कर व्यवस्था दी।
आठ वर्षों में इस व्यवस्था से कर अनुपालन में सुधार हुआ है, राज्यों के बीच व्यापार आसान हुआ है और परिवहन क्षेत्र में समय की बचत हुई है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि अब भी कई क्षेत्रों में सुधार की गुंजाइश है और इसी को ध्यान में रखते हुए Next-Generation GST Reform तैयार किया जा रहा है।
नई पीढ़ी के GST सुधार
पीएम मोदी ने कहा कि नई पीढ़ी के सुधारों का लक्ष्य आवश्यक वस्तुओं पर कर दरें कम करना है। इससे न केवल आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि MSME सेक्टर को भी फायदा होगा। उत्पादन लागत घटने से छोटे और मध्यम उद्योग अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह सुधार उपभोक्ताओं और उद्यमियों दोनों के लिए लाभकारी होंगे। कम कर दरें उत्पादन से लेकर बाजार तक हर स्तर पर लागत कम करेंगी, जिससे अर्थव्यवस्था में गति आएगी।
MSME सेक्टर को बढ़ावा
भारत की GDP और रोजगार में अहम योगदान देने वाले MSME सेक्टर के लिए यह सुधार विशेष महत्व रखते हैं। ईंधन और आवश्यक वस्तुओं पर कर में कमी आने से इन उद्योगों का मुनाफा बढ़ेगा और विस्तार की संभावनाएं बढ़ेंगी। इससे नए रोजगार सृजित होंगे और आर्थिक विकास को बल मिलेगा।
महंगाई पर नियंत्रण की संभावना
ईंधन के दाम घटने से महंगाई पर भी असर पड़ेगा। परिवहन लागत कम होने से खाने-पीने की वस्तुएं, निर्माण सामग्री और उपभोक्ता उत्पाद सस्ते हो सकते हैं। यह कदम घरेलू बजट पर दबाव कम करेगा और उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ाएगा।
दिवाली का समय और आर्थिक प्रभाव
दिवाली से पहले कर कटौती का ऐलान खुदरा से लेकर विनिर्माण तक कई क्षेत्रों में मांग को बढ़ा सकता है। त्योहारों के मौसम में उपभोग बढ़ने से उद्योग और कारोबार को लाभ होगा। उपभोक्ता भी अधिक खरीदारी कर पाएंगे, जिससे बाजार में सकारात्मक माहौल बनेगा।
राज्यों के साथ सहमति आवश्यक
हालांकि, इन सुधारों को लागू करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सहमति जरूरी है। खासकर Petrol-Diesel को GST में लाने पर राज्यों को अपने राजस्व नुकसान की भरपाई का भरोसा दिलाना होगा। यह बातचीत आने वाले हफ्तों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
GST की चुनौतियां और सुधार का रास्ता
GST लागू होने के शुरुआती वर्षों में तकनीकी गड़बड़ियों और अनुपालन की कठिनाइयों को लेकर आलोचना हुई थी। लेकिन धीरे-धीरे तकनीकी उन्नयन, कर दरों में सरलता और प्रक्रियाओं में सुधार के साथ व्यवस्था स्थिर हुई है। अब यह देखा जाएगा कि क्या Next-Generation GST Reform इसे और अधिक उपभोक्ता-अनुकूल बना पाता है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह ऐलान त्योहारी सीजन से पहले जनता के लिए राहत की उम्मीद लेकर आया है। अगर योजना के अनुसार यह सुधार लागू होते हैं तो इस दिवाली पेट्रोल-डीजल सस्ता हो सकता है, रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम घट सकते हैं और MSME सेक्टर को नई ऊर्जा मिल सकती है।
यह कदम न केवल उपभोक्ताओं को राहत देगा बल्कि आर्थिक विकास को भी नई दिशा देगा। अब निगाहें केंद्र और राज्यों के बीच होने वाली चर्चाओं पर हैं, जो तय करेंगी कि यह “विशेष दिवाली तोहफा” कितनी जल्दी जनता तक पहुंचता है।
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