तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण : मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है

Tahawwur Rana Extradition LIVE Updates: Mastermind of Mumbai Attacks Arrives in India for Legal Proceedings

KKN  गुरुग्राम डेस्क | मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आज भारत लाया जा रहा हैएनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी) और रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) की टीम के सुरक्षा घेरे में वह स्पेशल प्लेन से दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरेंगे। इसके बाद उसे एक बुलेटप्रूफ गाड़ी में एनआईए के मुख्यालय ले जाया जाएगा, जहां उसकी पूछताछ और कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

यह घटनाक्रम भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण का संबंध 2008 के मुंबई आतंकी हमले से है, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। राणा की वापसी भारत के लिए न्याय की एक बड़ी जीत मानी जा रही है, क्योंकि वह इस हमले के मास्टरमाइंड में से एक था।

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण: प्रमुख घटनाक्रम

तहव्वुर राणा का अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण एक लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद संभव हो पाया है। अमेरिका में दिसंबर 2023 में राणा की गिरफ्तारी के बाद से भारत ने इस प्रत्यर्पण की लगातार मांग की थी। अब, उसकी भारत वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

दिल्ली एयरपोर्ट पर राणा का आगमन

राणा को लेकर स्पेशल विमान बुधवार शाम 7:10 बजे अमेरिका से उड़ान भर चुका है, और यह दिल्ली एयरपोर्ट पर अप्रैल 10, 2025 को पहुंचेगा। इसके बाद, उसे भारतीय अधिकारियों द्वारा एनआईए मुख्यालय ले जाया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर खास इंतजाम किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

एनआईए अदालत में पेशी

राणा की पहली कानूनी प्रक्रिया दिल्ली स्थित एनआईए की अदालत में होगी। वहां उसे आतंकी गतिविधियों और 2008 के मुंबई हमले से संबंधित आरोपों पर सुनवाई के लिए पेश किया जाएगा। जांच एजेंसियां उसे पूछताछ के दौरान अन्य आतंकवादी हमलों और साजिशों के बारे में भी सवाल करेंगी।

राणा के खिलाफ आरोप

तहव्वुर राणा पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश, हत्या, और आतंकी कृत्यों के आरोप लगाए गए हैं। उसने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादियों को भारतीय जमीन पर हमले करने के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया था। इसके अलावा, भारत में आतंकवादी हमले करने के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के साथ उसकी कथित साठ-गांठ भी सामने आई है।

राणा का भारत आने के बाद आजीवन कारावास या मृत्युदंड का सामना करना पड़ सकता है यदि उसे दोषी ठहराया जाता है।

केंद्रीय मंत्रियों की बैठक

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के मद्देनजर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक अहम बैठक की। बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के निदेशक तपन डेका और विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, बैठक में राणा के प्रत्यर्पण और उसकी आगामी कानूनी प्रक्रिया के बारे में रणनीति बनाई गई, हालांकि बैठक के दौरान किन मुद्दों पर चर्चा हुई, इसकी जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।

नई जानकारी और साक्षात्कार की संभावना

हाल ही में, कुछ उच्च स्तरीय सूत्रों ने बताया कि राणा से कुछ और आतंकी हमलों में उसकी भूमिका से संबंधित नई जानकारी सामने आई है। इसके चलते अब नई एफआईआर दायर करने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही, राणा और उसके पाकिस्तान स्थित आकाओं के बीच आतंकी साजिशों को लेकर रॉ (Research and Analysis Wing) की टीम भी राणा से पूछताछ करेगी।

तहव्वुर राणा का जुड़ाव अन्य आतंकी गतिविधियों में

राणा की गिरफ्तारी और उसके प्रत्यर्पण के बाद, यह बात सामने आई है कि वह अन्य आतंकी गतिविधियों में भी लिप्त था। रिपोर्ट्स के अनुसार, राणा ने आईएसआई (Inter-Services Intelligence) के साथ मिलकर भारत पर आतंकवादी हमलों की साजिश रचने में मदद की थी। इससे भी संबंधित नई एफआईआर दायर करने पर विचार किया जा रहा है। राणा का कनेक्शन पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों से था, जो भारत के खिलाफ आतंकी हमले करते रहे हैं।

भारत में सजा और कानूनी प्रक्रिया

राणा को भारतीय न्याय प्रणाली में लाकर उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उसे आतंकवादी गतिविधियों के लिए सख्त सजा मिल सकती है। भारतीय कानून के तहत राणा पर हत्या, आतंकवाद, और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश के आरोप लगाए गए हैं। यदि दोषी पाया जाता है, तो उसे आजीवन कारावास या मृत्युदंड का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा, राणा से किसी भी अन्य आतंकी साजिश के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उसकी पूछताछ की जाएगी, ताकि भारत में होने वाली अन्य आतंकवादी गतिविधियों को सुलझाया जा सके।

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की महत्वपूर्णता

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत की आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारत-पाकिस्तान संबंधों में भी एक संदेश जाएगा कि भारत किसी भी आतंकवादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा और जिन लोगों ने भारतीय भूमि पर आतंक फैलाने की कोशिश की है, उन्हें न्याय दिलवाया जाएगा। राणा का भारत में आना न केवल 2008 मुंबई हमले की सच्चाई को उजागर करेगा, बल्कि आतंकी साजिशों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी भी प्राप्त हो सकती है।

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण और उसकी कानूनी प्रक्रिया भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मामले में राणा की भूमिका को लेकर आगे की पूछताछ और कानूनी कार्रवाई से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी साजिशों को रोकने में मदद मिल सकती है। साथ ही, इससे यह भी साबित होता है कि भारत अपनी आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा।

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