बिहार में चौथे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया मई में शुरू होगी, BPSC करेगा नियुक्तियां

Bihar to Begin 4th Phase of Teacher Recruitment in May: BPSC to Handle Teacher Appointments

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में अगले साल से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विधान सभा में घोषणा की कि चौथे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया मई से शुरू होगी। इस प्रक्रिया के तहत शिक्षक पदों की भर्ती बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) द्वारा की जाएगी। इसके साथ ही तीसरे चरण में खाली रह गए पदों को भी चौथे चरण में शामिल किया जाएगा।

चौथे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का महत्व

बिहार में चौथे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया खास अहमियत रखती है। इस प्रक्रिया के तहत लाखों उम्मीदवारों के लिए सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, तीसरे चरण में जो पद खाली रह गए थे, उन्हें भी इस भर्ती में शामिल किया जाएगा। इस तरह से यह भर्ती प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा व्यापक और प्रभावी साबित हो सकती है।

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधान सभा में सवालों का जवाब देते हुए बताया कि तीसरे चरण की भर्ती में बीपीएससी के सप्लीमेंट्री रिजल्ट को लेकर कोई विचार नहीं किया गया है। विधायक अरुण कुमार द्वारा तीसरे चरण में खाली पदों के बारे में सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि अब सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी नहीं होगा।

तीसरे चरण के खाली पदों पर फैसला

तीसरे चरण में 60,000 से अधिक शिक्षक सफल हुए थे। हालांकि, नई जगहों पर उनकी नियुक्ति होने के कारण कुछ पद खाली रह गए हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में गांधी मैदान में आयोजित एक समारोह में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए थे। शिक्षक संघों और अभ्यर्थियों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी कि तीसरे चरण में खाली पड़े पदों को भरने के लिए सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी किया जाए। लेकिन शिक्षा मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि अब ऐसा नहीं होगा। इसके बजाय, चौथे चरण की भर्ती प्रक्रिया में इन खाली पदों को भी शामिल किया जाएगा।

बिहार में शिक्षक भर्ती का नया कदम

बिहार में शिक्षक भर्ती के लिए यह नया कदम राज्य के शिक्षा विभाग की ओर से एक बड़ी पहल है। इस निर्णय से न केवल बेरोजगार शिक्षकों को रोजगार मिलेगा, बल्कि छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। बिहार सरकार का यह कदम राज्य के शिक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

शिक्षक संघ और उम्मीदवारों के लगातार दबाव के बावजूद, शिक्षा मंत्री ने यह घोषणा की कि तीसरे चरण की भर्ती में अब कोई सप्लीमेंट्री रिजल्ट नहीं जारी किया जाएगा। हालांकि, राज्य सरकार ने चौथे चरण में उन सभी पदों को शामिल करने का निर्णय लिया है जो पहले रिक्त थे।

BPSC की भूमिका और भर्ती प्रक्रिया

बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) बिहार में सरकारी भर्ती प्रक्रिया को संचालित करने वाला प्रमुख संगठन है। यह राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्तियों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। चौथे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भी BPSC की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

BPSC की यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से भर्ती को सुनिश्चित करेगी, जिससे उम्मीदवारों के लिए एक समान अवसर उपलब्ध होगा। इस भर्ती प्रक्रिया में BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा में सफलता पाने वाले उम्मीदवारों को शिक्षक पदों पर नियुक्ति दी जाएगी।

चौथे चरण की भर्ती प्रक्रिया के लिए आवश्यकताएँ

चौथे चरण की भर्ती के लिए उम्मीदवारों को BPSC की आधिकारिक वेबसाइट से संबंधित अधिसूचना प्राप्त करनी होगी। इसमें आवेदन की प्रक्रिया, पात्रता मानदंड, परीक्षा पैटर्न और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सभी आवश्यक दस्तावेज और पात्रता मानदंड पूरा करते हों।

इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को पहले आवेदन करना होगा, उसके बाद BPSC द्वारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को विभिन्न सरकारी स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी जाएगी।

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का बयान

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधान सभा में यह स्पष्ट किया कि तीसरे चरण में जिन पदों पर शिक्षक नहीं भर्ती हो पाए, उन्हें चौथे चरण की प्रक्रिया में जोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय से राज्य में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को गति मिलेगी और शिक्षा क्षेत्र में सुधार होगा।

यह घोषणा राज्य में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे अभ्यर्थियों को एक सुव्यवस्थित तरीके से भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलेगा।

शिक्षक संघों और अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया

तीसरे चरण के खाली पदों को लेकर शिक्षक संघों और अभ्यर्थियों ने काफी समय से अपनी मांग उठाई थी। उनका कहना था कि यदि सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी किया जाता, तो अधिक संख्या में उम्मीदवारों को नौकरी मिल सकती थी। हालांकि, शिक्षा मंत्री के बयान के बाद अब उन्हें यह उम्मीद है कि चौथे चरण में सभी खाली पदों को भरने का कार्य पूरा किया जाएगा।

भविष्य में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की दिशा

इस नए निर्णय के साथ, यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और समयबद्ध बनाने की दिशा में काम कर रही है। चौथे चरण की भर्ती प्रक्रिया से न केवल उम्मीदवारों को रोजगार मिलेगा, बल्कि शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा।

बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षक की कमी एक बड़ी समस्या रही है, और इस भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से इस कमी को दूर करने की कोशिश की जा रही है। उम्मीद है कि इस प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद राज्य में शिक्षा क्षेत्र में सुधार देखने को मिलेगा।

बिहार में चौथे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया मई से शुरू होगी और इसमें तीसरे चरण के खाली पदों को भी शामिल किया जाएगा। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधान सभा में यह घोषणा की कि अब तीसरे चरण में कोई सप्लीमेंट्री रिजल्ट नहीं होगा। इसके बजाय, सभी रिक्त पद चौथे चरण में भर्ती किए जाएंगे।

यह निर्णय बिहार के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इससे न केवल शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा, बल्कि राज्य के छात्रों को भी बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply