प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को गाली देने के विरोध में एनडीए ने गुरुवार को बिहार बंद का आह्वान किया। पटना समेत राज्य के कई जिलों में इसका असर साफ दिखाई दिया। सड़क जाम, दुकानों के शटर बंद और जगह-जगह प्रदर्शन ने आम लोगों को खासा परेशान किया। इस बीच कई इलाकों से कार्यकर्ताओं द्वारा आम लोगों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें भी सामने आईं। इन्हीं घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला।
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सोशल मीडिया पर लालू यादव का वार
लालू यादव ने अपने एक्स (X) हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, “क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BJP कार्यकर्ताओं को आदेश दिया है कि बंद के दौरान बिहार और बिहारियों की माताओं-बहनों और बेटियों को गाली दो?” उन्होंने आगे लिखा कि गुजराती लोग बिहारियों को हल्के में न लें, यह बिहार है।
उनकी इस टिप्पणी ने तुरंत राजनीतिक हलचल तेज कर दी। लालू ने इसे बेहद शर्मनाक करार दिया और सवाल उठाया कि क्या बंद का मतलब आम लोगों को परेशान करना है।
महिलाओं और पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप
RJD अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बंद के दौरान BJP समर्थक गुंडागर्दी पर उतर आए। उन्होंने दावा किया कि महिलाओं, गर्भवती महिलाओं, छात्राओं, शिक्षिकाओं, बुजुर्गों और पत्रकारों के साथ न केवल अभद्रता की गई बल्कि उन्हें गालियां भी दी गईं।
लालू यादव ने सवाल किया, “क्या यह उचित है कि बीजेपी के गुंडे-मवाली सम्मानित शिक्षिकाओं और राह चलती महिलाओं को गालियां दें और उनके साथ हाथापाई करें?” उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों का मजाक बताया।
बिहार बंद का असर
एनडीए का यह बंद उस कांग्रेस नेता की टिप्पणी के विरोध में बुलाया गया था, जिसने दरभंगा में मंच से प्रधानमंत्री की मां को अपमानजनक शब्द कहे थे। सुबह से ही राजधानी पटना सहित कई जिलों में NDA कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। ट्रैफिक जाम और दुकानों के बंद रहने से आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जहां NDA कार्यकर्ता इसे PM मोदी के सम्मान से जुड़ा मुद्दा बता रहे थे, वहीं विपक्ष ने इस बंद को जनता के खिलाफ कदम बताया।
राजनीति में गरमाया माहौल
बिहार बंद ने सियासी माहौल और गरमा दिया है। RJD ने BJP पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने विरोध के नाम पर जनता का अपमान किया। वहीं NDA नेताओं का कहना है कि यह विरोध प्रधानमंत्री के परिवार का अपमान करने वालों को सबक सिखाने के लिए था।
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर जबरदस्त बहस छिड़ी रही। RJD समर्थकों ने लालू के बयान को सही ठहराया तो BJP समर्थकों ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया।
बिहार बंद को लेकर जहां NDA अपनी ताकत दिखाना चाह रहा था, वहीं घटनाओं ने उसे आलोचना के घेरे में खड़ा कर दिया। लालू यादव के तीखे बयान ने इस विवाद को और हवा दी है। उन्होंने इसे शर्मनाक ठहराते हुए पूछा है कि क्या इस तरह के दुर्व्यवहार से किसी का सम्मान बचता है।
यह साफ है कि बिहार की राजनीति में यह मुद्दा आने वाले दिनों तक चर्चा में रहेगा। बिहार बंद अब केवल विरोध का कार्यक्रम नहीं रहा बल्कि यह NDA और RJD के बीच जुबानी जंग का नया मैदान बन गया है।
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