जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 करीब आ रहे हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्राथमिकता अब मतदाताओं को राहत देने वाली योजनाओं पर केंद्रित होती नजर आ रही है। महिला आरक्षण और पेंशन योजना में बढ़ोतरी के बाद अब सरकार एक और बड़ी घोषणा की तैयारी में है – राज्य के हर परिवार को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना।
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हालांकी इस प्रस्ताव को वित्त विभाग और कैबिनेट की स्वीकृति बाकी है। यदि कैबिनेट से अनुमति मिलती है तो यह योजना चुनाव से पहले राज्य भर में लागू हो सकती है और इसका लाभ लाखों परिवारों को मिलेगा।
क्या है बिहार की 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना?
इस प्रस्तावित योजना के तहत हर घरेलू बिजली उपभोक्ता को हर महीने 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। अगर कोई उपभोक्ता 100 यूनिट से कम बिजली का उपयोग करता है तो उसे कोई बिल नहीं देना होगा। वहीं, जो उपभोक्ता 100 यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग करेंगे, उन्हें केवल अतिरिक्त यूनिट के लिए चार्ज देना होगा।
मुख्य बिंदु:
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योजना का लाभ राज्य के सभी शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं को मिलेगा।
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100 यूनिट तक मुफ्त बिजली, इसके बाद सामान्य दरों पर चार्ज।
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योजना से गरीब और मध्यम वर्ग को सबसे अधिक राहत मिलने की उम्मीद है।
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उपयोग पर निगरानी के लिए स्मार्ट मीटरिंग की व्यवस्था की जा सकती है।
बिहार में वर्तमान बिजली दरें क्या हैं?
वर्तमान में बिहार में बिजली की दरें इस प्रकार हैं:
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शहरी उपभोक्ताओं के लिए पहले 50 यूनिट पर ₹7.57 प्रति यूनिट।
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इसके बाद की यूनिट पर ₹7.96 प्रति यूनिट।
अगर उपभोक्ताओं को पहले 100 यूनिट मुफ्त मिलते हैं, तो उनकी मासिक बिजली बिल में बड़ी राहत मिल सकती है, खासकर उन परिवारों को जो कम खपत वाले हैं।
वित्तीय प्रभाव और राज्य सरकार की जिम्मेदारी
इस योजना का वित्तीय भार पूरी तरह से बिहार सरकार के खजाने पर पड़ेगा। इसलिए पहले वित्त विभाग से इसकी मंजूरी लेनी होगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस योजना पर प्रति वर्ष हजारों करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है।
हालांकि, सरकार का मानना है कि यह खर्च लाभकारी निवेश होगा, जो आम जनता में विश्वास और समर्थन बढ़ाएगा, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां लोग अभी भी बिजली बिल चुकाने में संघर्ष करते हैं।
चुनाव से पहले नीतीश सरकार का मास्टरस्ट्रोक?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कदम राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बीते कुछ महीनों में उन्होंने कई लोक-लुभावन योजनाएं लागू की हैं:
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महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण
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वृद्धजनों और जरूरतमंदों की पेंशन में बढ़ोतरी
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रोजगार प्रशिक्षण योजनाएं
अब 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना इस कड़ी में सबसे तगड़ा दांव साबित हो सकता है, जिससे सरकार को ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के वोटर्स में खास लाभ मिलने की उम्मीद है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना विपक्षी दलों को काउंटर रणनीति तैयार करने पर मजबूर कर सकती है।
अन्य राज्यों की तुलना में बिहार की योजना कैसी है?
भारत के कुछ अन्य राज्यों ने भी अपने-अपने उपभोक्ताओं को मुफ्त या सब्सिडी वाली बिजली देने की योजना शुरू की है:
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दिल्ली: 200 यूनिट तक मुफ्त
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पंजाब: 300 यूनिट तक मुफ्त
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राजस्थान और तमिलनाडु: कुछ वर्गों के लिए सीमित यूनिट तक छूट
लेकिन बिहार की योजना इसलिए अलग है क्योंकि यह सभी घरेलू उपभोक्ताओं को कवर करेगी, न कि केवल चुनिंदा वर्गों को। इससे राज्य की 80-90% आबादी को लाभ मिलने की संभावना है।
किसे मिलेगा सबसे ज़्यादा फायदा?
इस योजना से सबसे अधिक लाभ मिलेगा:
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निम्न आय वर्ग के परिवारों को
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ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उपभोक्ताओं को
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दैनिक मजदूर और छोटे दुकानदारों को
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छात्रों और किराए पर रहने वालों को
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महिला मुखिया वाले परिवारों को
इस योजना का प्रभाव सीधे बिजली बिल की बचत के रूप में दिखाई देगा, जो महंगाई के दौर में बेहद महत्वपूर्ण है।
चुनौतियां और आलोचनाएं
जहां एक ओर इस योजना की सराहना की जा रही है, वहीं कुछ विशेषज्ञों ने इस पर सवाल भी उठाए हैं:
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राजकोषीय बोझ: क्या राज्य सरकार लंबे समय तक इस योजना को वहन कर पाएगी?
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बिजली की चोरी: मुफ्त बिजली योजनाओं में दुरुपयोग का खतरा रहता है।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए स्मार्ट मीटर, डिजिटल बिलिंग और सख्त निगरानी की व्यवस्था की जा सकती है।
नीतीश कुमार का जनहित और जनमत साधने का प्रयास
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार का यह कदम सिर्फ बिजली की सुविधा नहीं बल्कि राजनीतिक रणनीति भी है। यह योजना सीधे तौर पर आम जनता को राहत देने का संदेश देती है, और यही कारण है कि इसे “पावर से पब्लिक कनेक्ट” का नाम भी दिया जा सकता है।
“100 यूनिट मुफ्त बिजली केवल सुविधा नहीं, यह आम जनता की आवाज़ को सुनने और उन्हें सशक्त करने का प्रयास है।” – एक वरिष्ठ राजनीतिक टिप्पणीकार
बिहार सरकार की 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना निश्चित रूप से 2025 के चुनावी समीकरणों को प्रभावित करने वाली है। यह योजना न केवल आम लोगों की आर्थिक मदद करेगी बल्कि सरकार और जनता के बीच भरोसे की डोर को भी मजबूत करेगी।
अब सभी की निगाहें कैबिनेट की मंजूरी और योजना के क्रियान्वयन की तारीख पर टिकी हुई हैं। यदि यह योजना लागू होती है, तो यह बिहार के लाखों परिवारों के लिए राहत की किरण साबित होगी।
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