KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार की राजधानी में एक चौकाने वाली और रहस्यमयी घटना सामने आई है, जिसमें एशिया अस्पताल की संचालिका डॉ. सुरभि राज को शनिवार दोपहर सात गोलियां मारी गईं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अस्पताल के अंदर किसी को भी गोली चलने की आवाज नहीं सुनाई दी और न ही कोई संदिग्ध व्यक्ति अस्पताल में या डॉ. सुरभि के चेंबर में आते-जाते हुए देखा गया। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि साइलेंसर वाली पिस्टल का उपयोग कर इस वारदात को अंजाम दिया गया, जिससे अपराधी को कोई भी संदेह नहीं हुआ।
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घटना: अस्पताल में अपराधियों का सटीक हमला
यह दर्दनाक घटना शनिवार दोपहर करीब 12 बजे हुई, जब डॉ. सुरभि राज अकेले अस्पताल आईं। उनके पति राकेश रौशन कार्य में व्यस्त थे और डॉ. सुरभि ने दूसरे तल्ले पर स्थित अपने चेंबर में जाने का निर्णय लिया। इसी दौरान अपराधियों ने उनके चेंबर में घुसकर उन्हें सात गोलियों से छलनी कर दिया। डॉ. सुरभि का शव फर्श पर गिरा हुआ था और शरीर खून से सना हुआ था। कुछ समय बाद दीपक नामक कर्मचारी ने जब चेंबर में प्रवेश किया, तो उन्होंने इस भयावह घटना का पता चलाया।
कर्मचारियों ने तुरंत डॉ. सुरभि को एंबुलेंस से पटना एम्स भेजा, लेकिन उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। घटना दोपहर ढाई से तीन बजे के बीच हुई बताई जा रही है, जो बिहार के चिकित्सा समुदाय को हिला कर रख दिया है।
घटनास्थल पर चुप्पी: एक रहस्यमयी स्थिति
इस अपराध का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि गोली चलने की आवाज सुनने के बाद भी अस्पताल के किसी भी कर्मी ने इसकी सूचना नहीं दी। यहां तक कि अस्पताल के कर्मचारियों को भी यह नहीं पता चला कि कोई संदिग्ध व्यक्ति अस्पताल में या चेंबर में आया था। यह इस बात को मजबूती से साबित करता है कि शायद साइलेंसर वाली पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था, जिससे अपराधी ने चुपचाप यह वारदात अंजाम दी। कर्मचारियों का कहना है कि तीन बजकर 25 मिनट पर एक कर्मचारी ने चेंबर में जाकर इस घटना का पता लगाया।
पुलिस जांच और सीसीटीवी फुटेज: साक्ष्य की खोज
घटना की जानकारी मिलते ही अगमकुआं पुलिस और एएसपी अतुलेश झा ने मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन शुरू की। पुलिस अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच कर रही है। साथ ही डॉग स्क्वायड और एफएलएल की टीम भी साक्ष्य इकट्ठा करने में जुटी हुई है। घटना के वक्त अस्पताल में 13 कर्मी मौजूद थे, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस की प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि सीसीटीवी फुटेज में यह देखा जा रहा है कि दोपहर के समय अस्पताल में कौन-कौन लोग गए थे। इसके अलावा तकनीकी अनुसंधान भी जारी है। पुलिस ने अब तक परिजनों के बयान नहीं लिए हैं, और घटना के कारणों के बारे में सुरभि के पति राकेश रौशन ने अनभिज्ञता जाहिर की है।
हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने की कोशिश
पुलिस के अनुसार, यह बात सामने आई है कि घटना के बाद साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई। पुलिस अब इस घटना के हर पहलु पर जांच कर रही है, जिसमें आपसी विवाद और अन्य संभावनाओं को शामिल किया जा रहा है। जांच के बाद जब हत्यारों की पहचान होगी, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
राकेश रौशन की चिंता और परिवार का दुःख
राकेश रौशन, जो शनिवार को किसी काम के कारण अस्पताल नहीं गए थे, अपनी पत्नी के साथ खाना खाने का इंतजार कर रहे थे। जब उन्हें यह दुखद खबर मिली, तो वह तुरंत अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में उस समय अफरा-तफरी मच गई और परिवार के सदस्य गहरे शोक में थे।
डॉ. सुरभि राज की हत्या एक ऐसी घटना है जो न सिर्फ उनके परिवार को, बल्कि बिहार के पूरे चिकित्सा समुदाय को हिला कर रख देती है। इस हत्या के कारणों की पूरी जांच जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मामले के रहस्यों से पर्दा उठेगा। पुलिस पूरी गंभीरता से इस मामले की जांच कर रही है, और दोषियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
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