मुजफ्फरपुर। लीची के साथ साथ मशरूम को मुजफ्फरपुर की पहचान बनाने की कबायद तेज हो गई है। मुजफ्फरपुर के राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ.विशालनाथ ने मशरूम को व्यवसायिक रूप देकर ब्रांड के रूप में विकसित करने की पहल शुरू कर दी है। इसके लिए गुणवत्तायुक्त उत्पादन के साथ उसकी प्रोसेसिंग कर मूल्य संवर्द्धन करने की योजना है। इससे उत्पादों का सही मूल्य किसानो को मिलेगा और इससे मुजफ्फरपुर को विश्व स्तर पर चर्चित होगा।
डॉ.राजेंद्र प्रसाद केंद्रयी कृषि विवि में राष्ट्रीय मशरूम दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह कैश-क्रॉप के साथ रोजगार सृजन का सशक्त साधन है। विवि के डीआर डॉ.मिथलेश कुमार ने कहा कि मशरूम बीज की समस्या के निदान के लिए राज्य के 24 जिलों में स्पॉन प्रोडक्शन लैब की शुरूआत की गई है।
रजिस्ट्रार डॉ. रविनंदन ने कहा कि 90 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी है। इस कमी को दूर करने में मशरूम लाभकारी होगा। डीईई डॉ.केएम सिंह ने कहा कि कम लागत में स्वरोजगार व आर्थिक समृद्धि के लिए मशरूम एक बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक टन बीज का डिमांड प्रतिदिन है। करीब 40 हजार परिवारो का जीविकोपार्जन का साधन है। जिसमें करीब एक हजार लोग बड़े उत्पादको में शामिल हैं।
This post was published on दिसम्बर 23, 2017 20:06
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