बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बीच, एक बड़ा राजनीतिक बदलाव सामने आया है, जब चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप ने भा.ज.पा (BJP) छोड़कर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) में शामिल होने का निर्णय लिया। मनीष कश्यप का यह कदम बिहार की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर साबित हो सकता है, क्योंकि इससे भा.ज.पा को एक गंभीर झटका लगा है। जन सुराज पार्टी ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर मनीष कश्यप और प्रशांत किशोर की तस्वीरें साझा करते हुए इस बदलाव की पुष्टि की है।
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मनीष कश्यप का जन सुराज पार्टी में शामिल होना: क्या है इसका महत्व?
मनीष कश्यप का जन सुराज पार्टी में शामिल होना बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है। मनीष कश्यप, जिनकी यूट्यूब चैनल पर लाखों सब्सक्राइबर हैं, पहले भा.ज.पा के साथ जुड़े थे। उन्होंने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा को छोड़कर प्रशांत किशोर की पार्टी को जॉइन किया। इस बदलाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई चर्चाएं हो रही हैं। मनीष कश्यप का यह कदम भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि उनकी सोशल मीडिया पर बड़ी फॉलोइंग और प्रभाव है।
मनीष कश्यप का जन सुराज पार्टी में शामिल होने के बाद बयान
मनीष कश्यप ने जन सुराज पार्टी जॉइन करने के बाद कहा कि बिहार की वर्तमान स्थिति अब सभी को स्पष्ट हो गई है। उन्होंने कहा, “बिहार में कोई भी सुरक्षित नहीं है। अगर बिहार को सुरक्षित बनाना है, तो हमें जन सुराज की सरकार बनानी होगी।” मनीष कश्यप के इस बयान से यह साफ है कि वे बिहार में बदलाव के पक्षधर हैं और जन सुराज पार्टी को सत्ता में लाने का संकल्प रखते हैं।
मनीष कश्यप ने अपनी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कुछ तस्वीरें भी शेयर की, जिसमें वह प्रशांत किशोर के साथ दिखाई दे रहे हैं। इन तस्वीरों के साथ उन्होंने एक कविता भी शेयर की, जिसमें उन्होंने बिहार के विकास का वादा किया। मनीष कश्यप ने लिखा, “बुझी हुई आश जलाएंगे हम, घर-घर रोशनी पहुंचाएंगे हम, पलायन का दर्द मिटाएंगे हम, फिर से नया बिहार बनाएंगे हम।” इस कविता से उनका यह संदेश है कि वे बिहार में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मनीष कश्यप कौन हैं?
मनीष कश्यप एक प्रसिद्ध यूट्यूबर हैं, जिनके यूट्यूब चैनल पर लगभग 1 करोड़ सब्सक्राइबर हैं। मनीष कश्यप का यूट्यूब करियर तब शुरू हुआ जब उन्होंने बिहारी प्रवासियों के बारे में वीडियो बनाकर प्रसिद्धि पाई। हालांकि, उनकी कुछ वीडियो को लेकर विवाद भी हुआ था, जब उन पर तमिलनाडु पुलिस ने आरोप लगाया था कि उन्होंने दक्षिण भारत में बिहारी प्रवासियों के साथ होने वाले कथित दुर्व्यवहार के बारे में फर्जी वीडियो पोस्ट किए थे। इस मामले में मनीष कश्यप को गिरफ्तार भी किया गया था।
कश्यप का राजनीतिक सफर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू हुआ, जब वे भा.ज.पा में शामिल हुए थे। हालांकि, उन्हें चुनाव में टिकट नहीं मिला, और इसके बाद मनीष कश्यप को महसूस हुआ कि पार्टी ने उनका उपयोग कर लिया है। पिछले महीने, मनीष कश्यप ने एक वीडियो जारी कर भाजपा से अपना इस्तीफा दे दिया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने उनका उपयोग तो किया लेकिन बाद में उन्हें बेसहारा छोड़ दिया।
भा.ज.पा से मनीष कश्यप का इस्तीफा: आरोप और प्रतिक्रिया
मनीष कश्यप ने भा.ज.पा से इस्तीफा देने के बाद यह आरोप लगाया कि पार्टी ने उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया और फिर उन्हें छोड़ दिया। उनका कहना था कि पार्टी ने उन्हें केवल चुनावी लाभ के लिए साथ लिया, लेकिन जब उनका चुनावी महत्व खत्म हो गया, तो उन्होंने कश्यप को छोड़ दिया। मनीष कश्यप के इस आरोप ने पार्टी के भीतर एक नई बहस को जन्म दिया है, क्योंकि इससे भाजपा के अंदर असंतोष को उजागर किया गया है।
कश्यप का यह कदम भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वे भाजपा की युवाओं के बीच लोकप्रियता रखने वाले नेताओं में से एक थे। उनका सोशल मीडिया पर प्रभाव और युवाओं के बीच उनकी पहचान भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन था। अब उनके जन सुराज पार्टी में शामिल होने से पार्टी को यह महसूस होगा कि यह एक बड़ी राजनीतिक हानि है।
जन सुराज पार्टी का बढ़ता प्रभाव
जन सुराज पार्टी, जिसे प्रशांत किशोर ने स्थापित किया, बिहार में एक नई राजनीतिक दिशा की ओर बढ़ रही है। यह पार्टी बिहार में गवर्नेंस और समाज सुधार के मुद्दों पर जोर दे रही है। प्रशांत किशोर, जो पहले एक राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में काम कर चुके हैं, अब बिहार में एक राजनीतिक नेता के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं। उनका लक्ष्य बिहार में समाज के हर वर्ग के लिए समग्र विकास लाना है।
मनीष कश्यप के पार्टी में शामिल होने से जन सुराज पार्टी को नए सिरे से शक्ति मिल सकती है। उनके पास युवाओं और सोशल मीडिया फॉलोअर्स का एक बड़ा नेटवर्क है, जो इस पार्टी के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकता है। मनीष कश्यप की तरह लोकप्रिय चेहरे पार्टी में शामिल होने से जन सुराज पार्टी को और अधिक वोट बैंक मिल सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: राजनीतिक स्थिति पर प्रभाव
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही राज्य में राजनीतिक बवंडर तेज हो गया है। भाजपा, जो पहले बिहार में सत्ता में थी, अब जन सुराज पार्टी और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों से चुनौती महसूस कर रही है। मनीष कश्यप का जन सुराज पार्टी में शामिल होना भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि कश्यप की सोशल मीडिया में अच्छी पकड़ और युवाओं के बीच प्रभाव है। ऐसे में, उनकी पार्टी में शामिल होने से जन सुराज को एक नया राजनीतिक लाभ मिल सकता है।
जन सुराज पार्टी और बिहार का भविष्य
बिहार में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का बढ़ता हुआ प्रभाव बिहार की राजनीति को एक नए मोड़ की ओर ले जा सकता है। कश्यप के साथ आने से पार्टी को वोट बैंक, समर्थन और नेता के रूप में एक नई पहचान मिल सकती है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में यह देखा जाएगा कि जन सुराज पार्टी कितनी सफलता हासिल करती है और भाजपा, आरजेडी, जदयू जैसे पारंपरिक दलों को कितना चुनौती देती है।
मनीष कश्यप का जन सुराज पार्टी में शामिल होना बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ है। यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि कश्यप की लोकप्रियता और सोशल मीडिया प्रभाव ने उन्हें एक शक्तिशाली नेता बना दिया था। प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज पार्टी अब अपने विकास के नए रास्ते पर चलने को तैयार है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में यह देखा जाएगा कि कश्यप का यह राजनीतिक कदम किस तरह बिहार की राजनीति को प्रभावित करता है और राज्य में नया बदलाव लाने की दिशा में कितनी सफलता प्राप्त होती है।
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