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बिहार में पहली बार बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार, अनिरुद्धाचार्य की भी भागवत कथा – जानिए पूरी जानकारी

Aniruddhacharya Maharaj present in the divine court of Baba Bageshwar for the first time in Bihar

गुरुग्राम डेस्क | बिहार की धरती एक बार फिर भक्ति और अध्यात्म की रोशनी से जगमगाने वाली है। इस बार बाबा बागेश्वर धाम सरकार, यानी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहली बार मुजफ्फरपुर में दिव्य दरबार लगाने जा रहे हैं। इसके साथ ही वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य जी महाराज भी मुजफ्फरपुर आ रहे हैं, जो विष्णु महायज्ञ के दौरान भागवत कथा का वाचन करेंगे।

यह आयोजन 20 मई 2025 से शुरू हो रहा है, जिसे लेकर न केवल बिहार बल्कि देशभर के भक्तों में उत्साह का माहौल है।

 कार्यक्रम का स्थान और तिथि

  • स्थान: पताही फोरलेन, स्कूल के बगल में स्थित मैदान, मुजफ्फरपुर, बिहार

  • तिथि: 20 मई 2025 को दिव्य दरबार

  • विशेष उपस्थिति: बाबा बागेश्वर (धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री)

  • भागवत कथा: अनिरुद्धाचार्य जी महाराज द्वारा 23 से 27 मई तक

  • विष्णु महायज्ञ: 19 मई से 28 मई 2025 तक राधानगर चौसिमा, पताही में

 बाबा बागेश्वर का बिहार में पहला दिव्य दरबार

बाबा बागेश्वर, यानी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरुओं में से एक हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम से जुड़ने वाले बाबा बागेश्वर को उनके दिव्य दरबार और चमत्कारी कथाओं के लिए जाना जाता है। बिहार में उनका यह पहला बड़ा कार्यक्रम होगा, जो एक ऐतिहासिक अवसर माना जा रहा है।

बाबा बागेश्वर 20 मई को दिल्ली से चार्टर्ड प्लेन द्वारा दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से सड़क मार्ग द्वारा मुजफ्फरपुर स्थित कार्यक्रम स्थल पर आएंगे। वे 21 मई तक मुजफ्फरपुर में रहेंगे और दिव्य दरबार का संचालन करेंगे।

 क्या होता है दिव्य दरबार?

बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार एक आध्यात्मिक सत्संग एवं जन संवाद का मंच होता है, जहां वे अपने भक्तों की समस्याएं सुनते हैं, आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं और धर्म व संस्कृति पर ित विचार रखते हैं। दरबार में हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं और अपनी श्रद्धा के साथ समाधान प्राप्त करते हैं।

बाबा का यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक धार्मिक जागरूकता अभियान बन चुका है, जो युवाओं को भी धर्म से जोड़ता है।

 अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की कथा: भागवत कथा का अमृत

इस धार्मिक आयोजन में वृंदावन के प्रमुख कथावाचक अनिरुद्धाचार्य जी महाराज भी शामिल हो रहे हैं। वे 23 से 27 मई 2025 तक भागवत कथा का वाचन करेंगे। उनका कथा स्थल होगा – राधानगर चौसिमा, पताही, मुजफ्फरपुर

अनिरुद्धाचार्य जी की कथाएं सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि गूढ़ अध्यात्म, भक्ति और नीति ज्ञान से भरपूर होती हैं। उनकी शैली सरल, प्रभावशाली और युवाओं के बीच भी लोकप्रिय है।

 प्रशासनिक तैयारियां पूरी

इस बड़े आयोजन को लेकर मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। रविवार को एसडीओ पूर्वी अमित कुमार, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने कार्यक्रम स्थल का दौरा किया और सुरक्षा एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। आयोजन स्थल पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल, स्वास्थ्य दल, वॉलंटियर और आपातकालीन सेवाएं तैनात रहेंगी।

 भक्तों के लिए सुविधाएं

  • कार्यक्रम नि:शुल्क और सभी के लिए खुला है

  • आयोजन स्थल पर प्रवेश, पार्किंग, पीने का पानी, प्राथमिक चिकित्सा, टेंट व्यवस्था की पूरी तैयारी

  • विशेष पास धारकों के लिए अलग प्रवेश द्वार

  • बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला और होटलों की अग्रिम बुकिंग की सलाह

 लाइव टेलीकास्ट और सोशल मीडिया कवरेज

बाबा बागेश्वर का यह दिव्य दरबार YouTube, Facebook Live और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइव प्रसारित किया जाएगा। इससे वे लोग भी इस आध्यात्मिक अनुभव से जुड़ पाएंगे जो शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सकते।

 बिहार में बढ़ती आध्यात्मिक चेतना

बिहार अब केवल राजनीतिक या ऐतिहासिक पहचान के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि अब यह राज्य आध्यात्मिक आयोजनों का केंद्र भी बनता जा रहा है। बाबा बागेश्वर और अनिरुद्धाचार्य जैसे महान संतों का यहां आना, इस बात का प्रमाण है कि बिहार अब धार्मिक रूप से भी जागरूक हो रहा है।

पिछले कुछ महीनों में बाबा बागेश्वर ने गोपालगंज में भी दिव्य दरबार लगाया था, जहां हजारों श्रद्धालु पहुंचे थे। अब मुजफ्फरपुर में भी वही भक्ति का सैलाब देखने को मिलेगा।

20 मई से शुरू होने वाला यह दिव्य आयोजन बिहार के लिए एक ऐतिहासिक और अध्यात्मिक पर्व होगा। बाबा बागेश्वर की दिव्य वाणी और अनिरुद्धाचार्य जी की भावमयी कथा, दोनों ही भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देंगे।

यदि आप धर्म, अध्यात्म और सनातन परंपरा में आस्था रखते हैं, तो यह अवसर आपके लिए अमूल्य है। मुजफ्फरपुर में यह कार्यक्रम केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना का महाकुंभ सिद्ध होगा।


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