KKN गुरुग्राम डेस्क | देश की सीमा की सुरक्षा करते हुए एक और वीर सपूत ने सर्वोच्च बलिदान दिया। बिहार के छपरा जिले के नारायणपुर गांव निवासी बीएसएफ सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शनिवार को जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में शहीद हो गए। इस हमले में बीएसएफ के सात अन्य जवान घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज सैन्य अस्पताल में चल रहा है।
इस घटना के बाद शहीद के पैतृक गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। पूरे गांव में मातम का माहौल है, लेकिन साथ ही इस बात का गर्व भी है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है।
बीएसएफ के अनुसार, यह हमला शनिवार शाम को हुआ जब पाकिस्तानी रेंजर्स ने आरएस पुरा सेक्टर में अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज अग्रिम पंक्ति में डटे हुए थे और बहादुरी से मोर्चा संभालते हुए गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:
“सब-इंस्पेक्टर इम्तियाज ने अद्वितीय साहस दिखाते हुए अपनी टीम का नेतृत्व किया। उनका बलिदान राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।”
मोहम्मद इम्तियाज, उम्र 37 वर्ष, बिहार के छपरा जिले के गड़खा थाना क्षेत्र स्थित नारायणपुर गांव के निवासी थे। वे पिछले 15 वर्षों से सीमा सुरक्षा बल (BSF) में सेवा दे रहे थे। ड्यूटी के प्रति समर्पित, अनुशासित और कर्तव्यनिष्ठ इम्तियाज को उनके साथी एक निर्भीक और प्रेरणादायक अधिकारी के रूप में जानते थे।
वह अपने पीछे पत्नी, दो बच्चे, माता-पिता और भाई-बहनों को छोड़ गए हैं। उनके परिवार को अपने बेटे पर गर्व है कि उसने मातृभूमि के लिए जान न्योछावर की।
जैसे ही शहादत की खबर नारायणपुर गांव पहुंची, पूरे गांव में मातम छा गया। लोग शहीद के घर पर एकत्रित होकर परिवार को ढांढस बंधाने लगे। हर आंख नम थी, लेकिन दिल गर्व से भरा हुआ।
गांव के एक बुजुर्ग ने कहा:
“इम्तियाज हमारे गांव का गौरव थे। उन्होंने देश के लिए जान दी है, यह हमारे लिए गर्व की बात है।”
शहीद का पार्थिव शरीर रविवार शाम तक गांव पहुंचने की संभावना है। प्रशासन द्वारा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है।
छपरा जिले के जिला पदाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शहीद के घर पहुंचे और शोक-संतप्त परिवार को सांत्वना दी। प्रशासन ने राजकीय सहायता और सम्मानजनक विदाई का आश्वासन दिया है।
वहीं, स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पाकिस्तान की इस हरकत की कड़ी निंदा की है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम को लेकर समझौता हुआ था। लेकिन इस समझौते के 24 घंटे के भीतर ही पाकिस्तान ने संघर्षविराम का उल्लंघन कर दिया, जिससे एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान शांति के लिए वास्तव में गंभीर है?
बीते वर्षों में पाकिस्तान द्वारा सैकड़ों बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया है। इससे न केवल सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचा है, बल्कि सीमावर्ती गांवों के नागरिक भी प्रभावित हुए हैं।
शहीद इम्तियाज की शहादत पर पूरे देश से श्रद्धांजलि दी जा रही है। सोशल मीडिया पर लोग “#शहीद_इम्तियाज_अमर_रहें” और “#SaluteToMartyrs” जैसे हैशटैग के साथ उन्हें नमन कर रहे हैं। देशभर के नागरिक, सेना के पूर्व अधिकारी और विभिन्न संगठन सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मोहम्मद इम्तियाज सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि देशभक्ति, वीरता और बलिदान का प्रतीक हैं। उनका यह बलिदान एक बार फिर याद दिलाता है कि देश की सीमाएं हमारे सैनिकों के त्याग और साहस के कारण सुरक्षित हैं।
उनकी शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।
शहीद मोहम्मद इम्तियाज की शहादत ने एक बार फिर दिखा दिया कि देश के सैनिक सीमाओं पर तैनात रहकर हमें सुरक्षित रखने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तत्पर रहते हैं। यह हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि उनके बलिदान को व्यर्थ न जाने दें।
टीवी इंडस्ट्री की मशहूर अदाकारा जिया मानेक, जिन्हें साथ निभाना साथिया की पहली गोपी बहू… Read More
इंडियन रेलवे (Indian Railways) ने बिहार समेत पूरे देश के यात्रियों के लिए कई बड़े… Read More
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) बहुत जल्द Bihar DElEd Admit Card 2025 जारी करने जा… Read More
भारत अब केवल दुनिया का बड़ा मोबाइल बाज़ार ही नहीं बल्कि एक बड़ा Smartphone Export… Read More
पश्चिम बंगाल के CEO (Chief Electoral Officer) कार्यालय ने हाल ही में जानकारी दी है… Read More
Shah Rukh Khan के बेटे Aryan Khan ने अपने करियर की शुरुआत एक अलग दिशा… Read More