बिहार के सीतामढ़ी जिले से एक सनसनीखेज़ मामला सामने आया है। यहां एक ससुर ने अपने ही दामाद की हत्या कराने के लिए Contract Killing की सुपारी दी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह हत्या अचानक नहीं बल्कि पूरी तरह योजनाबद्ध थी। हत्या के लिए पैसे की डील हुई, एडवांस दिया गया और फिर दो जानें चली गईं।
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खेत से बरामद हुए दो शव
17 अगस्त की सुबह सीतामढ़ी के बथनाहा थाना क्षेत्र के कोईली गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने खेत में एक युवक का शव देखा और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की पहचान दिलीप कुमार के रूप में की।
थोड़ी दूरी पर ही पुलिस को एक और शव मिला जिसकी पहचान राजेश पासवान के रूप में हुई। दोनों को धारदार हथियार से बेरहमी से मारा गया था। इस Double Murder Case ने इलाके में दहशत फैला दी।
पुलिस ने बनाई Special Investigation Team
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अमित रंजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए Sadar SDPO-II आशीष आनंद की अगुवाई में Special Investigation Team बनाई गई।
इस टीम में बथनाहा थाना पुलिस और District Intelligence Unit को शामिल किया गया। तकनीकी जांच और CCTV फुटेज की मदद से पुलिस ने जल्द ही दो संदिग्धों की पहचान कर ली।
ससुर ने दी थी हत्या की सुपारी
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान हरिकेश गांव निवासी भोला राम और बिकाऊ राम के रूप में हुई। पूछताछ में दोनों ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि दिलीप के ससुर अकलू महतो ने ही Contract Killing की सुपारी दी थी।
पुलिस जांच में सामने आया कि अकलू महतो अपने दामाद की अय्याशी से बेहद परेशान था। उसने भोला और बिकाऊ को दामाद की हरकतें बताकर हत्या करने का प्लान बनाया। शुरू में भोला ने डेढ़ लाख रुपये मांगे, लेकिन सौदा एक लाख रुपये में तय हुआ।
अकलू ने एडवांस में 10 हजार रुपये दिए और बाद में 2 हजार रुपये और दिए। मगर भोला बार-बार और पैसे मांगता रहा और हत्या टालता रहा। जब अकलू ने और पैसे देने से मना कर दिया, तभी भोला ने हत्या को अंजाम देने का फैसला कर लिया।
16 अगस्त की रात कैसे हुआ Murder
पुलिस के अनुसार, 16 अगस्त की रात भोला राम दिलीप के घर पहुंचा। उसने उसे साथ चलने के लिए कहा और बाइक पर बैठा लिया। बाइक पर आगे भोला था, बीच में दिलीप और पीछे बिकाऊ।
CCTV फुटेज में तीनों को बाइक से जाते हुए देखा गया। वे कोईली गांव के खेतों में पहुंचे जहां अक्सर शराब पार्टी होती थी। उस रात भी शराब पीने का सिलसिला शुरू हुआ। इसी दौरान शराब कारोबार से जुड़े राजेश पासवान भी वहां आ गए और पार्टी में शामिल हो गए।
शराब पीते समय भोला ने बहाने से पीछे हटकर अचानक दिलीप के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। दिलीप को मारते देख राजेश भागने लगा, लेकिन बिकाऊ ने उसे दौड़ाकर मार डाला। दोनों शव वहीं खेत में फेंक दिए गए।
सबूतों की बरामदगी और गिरफ्तारी
पुलिस ने दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी, बाइक और खून से सने कपड़े बरामद किए गए। इन सबूतों से Murder Mystery पूरी तरह साफ हो गई।
साथ ही पुलिस ने दामाद की हत्या की सुपारी देने वाले ससुर अकलू महतो को भी गिरफ्तार कर लिया।
क्यों भड़का ससुर
पूछताछ में अकलू महतो ने बताया कि उसका दामाद दिलीप कई सालों से अय्याशी में डूबा था। वह पैतृक जमीन एक-एक करके बेच रहा था और पैसा बर्बाद कर रहा था।
दिसंबर 2024 में भी दिलीप ने कीमती जमीन औने-पौने दाम में बेच दी थी। इसके बाद भी वह न तो परिवार का भरण-पोषण करता था और न ही घर खर्च देता था।
कुछ समय से वह Illegal Liquor Trade में शामिल हो गया था। नेपाल से शराब मंगवाकर तस्करी करता था। जब बेटी की शिकायत पर ससुर ने उसे समझाने की कोशिश की तो दिलीप ने मारपीट और गाली-गलौज की। इसी अपमान से आक्रोशित होकर अकलू ने हत्या की सुपारी दे दी।
शराब की तस्करी और बढ़ता अपराध
यह Double Murder Case बिहार में शराबबंदी के बाद बढ़ती Illegal Liquor Trade की हकीकत भी उजागर करता है। पुलिस जांच में साफ हुआ कि दिलीप शराब तस्करी में गहराई से जुड़ा था। इसी धंधे ने उसे अपराधियों से जोड़ा और अंततः उसकी जान ले ली।
राजेश पासवान भी इसी शराब कारोबार से जुड़ा था और उस रात महज़ शराब लेने आया था। लेकिन वही घटना उसकी मौत का कारण बन गई।
सीतामढ़ी का यह Double Murder Case परिवारिक विवाद और अपराध का खतरनाक संगम है। दामाद की अय्याशी और अवैध धंधों से परेशान होकर ससुर ने Contract Killing का रास्ता चुना।
इस षड्यंत्र में न केवल दामाद दिलीप कुमार की जान गई बल्कि निर्दोष राजेश पासवान भी शिकार हो गया। पुलिस की तेज कार्रवाई से आरोपी जेल के पीछे पहुंच चुके हैं, लेकिन इस वारदात ने समाज को झकझोर दिया है।
यह घटना बताती है कि Illegal Liquor Trade और संपत्ति विवाद किस तरह हिंसा और खून-खराबे में बदल सकते हैं। समाज के लिए यह चेतावनी है कि ऐसे मामलों को हिंसा से नहीं बल्कि कानून और सामाजिक उपायों से सुलझाया जाना चाहिए।
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