बिहार में खूबसूरती के प्रति बदलता नजरिया: शादी से पहले बढ़ रहा है सर्जरी का ट्रेंड

Cosmetic Surgery Trend Grows in Bihar: Changing Perspectives on Beauty Before Weddings

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में खूबसूरती को लेकर लोगों का नजरिया तेजी से बदल रहा है। पहले जहां सुंदरता का मतलब केवल प्राकृतिक आकर्षण से था, अब यह नया ट्रेंड सामने आ रहा है, जहां लोग अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए सर्जरी का सहारा ले रहे हैं। खासकर शादी से पहले लोग अब अपनी त्वचा को निखारने, चेहरे के दाग-धब्बों को हटाने और अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी की मदद ले रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच (Sri Krishna Medical College and Hospital) के सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में इस नई ट्रेंड के तहत दूल्हा-दुल्हन अपने चेहरे को सुंदर बनाने के लिए सर्जरी करा रहे हैं।

कॉस्मेटिक सर्जरी का बढ़ता ट्रेंड

पिछले कुछ महीनों में, एसकेएमसीएच के सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में लगभग 15 से 20 कॉस्मेटिक ऑपरेशन्स किए गए हैं। ये ऑपरेशन्स मुख्य रूप से चेहरे की बनावट को सुधारने, दाग-धब्बों को हटाने, और चेहरे को सुंदर बनाने के लिए किए जा रहे हैं। डॉक्टर राधा रमण, जो कि बर्न प्लास्टिक विभाग के अध्यक्ष हैं, बताते हैं कि मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों से लोग शादी से पहले कॉस्मेटिक सर्जरी कराने के लिए अस्पताल आ रहे हैं। यह ट्रेंड उन लोगों में ज्यादा देखा जा रहा है जिनके चेहरे पर किसी प्रकार के दाग-धब्बे या स्कार्स (scars) हैं।

सर्जरी की प्रक्रिया और समय

कॉस्मेटिक सर्जरी एक जटिल प्रक्रिया होती है, जिसमें लगभग दो से ढाई घंटे का समय लगता है। इस प्रक्रिया में चेहरे के दाग-धब्बों को हटाना, त्वचा की बनावट को सुधारना और समग्र रूप से चेहरे की खूबसूरती को निखारना शामिल होता है। डॉक्टर राधा रमण बताते हैं कि ऑपरेशन के बाद मरीजों को तीन से चार दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। इस समय के बाद, मरीजों को ओपीडी में फॉलोअप के लिए बुलाया जाता है, ताकि सर्जरी के परिणामों की निगरानी की जा सके।

कॉस्मेटिक सर्जरी के बाद मरीजों को ठीक होने में दो से तीन सप्ताह का समय लगता है। सर्जरी के तीन हफ्ते बाद टांके कट जाते हैं और मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं। इस त्वरित सुधार की प्रक्रिया ने इसे और भी लोकप्रिय बना दिया है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका शादी के दिन तक खूबसूरत दिखने का सपना होता है।

कई सफलता की कहानियां

एसकेएमसीएच में हुए कॉस्मेटिक ऑपरेशन्स में कई सफलता की कहानियां सामने आई हैं। एक उदाहरण के तौर पर, सीतामढ़ी के 26 वर्षीय युवक का जिक्र किया जा सकता है, जिनके चेहरे पर जलने के निशान थे। शादी तय होने के बाद उन्होंने यहां सर्जरी कराई, जिससे उनके चेहरे से जलने के निशान पूरी तरह से गायब हो गए। उन्हें केवल दो से तीन दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल गई और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

इसी तरह, मोतिहारी से आई 25 वर्षीय युवती की शादी होने वाली थी। बचपन में उसे चोट लगी थी, जिससे उसके चेहरे पर निशान पड़ गए थे। युवती ने सर्जरी कराई और उसके चेहरे से चोट के निशान पूरी तरह से हट गए। अब उसकी त्वचा एकदम साफ और सुंदर हो गई है।

जन्मजात विसंगतियों का इलाज

सिर्फ दाग-धब्बे हटाने तक ही कॉस्मेटिक सर्जरी सीमित नहीं है। एसकेएमसीएच में जन्मजात विकृतियों जैसे बच्चों की सटी हुई उंगलियों का भी ऑपरेशन किया गया है। डॉ. राधा रमण बताते हैं कि इस प्रकार के ऑपरेशन से बच्चों को बेहतर जीवन मिल रहा है। इन ऑपरेशनों के जरिए बच्चों के हाथों की कार्यक्षमता को बढ़ाया जा रहा है, जिससे वे सामान्य जीवन जी सकते हैं।

एसकेएमसीएच की विशेषज्ञता और संसाधन

एसकेएमसीएच की सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में सभी प्रकार की कॉस्मेटिक सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां न केवल अनुभवी डॉक्टरों की टीम है, बल्कि आधुनिक उपकरण और संसाधन भी हैं, जो किसी भी प्रकार की सर्जरी को सफल बनाने में मदद करते हैं। यह अस्पताल न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि दूर-दराज से आने वाले मरीजों के लिए भी एक भरोसेमंद विकल्प बन चुका है।

डॉ. राधा रमण ने बताया कि इस अस्पताल में बर्न प्लास्टिक से लेकर कॉस्मेटिक सर्जरी तक, सभी प्रकार की सर्जरी की जाती है। इसलिए लोग यहां आकर न केवल अपनी सुंदरता में इजाफा करते हैं, बल्कि अपनी समस्याओं का भी समाधान प्राप्त करते हैं। एसकेएमसीएच में इलाज कराने के बाद, मरीजों की स्थिति की लगातार निगरानी की जाती है, ताकि सर्जरी के बाद किसी भी प्रकार की जटिलता से बचा जा सके।

बिहार में खूबसूरती के प्रति बदलता नजरिया

पहले बिहार में लोग प्राकृतिक सुंदरता को ही सर्वोत्तम मानते थे, लेकिन अब बदलते समय के साथ लोग अपनी खूबसूरती को और बढ़ाने के लिए सर्जरी का सहारा ले रहे हैं। सोशल मीडिया और बॉलीवुड के प्रभाव ने लोगों को अपनी उपस्थिति को लेकर अधिक जागरूक किया है। इससे पहले जहां सिर्फ बड़े शहरों में ही लोग कॉस्मेटिक सर्जरी के बारे में सोचते थे, अब छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी यह ट्रेंड बढ़ रहा है।

शादी एक ऐसा मौका होता है जब लोग अपनी पूरी तरह से सज-धज कर दिखना चाहते हैं। इसलिए अब अधिक से अधिक लोग इस दिन को खास बनाने के लिए सर्जरी करा रहे हैं। बिहार में बढ़ता यह ट्रेंड इस बात का संकेत है कि लोग अब अपनी खूबसूरती के लिए केवल प्राकृतिक उपायों पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि तकनीकी मदद भी लेते हैं।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

कॉस्मेटिक सर्जरी की बढ़ती लोकप्रियता से यह भी साफ है कि समाज में सुंदरता को लेकर बदलते हुए मानदंडों का प्रभाव है। अब लोगों का मानना है कि सुंदरता सिर्फ बाहरी रूप से नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और सामाजिक स्वीकृति से भी जुड़ी है। यह सर्जरी उन लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है जो प्राकृतिक रूप से सुंदर नहीं महसूस करते और चाहते हैं कि वे भी अपने सामाजिक जीवन में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें।

हालांकि, कुछ सामाजिक और मानसिक दबाव भी होते हैं, क्योंकि लोग अब एक विशिष्ट रूप में सुंदर दिखने की कोशिश कर रहे हैं। यह सोशल मीडिया और फिल्मों से प्रभावित होकर हो रहा है। ऐसी स्थिति में यह भी जरूरी है कि हम मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के महत्व को न भूलें और आत्म-संस्कार को बढ़ावा दें।

बिहार में कॉस्मेटिक सर्जरी का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, और यह केवल सुंदरता से जुड़ी एक व्यक्तिगत पसंद नहीं है, बल्कि यह समाज के बदलते दृष्टिकोण और आत्म-देखभाल की बढ़ती जागरूकता का संकेत है। शादी के अवसर पर अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए लोग अब सर्जरी का सहारा ले रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बिहार में सर्जरी के प्रति एक नई सोच और स्वीकार्यता उभर रही है। एसकेएमसीएच जैसे अस्पताल इस बदलाव का हिस्सा बनकर लोगों को बेहतर उपचार और सुंदरता के नये विकल्प उपलब्ध करवा रहे हैं।

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