KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार की राजधानी पटना के बख्तियारपुर इलाके में सोमवार रात एक भीषण हादसा हुआ जिसमें आकाशीय बिजली (ठनका) गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना अचानक आए तूफान और बारिश के दौरान हुई, जब सभी लोग खेत में गेहूं की दौनी (थ्रेशिंग) कर रहे थे।
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तेज़ आंधी और बारिश से बचने के लिए सभी ने ट्रैक्टर के डाला (ट्रॉली) के नीचे शरण ली, लेकिन दुर्भाग्यवश उसी समय ठनका गिरा और तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मरने वालों में एक किशोर भी शामिल है।
घटना का विवरण: सुरक्षा की तलाश में मौत की चपेट में
हादसा सोमवार रात लगभग 10 बजे हुआ, जब मौसम अचानक बिगड़ गया। आसमान में बिजली चमक रही थी और तेज़ आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। खेत में काम कर रहे सात लोगों ने बचने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली के नीचे शरण ली, लेकिन कुछ ही मिनटों में वहाँ आकाशीय बिजली गिर गई।
इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि चार घायल हुए हैं। घायलों को तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। सभी लोग पटना के राघोपुर थाना क्षेत्र के नया बायपास इलाके के निवासी थे।
मृतकों की पहचान और स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने मृतकों की पहचान की पुष्टि कर दी है, लेकिन परिजनों को सूचित करने के बाद ही नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। गांव में गहरा शोक व्याप्त है और मृतकों के घरों में कोहराम मचा हुआ है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के वक्त कोई भी मौसम की चेतावनी नहीं मिली थी। वे लोग सिर्फ बारिश से बचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कुदरत का कहर अचानक उनके ऊपर टूट पड़ा।
ठनका गिरने से बिहार में हर साल दर्जनों मौतें
बिहार में ठनका गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं। प्राकृतिक आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, हर साल 60 से 100 लोग बिजली गिरने की वजह से जान गंवाते हैं, जिनमें ज़्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के लोग होते हैं जो खेतों में काम कर रहे होते हैं।
2023 में बिहार में 101 लोगों की मौत ठनका गिरने से हुई थी। यह राज्य में मौसम से जुड़ी दूसरी सबसे बड़ी जानलेवा आपदा बन चुकी है।
सरकार की ओर से राहत और मुआवज़ा
पटना जिला प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों के परिवारों को ₹4 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, जो कि राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के अंतर्गत आती है।
जिला अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, घायलों को भी नि:शुल्क इलाज और हर संभव मदद दी जा रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी, लेकिन जागरूकता की कमी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को बिहार में मौसम में बदलाव की चेतावनी दी थी। IMD के अनुसार, गर्मी के मौसम में जब नमी और तापमान दोनों अधिक होते हैं, तब ठनका गिरने की संभावना बढ़ जाती है।
हालांकि, ग्रामीण इलाकों में मौसम संबंधी चेतावनियां समय पर नहीं पहुंचती, या फिर लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेते। यही कारण है कि कई बार हादसे रोके नहीं जा सकते।
बिजली गिरने से कैसे बचें: जरूरी सावधानियाँ
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि मौसम में अचानक बदलाव हो और बिजली चमकने लगे, तो इन बातों का पालन ज़रूरी है:
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पेड़ या ट्रैक्टर के नीचे छिपना खतरनाक हो सकता है।
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खुले खेत या ऊंचे स्थानों से दूर रहें।
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मेटल की वस्तुओं या बिजली के खंभों से दूरी बनाए रखें।
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मोबाइल में ‘Damini’ एप्लिकेशन डाउनलोड करें, जो बिजली गिरने से पहले अलर्ट देती है।
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अगर आप खुले में हैं, तो दोनों पैर मिलाकर बैठ जाएं और ज़मीन से कम से कम संपर्क रखें।
जागरूकता ही बचाव है
ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर देखा गया है कि बिजली गिरने को अंधविश्वास या भाग्य से जोड़ दिया जाता है। जबकि सच्चाई यह है कि थोड़ी सी सावधानी और तकनीक के सहारे इन हादसों को टाला जा सकता है।
राज्य सरकार को चाहिए कि पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं और स्कूलों में भी बच्चों को ठनका से बचने के उपाय सिखाए जाएं।
बख्तियारपुर में हुआ यह हादसा एक बार फिर बताता है कि प्राकृतिक आपदाएं कब किस रूप में आ जाएं, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। लेकिन आधुनिक तकनीक, समय पर जानकारी और थोड़ी सी सतर्कता से हम कई ज़िंदगियाँ बचा सकते हैं।
जैसे-जैसे मॉनसून नजदीक आ रहा है, बिहार सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह गांव-गांव में मौसम चेतावनी सिस्टम को मजबूत करे, ताकि आने वाले समय में ऐसे हादसों से लोगों को बचाया जा सके।
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