बिहार के गोपालगंज जिले में Liquor Mafia का कहर एक बार फिर सामने आया है। दो दिनों के भीतर माफियाओं ने दो लोगों की हत्या कर दी, जिससे पूरे इलाके में खौफ का माहौल है। लगातार पुलिस और Excise Department की कार्रवाई के बावजूद शराब तस्करों का बढ़ता दबदबा अब कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन गया है।
Article Contents
Dial 112 ड्राइवर की हत्या
शुक्रवार को शराब तस्करों ने डायल 112 के ड्राइवर को गोली मार दी। इस वारदात ने पूरे पुलिस प्रशासन को हिला दिया। अधिकारी जांच में जुटे ही थे कि अगले ही दिन तस्करों ने एक और खतरनाक हमला कर दिया।
ड्यूटी के दौरान होमगार्ड की मौत
शनिवार सुबह विशंभरपुर के सिपाया इंजीनियरिंग कॉलेज के पास Excise Department की टीम पर हमला हुआ। इसमें होमगार्ड जवान अभिषेक कुमार शर्मा की मौत हो गई।
अभिषेक कुमार शर्मा कुचायकोट के बंगाल खाड़ गांव के निवासी थे। वह बादशाह शर्मा के पुत्र थे और शराब विरोधी अभियान में सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे।
छापेमारी के दौरान हमला
जानकारी के अनुसार सुबह करीब 4:30 बजे बल्थरी टीम को बड़ी शराब खेप की सूचना मिली थी। टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सिपाया ढाला के पास तस्करों का पीछा किया। लेकिन तस्करों ने आक्रामक होकर टीम पर हमला बोल दिया।
धक्का-मुक्की के दौरान अभिषेक शर्मा ज़मीन पर गिर पड़े। उनके सिर पर गंभीर चोट आई और अधिक रक्तस्राव के कारण उन्होंने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। इस हमले में एक और जवान घायल हुआ, हालांकि उसकी चोटें मामूली बताई गईं।
परिजनों का आरोप: सुनियोजित हमला
मृतक के परिजनों का आरोप है कि यह हमला अचानक नहीं था। उनका मानना है कि Liquor Mafia ने साजिश के तहत अभिषेक शर्मा को निशाना बनाया।
परिवार का कहना है कि अभिषेक लगातार अवैध शराब कारोबार पर रोक लगाने में जुटे थे, इसलिए उन्हें रास्ते से हटाने की कोशिश की गई।
बिहार में Liquor Mafia का बढ़ता प्रभाव
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि बिहार में Liquor Mafia किस हद तक मजबूत हो चुके हैं। राज्य में Prohibition Law लागू होने के बावजूद शराब तस्करी खुलेआम जारी है।
कई जिलों में अवैध नेटवर्क बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं। ये न सिर्फ़ अवैध कारोबार चला रहे हैं बल्कि सुरक्षा बलों पर हमले करने से भी पीछे नहीं हटते। दो दिनों में दो हत्याएं इस खतरे की गहराई को दिखाती हैं।
आम लोगों में डर और आक्रोश
लगातार होती वारदातों से आम लोगों में डर फैल गया है। ग्रामीणों का कहना है कि Liquor Mafia के बढ़ते हौसले प्रशासन की लापरवाही का नतीजा हैं। लोगों का गुस्सा इस बात पर है कि अपराधियों पर कार्रवाई अक्सर घटना के बाद ही होती है।
स्थानीय लोग अब कठोर कदम उठाने और तस्करों को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं।
Excise Department की चुनौतियां
Excise Department पर Prohibition Law लागू करने की बड़ी जिम्मेदारी है। लेकिन संसाधनों की कमी और तस्करों के मजबूत नेटवर्क के कारण उन्हें लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
टीमें कई बार बड़ी खेप की सूचना पाकर मौके पर पहुंचती हैं, लेकिन तस्कर हथियार और तेज गाड़ियों के सहारे बच निकलते हैं। लगातार हो रहे हमलों ने जवानों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस की कार्रवाई
गोपालगंज पुलिस ने अज्ञात तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कई जगह छापेमारी भी की गई है। वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
हालांकि, आलोचकों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई अक्सर देर से होती है। ज़रूरत proactive कदम उठाने की है ताकि Liquor Mafia के नेटवर्क को तोड़ा जा सके।
अभिषेक कुमार शर्मा: अधूरा सफर
अभिषेक कुमार शर्मा की मौत ने उनके परिवार और गांव को गहरे दुख में डाल दिया है। वह ईमानदार और साहसी जवान माने जाते थे। उनकी कुर्बानी इस बात की गवाही देती है कि शराब माफिया से लड़ना कितना खतरनाक है।
समाज उन्हें एक ऐसे जांबाज़ के रूप में याद करेगा जिसने संगठित अपराध के खिलाफ डटकर खड़े रहते हुए अपनी जान गंवा दी।
Prohibition Law पर उठ रहे सवाल
इस घटना के बाद एक बार फिर बिहार की शराबबंदी नीति पर सवाल उठने लगे हैं। आलोचक कहते हैं कि इस कानून ने अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया है।
वहीं, कानून के समर्थकों का मानना है कि Prohibition Law जारी रहना चाहिए लेकिन इसे लागू करने के लिए सख्त निगरानी और ज्यादा संसाधन देने होंगे।
सख्त कार्रवाई की मांग
दो दिनों में हुई हत्याओं के बाद लोगों की मांग है कि सरकार अब और सख्त कदम उठाए। स्थानीय नेताओं और ग्रामीणों का कहना है कि Excise Department को बेहतर संसाधन, गाड़ियां और सुरक्षा उपकरण दिए जाने चाहिए।
इसके साथ ही तस्करों के खिलाफ तेज़ ट्रायल और कठोर सजा की भी मांग हो रही है। मृतकों के परिवार न्याय और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
डायल 112 के ड्राइवर और होमगार्ड अभिषेक कुमार शर्मा की हत्या ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि गोपालगंज में Liquor Mafia किस तरह कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।
यह अब केवल शराबबंदी लागू करने की लड़ाई नहीं रही, बल्कि सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की सुरक्षा का सवाल बन गई है। अगर प्रशासन ने तुरंत और कड़े कदम नहीं उठाए तो यह माफिया और भी मजबूत हो जाएंगे और आम जनता का भरोसा कानून-व्यवस्था से उठ जाएगा।
Discover more from KKN Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.