पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्धमान जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 पर एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। यात्रियों से भरी बस और ट्रैक्टर-ट्रॉली के बीच हुई टक्कर में बिहार के 11 लोगों की मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे ने बिहार के कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
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कैसे हुआ NH-19 Accident
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को यह घटना तब हुई जब यात्रियों से भरी एक बस राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई। हादसा इतना जोरदार था कि कई यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि टक्कर के बाद हाईवे पर अफरा-तफरी मच गई। तुरंत ही एंबुलेंस और पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। राहत और बचाव कार्य घंटों तक चलता रहा।
बिहार के CM ने जताया शोक
इस दर्दनाक हादसे की खबर मिलते ही बिहार के मुख्यमंत्री ने गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इसे बेहद दुखद बताया और मृतकों के परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना अपूरणीय क्षति है और राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की और अधिकारियों को सभी जरूरी मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए।
Victims Compensation की घोषणा
मुख्यमंत्री ने राहत के तौर पर मुआवजे की घोषणा की।
मृतकों के परिजनों को CM Relief Fund से ₹2-2 लाख की सहायता दी जाएगी।
गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ₹50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
सरकार ने कहा कि यह राशि परिवारों के तत्काल आर्थिक बोझ को कम करने के लिए दी जा रही है।
घायलों के इलाज पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए पश्चिम बंगाल सरकार के साथ समन्वय स्थापित करने को कहा गया है ताकि किसी भी घायल को समय पर चिकित्सा सुविधाओं की कमी न झेलनी पड़े।
उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे लगातार अस्पतालों और पीड़ित परिवारों से संपर्क में रहें।
पार्थिव शरीर घर तक पहुंचाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने मृतकों के पार्थिव शरीर उनके गांव और घरों तक पहुंचाने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके लिए पश्चिम बंगाल सरकार से सहयोग लेकर जरूरी इंतज़ाम किए जा रहे हैं।
सरकार चाहती है कि परिवारों को अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार में कोई परेशानी न हो।
बिहार के गांवों में मातम
बिहार के जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, वहां का माहौल बेहद गमगीन है। कई घरों में रो-रोकर परिजनों का बुरा हाल है। पड़ोसी और स्थानीय लोग ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं, लेकिन घरों में पसरे सन्नाटे से पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
कई परिवारों के लिए यह और भी बड़ा झटका है क्योंकि मृतक घर के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे।
NH-19 पर हादसों की लंबी सूची
राष्ट्रीय राजमार्ग 19 (NH-19) को देश के सबसे व्यस्त मार्गों में गिना जाता है। इस हाईवे पर भारी वाहनों और यात्रियों की आवाजाही लगातार बनी रहती है। यही कारण है कि इस पर अक्सर गंभीर हादसे होते रहते हैं।
स्थानीय लोग कहते हैं कि प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे। स्पीड कंट्रोल, ट्रैफिक मॉनिटरिंग और सड़क सुरक्षा पर काम किए बिना ऐसे हादसों को रोक पाना मुश्किल है।
सरकार की जिम्मेदारी और अगला कदम
बिहार सरकार की तरफ से तुरंत मुआवजे की घोषणा और राहत कार्यों की सराहना की जा रही है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए लंबे समय तक ठोस उपाय करने होंगे।
बिहार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच बेहतर समन्वय से सड़क सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन को मज़बूत किया जा सकता है।
Burdwan Bus-Tractor Collision ने 11 बिहारियों की जिंदगी छीन ली। इस घटना ने दोनों राज्यों को झकझोर दिया है। मुख्यमंत्री ने मुआवजा घोषित किया, घायलों के इलाज के निर्देश दिए और मृतकों के शवों को घर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
यह हादसा फिर से याद दिलाता है कि भारत में सड़क सुरक्षा अब भी बड़ी चुनौती है। NH-19 जैसे व्यस्त हाईवे पर सख्त निगरानी और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोहराई न जाए।
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