भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव ने पटना में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात ने राजनीतिक हलकों के साथ-साथ एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में भी चर्चा पैदा कर दी। मुलाकात के बाद खेसारी लाल यादव ने स्पष्ट किया कि उनका यह दौरा राजनीतिक नहीं था, बल्कि पूरी तरह निजी था। उन्होंने कहा कि वे बड़े भाई का आशीर्वाद लेने और अपना प्यार जताने आए थे।
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मीडिया से बातचीत में खेसारी लाल ने कहा कि वह किसी चुनाव या राजनीतिक कारण से नहीं आए हैं। उनका मकसद केवल तेजस्वी यादव से मिलने और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का हालचाल लेने का था, जिन्हें वह स्नेहपूर्वक ‘चाचा’ कहकर संबोधित करते हैं।
राजनीति में उतरने की कोई योजना नहीं
चुनाव में उतरने की संभावना पर सवाल पूछे जाने पर खेसारी लाल ने साफ कहा कि उनका पूरा ध्यान फ़िल्म और म्यूजिक करियर पर है। उन्होंने कहा, “हम हीरो के रोल में सही हैं और दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं।” उनका कहना था कि राजनीति में जनता तय करती है कि कौन बेहतर है और राज्य के विकास के लिए किसे समर्थन मिलना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि वह चाहते हैं कि बिहार के लिए जो भी बेहतर कर सके, जनता उसका साथ दे। “जनता बताएगी कि कौन बेहतर कर सकता है। मैं अपने क्षेत्र में अच्छी फ़िल्में और गाने दे रहा हूँ, वहीं बेहतर कर रहा हूँ,” उन्होंने कहा।
तेजस्वी यादव पर राय
जब मीडिया ने पूछा कि क्या तेजस्वी यादव को वह एक अच्छे युवा नेता मानते हैं, तो खेसारी लाल ने हामी भरी। उन्होंने कहा कि इस बारे में बिहार में रहने वाले लोग ज़्यादा बेहतर जानते होंगे, क्योंकि वह ज़्यादातर मुंबई में रहते हैं। “बिलकुल हैं, लोग यहां इसे ज़्यादा समझते हैं,” उन्होंने कहा।
खेसारी लाल ने बताया कि भले ही वह मुंबई में रहते हैं, लेकिन उनका दिल बिहार से जुड़ा है और वह निजी रिश्तों के लिए हमेशा समय निकालते हैं।
राजनीतिक जुड़ाव पर जवाब
मीडिया ने उनसे यह भी पूछा कि जब उनके सीनियर कलाकार बीजेपी में हैं तो क्या वह आरजेडी में शामिल होंगे। इस पर खेसारी लाल ने कहा, “कौन कहां है, इससे फर्क नहीं पड़ता। मैं हर जगह हूं और हर व्यक्ति का सम्मान करता हूं।” उन्होंने कहा कि उनके लिए निजी रिश्ते राजनीति से कहीं ज़्यादा अहम हैं और जिनसे व्यक्तिगत संबंध हैं, उनके लिए वह 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं।
तेजस्वी से सौहार्दपूर्ण बातचीत
मुलाकात के दौरान खेसारी लाल यादव और तेजस्वी यादव के बीच गर्मजोशी भरी बातचीत हुई। दोनों ने निजी विषयों पर चर्चा की और माहौल बेहद अनौपचारिक रहा। सूत्रों के मुताबिक, खेसारी लाल ने लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि मुलाकात में किसी भी तरह की राजनीतिक रणनीति पर चर्चा नहीं हुई। यह सिर्फ़ एक व्यक्तिगत भेंट थी जो दोस्ती और सम्मान का प्रतीक थी।
सोशल मीडिया पर चर्चा
जैसे ही मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं, लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कई प्रशंसकों ने खेसारी लाल के विनम्र स्वभाव और वरिष्ठ नेताओं के प्रति सम्मान की सराहना की। कुछ लोगों ने उनके राजनीतिक भविष्य पर अटकलें लगाईं, जबकि कई ने कहा कि वह अपने एंटरटेनमेंट करियर में ही व्यस्त रहेंगे।
फैंस का मानना है कि खेसारी लाल ने हमेशा सामाजिक मुद्दों पर आवाज़ उठाई है, लेकिन कभी राजनीति में औपचारिक रूप से कदम नहीं रखा। उन्होंने इस बात की तारीफ की कि वह सिनेमा से लेकर पॉलिटिक्स तक सभी क्षेत्रों में रिश्ते निभाते हैं।
बिहार की सियासी पृष्ठभूमि
यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म हो रहा है। अतीत में कई फिल्म स्टार्स ने राजनीति में कदम रखा है, लेकिन खेसारी लाल बार-बार कह चुके हैं कि उनका फोकस फ़िलहाल सिनेमा और म्यूजिक पर ही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी मौसम में ऐसे मुलाकातें चाहे निजी हों, फिर भी उन्हें सियासी चश्मे से देखा जाता है। इसके बावजूद खेसारी लाल के बार-बार दिए गए बयान यह स्पष्ट करते हैं कि उनकी फिलहाल राजनीति में कोई योजना नहीं है।
करियर और प्रभाव
खेसारी लाल यादव ने भोजपुरी फिल्मों और संगीत में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं और उनके गाने देश-विदेश में भोजपुरी समुदाय में लोकप्रिय हैं। एनर्जेटिक परफॉर्मेंस और साधारण व्यक्तित्व ने उन्हें लाखों लोगों का पसंदीदा बना दिया है।
उनकी पब्लिक अपीयरेंस, खासकर राजनीतिक हस्तियों के साथ, हमेशा सुर्खियां बटोरती हैं। जानकारों का कहना है कि इस लोकप्रियता की वजह से उनकी किसी भी राजनीतिक नेता से मुलाकात चर्चा का विषय बन जाती है।
सामाजिक योगदान
फ़िल्म करियर के अलावा, खेसारी लाल सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर काम किया है। फैंस का कहना है कि शोहरत पाने के बाद भी उन्होंने अपनी जड़ों से दूरी नहीं बनाई।
कई मौकों पर उन्होंने कहा है कि वह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कला और सेवा दोनों का सहारा लेते रहेंगे। उनके अनुसार, कलाकार राजनीति में जाए बिना भी लोगों को प्रेरित कर सकते हैं।
पटना में तेजस्वी यादव से खेसारी लाल यादव की मुलाकात एक व्यक्तिगत और स्नेहपूर्ण भेंट थी। उन्होंने साफ किया कि यह किसी राजनीतिक मकसद से नहीं थी, बल्कि बड़े भाई का आशीर्वाद लेने और चाचा लालू प्रसाद यादव का हालचाल जानने के लिए थी।
हालांकि चुनावी साल में इस तरह की मुलाकातें राजनीतिक चर्चा को जन्म देती हैं, लेकिन खेसारी लाल ने दोहराया कि उनका ध्यान पूरी तरह भोजपुरी सिनेमा और संगीत पर है। भविष्य में वह राजनीति में आएंगे या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन फिलहाल वह एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपनी पहचान को और मजबूत करने में जुटे हैं।
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