बिहार का लोकजीवन हमेशा से मानसून के साथ गहराई से जुड़ा रहा है। लोकगीतों में सावन की घटाएं और ठंडी फुहारों का जिक्र आम है। एक प्रसिद्ध गीत है — “कजरारी कजरारी सावन की घटा”, लेकिन इस बार सावन के महीने में न तो घटाएं आईं, न ही वो मूसलाधार बारिश जिसके लिए ये मौसम जाना जाता है।
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इस बार सावन में नीला आसमान और सफेद बादल नजर आ रहे हैं। गुरुवार को कुछ इलाकों में बादल जरूर छाए, जिससे उम्मीद जगी कि अब झमाझम बारिश होगी, लेकिन शुक्रवार को फिर से तेज धूप निकल आई और ये उम्मीद भी धूमिल हो गई। राज्य के अधिकांश हिस्सों में शुक्रवार को बारिश नहीं हुई, केवल भागलपुर में थोड़ी बहुत वर्षा दर्ज की गई।
बिहार में मॉनसून की कमजोर शुरुआत, बारिश में 53% की कमी
हालांकि इस साल मॉनसून ने बिहार में पिछले साल की तुलना में जल्दी दस्तक दी, लेकिन अब तक की स्थिति बेहद चिंताजनक है। बिहार में अब तक औसतन 53 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। केवल गया जिला ऐसा है जहाँ सामान्य बारिश दर्ज की गई है।
राज्य के 20 जिलों में बारिश की भारी कमी (50% से 90%) दर्ज की गई है। इनमें मुख्य रूप से उत्तर बिहार के जिले शामिल हैं, जैसे:
पटना
अरवल
भोजपुर
बेगूसराय
खगड़िया
सहरसा (जहाँ सबसे अधिक बारिश की कमी देखी गई)
इस कमी ने किसानों और ग्रामीणों की चिंता को बढ़ा दिया है। धान की बुआई, जो इस समय जोरों पर होनी चाहिए थी, वो प्रभावित हो रही है।
बिहार में 20 जिले सूखे की चपेट में
बिहार के 20 जिले अब सूखे की चपेट में आते नजर आ रहे हैं। यहां वर्षा की मात्रा सामान्य से बेहद कम है, जिससे:
खेतों में पानी की कमी
सिंचाई पर निर्भरता बढ़ना
फसलें सूखने का खतरा
ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की समस्या
जैसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। अगर आने वाले हफ्तों में भी बारिश की मात्रा नहीं बढ़ी, तो राज्य सरकार को सूखा राहत कार्य शुरू करने पड़ सकते हैं।
आज का मौसम (शनिवार, 12 जुलाई 2025)
शनिवार को भी राज्य में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। दोपहर में हल्की-फुल्की बादलों की आवाजाही देखी जा सकती है, लेकिन कोई ठोस बारिश नहीं होगी।
कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है, पर उससे तापमान या उमस में कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। राज्य में कहीं भी मौसम विभाग ने कोई चेतावनी जारी नहीं की है, लेकिन उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान करती रहेगी।
12 से 16 जुलाई तक बिहार में मौसम का हाल
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 12 से 16 जुलाई के बीच कुछ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हालांकि, व्यापक और जोरदार बारिश की संभावना अभी भी नहीं है।
15 और 16 जुलाई को कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा हो सकती है।
उसके बाद फिर बारिश की संभावना कम हो जाएगी।
अधिकतम तापमान रहेगा: 34°C से 35°C
न्यूनतम तापमान रहेगा: 26°C से 28°C
सुबह की नमी (ह्यूमिडिटी): 80% से 90%
दोपहर की नमी: 45% से 55%
हवा की दिशा: पूर्वा हवा, रफ्तार: 12-20 किमी प्रति घंटा
इससे स्पष्ट है कि मानसून पूरी ताकत से अब तक बिहार में सक्रिय नहीं हुआ है।
कैमूर और रोहतास में भारी बारिश का अलर्ट
हालांकि राज्य के ज्यादातर जिलों में बारिश नहीं हो रही, कैमूर और रोहतास जिलों के लिए मौसम विभाग ने भारी वर्षा और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बिजली चमकने के समय खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे और नदियों के किनारे न जाएं।
भीषण गर्मी ने बढ़ाई मुश्किलें
बारिश की कमी ने जुलाई के महीने को मई जैसा गर्म बना दिया है। लगातार तीखी धूप और उमस लोगों को बेहाल कर रही है। शहरी क्षेत्रों में पंखे और कूलर भी बेअसर होते दिख रहे हैं।
यहाँ कुछ प्रमुख शहरों का तापमान और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI):
शहर | तापमान (अधिकतम/न्यूनतम) | AQI |
---|---|---|
पटना | 34.5 / 27.2 | 58 |
मुजफ्फरपुर | 33.8 / 27.2 | 68 |
गया | 32.5 / 25.5 | 51 |
पूर्णिया | 35.0 / 26.7 | 39 |
भागलपुर | 31.2 / 26.3 | 48 |
गर्मी और उमस के चलते स्कूलों में उपस्थिति कम हो रही है, और बिजली की मांग में तेजी से इजाफा हो रहा है।
क्या कहता है मौसम वैज्ञानिकों का विश्लेषण?
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल एल-नीनो प्रभाव और ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते मानसून के पैटर्न में भारी बदलाव आया है।
बिहार जैसे कृषि-प्रधान राज्य में जलवायु परिवर्तन के असर अब साफ दिखने लगे हैं। फसलों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है।
सावन का महीना, जो आमतौर पर बिहार में खुशहाली और हरियाली का प्रतीक होता है, इस बार परेशानी और चिंता का कारण बना हुआ है।
53% तक कम बारिश
20 जिले सूखे की चपेट में
अभी तक कोई जोरदार मानसून सक्रिय नहीं
कृषि पर गंभीर असर
इन हालातों में सरकार को चाहिए कि वो सूखा राहत योजनाएं, वाटर मैनेजमेंट, और कृषि बीमा जैसे कदमों पर ध्यान दे।
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