ओडिशा में नेपाली छात्र की आत्महत्या: ABVP का त्वरित कदम और छात्र सुरक्षा

The ABVP Response to the Tragic Death of Nepali Student in Odisha: A Coordinated Effort for Student Protection and Support

KKN गुरुग्राम डेस्क |  ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) विश्वविद्यालय में 20 वर्षीय नेपाली छात्रा प्रकृति  लाम्साल की आत्महत्या ने न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी। यह घटना उस वक्त और गंभीर हो गई जब इस मुद्दे से जुड़े कई पहलुओं पर ध्यान आकर्षित हुआ और यह मामला एक बड़ी राजनीतिक और सामाजिक बहस का कारण बन गया। इस संकट के बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने सक्रिय रूप से मामले में दखल दिया और नेपाली छात्रों के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए कदम उठाए।

ABVP का त्वरित और सुस्पष्ट कदम

जैसे ही इस घटना ने तूल पकड़ा, ABVP ने अपनी कार्य योजना को तुरंत अमल में लाया। संगठन के भीतर से आई जानकारी के अनुसार, ABVP का उद्देश्य स्पष्ट था – नेपाली छात्रों को सुरक्षा प्रदान करना, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करना और साथ ही एक बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू करना। इस दौरान ABVP ने तीन मुख्य कदम उठाए:

  1. नेपाली छात्रों को तत्काल सहायता: ABVP ने सबसे पहले नेपाली छात्रों को जरूरी सहायता देने के लिए कदम उठाए। छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया और उन तक संपर्क साधा गया। कई छात्र इस घटना से आहत थे और उन्हें मानसिक सहारा की आवश्यकता थी।

  2. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग: ABVP ने इस मामले में कोई चुप्पी साधने की बजाय, तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने KIIT विश्वविद्यालय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से सख्त कदम उठाने का अनुरोध किया।

  3. राज्यभर में विरोध प्रदर्शन: ABVP ने ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू किए। इन प्रदर्शनों का मुख्य उद्देश्य न्याय की मांग करना और यह संदेश देना था कि किसी भी छात्र के साथ भेदभाव या अत्याचार सहन नहीं किया जाएगा।

नेपाल दूतावास की भूमिका और ABVP की समन्वय व्यवस्था

घटना के बाद, नेपाल दूतावास ने भी त्वरित कदम उठाए और दो अधिकारियों को ओडिशा भेजा ताकि वे प्रभावित नेपाली छात्रों को काउंसलिंग दे सकें। हालांकि, नेपाल दूतावास के हस्तक्षेप से पहले, ABVP ने पहले ही छात्रों की मदद के लिए कार्य शुरू कर दिया था। ओडिशा यूनिट ने छात्रों से संपर्क किया और उन्हें सहायता देने के लिए हर संभव प्रयास किए। ABVP ने छात्रों के लिए संपर्क करने के लिए विशेष मोबाइल नंबर भी जारी किए, जिससे वे बिना किसी झिझक के अपनी समस्याओं को साझा कर सकें।

नेपाली छात्रों की सुरक्षा को लेकर ABVP का फोकस

ABVP का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि नेपाली छात्र ओडिशा में सुरक्षित रहें। घटना के बाद कई नेपाली छात्रों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी। कुछ छात्रों को अपने छात्रावास छोड़ने के लिए कहा गया था, जिससे तनाव और भय का माहौल बना था। लेकिन ABVP ने त्वरित रूप से इस समस्या को सुलझाया और छात्रों को उनकी होस्टल में वापस भेजने में मदद की।

ABVP के राज्य संगठन सचिव बुढादेव बाग ने उन छात्रों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया जो KIIT द्वारा दी गई निकासी आदेश के बाद होस्टल छोड़ रहे थे। बाद में यह आदेश उलट दिया गया, लेकिन इस समय ABVP की हस्तक्षेप ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ABVP का बड़ा राजनीतिक उद्देश्य

इस घटना पर ABVP की प्रतिक्रिया केवल नेपाली छात्रों की सुरक्षा तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका उद्देश्य एक बड़े राजनीतिक संदर्भ में भी अपने अस्तित्व को पुनः स्थापित करना था। ABVP के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, संगठन को एक स्पष्ट निर्देश दिया गया था: “नेपाली छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें और एक सकारात्मक पक्ष पर खड़े रहें।” यह कदम संगठन के व्यापक राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा था, जिसमें छात्र कल्याण और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी जाती है।

ABVP का यह कदम दिखाता है कि संगठन न केवल छात्रों के मुद्दों पर सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया देता है, बल्कि यह एक ऐसे राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा भी बन जाता है जो विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों से जुड़ा होता है।

ओडिशा में विरोध प्रदर्शन का असर

ABVP द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों ने ओडिशा में व्यापक असर डाला। छात्रों, कार्यकर्ताओं और स्थानीय समुदायों ने इन प्रदर्शनों में भाग लिया और प्रकृति लाम्साल के लिए न्याय की मांग की। इसके अलावा, इन प्रदर्शनों ने ओडिशा में पढ़ने आए विदेशी छात्रों, खासकर नेपाली छात्रों के मुद्दों को भी उठाया।

ABVP ने इन प्रदर्शनों को ऐसे तरीके से आयोजित किया कि यह न केवल छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा की बात करता था, बल्कि यह उस संस्थान और शासन के खिलाफ एक आक्रोश भी था जिसने छात्रों के साथ उचित व्यवहार नहीं किया। इस प्रकार, ABVP का यह आंदोलन नेपाली छात्रों के लिए एक आवाज बन गया और छात्रों के अधिकारों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण मोर्चा खोला।

ABVP का प्रभाव और परिणाम

ABVP की त्वरित और ठोस प्रतिक्रिया ने इस संकट को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संगठन ने न केवल छात्रों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की बल्कि न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शनों को भी सुव्यवस्थित किया। उनके प्रयासों ने यह सिद्ध कर दिया कि छात्र संगठन समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और छात्र समुदाय के अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।

ABVP के इस कदम ने यह भी साबित किया कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सक्रियता से प्रतिक्रिया करना न केवल छात्रों के लिए सुरक्षा की भावना पैदा करता है, बल्कि समाज में बड़े बदलाव का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा, यह संगठन के लिए एक अवसर भी था कि वह अपने नेतृत्व और जिम्मेदारी की भूमिका को स्पष्ट रूप से पेश कर सके।

 प्रकृति लाम्साल की दुखद आत्महत्या ने ओडिशा के छात्रों, विशेष रूप से नेपाली छात्रों के लिए कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए। ABVP ने इस मुद्दे पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और नेपाली छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी भूमिका निभाई।

ABVP का यह त्वरित और समन्वित कदम यह दर्शाता है कि छात्र संगठन समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। इसके अलावा, इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा, सहानुभूति और न्याय के अधिकारों की रक्षा करना कितना महत्वपूर्ण है।

इस पूरे मामले में ABVP का सक्रिय हस्तक्षेप यह साबित करता है कि छात्र संगठनों की जिम्मेदारी केवल शिक्षा तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी आवाज उठानी चाहिए।

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